By Dr SB Misra
हमारे देश में जाति व्यवस्था को बहुत सी बुराइयों के लिए दोषी माना जाता है और आजादी के बाद अनेक समाज सुधारक हुए है। समाजवादियों, साम्यवादियों और अन्य राजनेताओं ने जाति विहीन समाज पर जोर दिया था। उनका प्रयास था कि जातिवादी व्यवस्था में ऊंच-नीच और छुआछूत के अनेक रोग पैदा होते हैं।
By Akankhya Rout
हम बर्थडे या किसी दूसरे जश्न में गुब्बारों से घर, इमारत ज़रूर सजा लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये कितने ख़तरनाक हो सकते हैं? तभी तो बैंगलोर की ओडेट कटरक गुब्बारों के खिलाफ मुहिम चला रहीं हैं।
By Divendra Singh
केरल के वायनाड में भूस्खलन से हज़ारों लोग प्रभावित हुए हैं, 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है, अभी भी कई लोग लापता हैं। न जाने कितने लोग घायल हुए हैं, तस्वीरों में देखिए यहाँ तबाही का मंजर। फोटो क्रेडिट: हेमंत ब्यतरॉय, ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया
By Divendra Singh
वायनाड की तबाही के बीच कुछ ऐसी भी कहानियाँ सामने आईं हैं, जिन्हें पढ़कर आपको लगेगा की अभी भी उम्मीद जिंदा है।
By Dr SB Misra
यदि कोई दलित-शोषित वर्ग होता तो उस समाज से बिजली पासी जैसा हुकूमत करने वाला शासक नहीं पैदा हो सकता था। यह कहना कि शासन करना केवल क्षत्रियों का अधिकार था पूरी तरह सत्य नहीं है।
By Ashwani Kumar Dwivedi
हेयर एक्सपर्ट और मैजिक शो के माध्यम से पाँच हज़ार से अधिक छात्राओं को बालों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।
By गाँव कनेक्शन
किसान आंदोलन के लिए पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्यों से किसान दिल्ली पहुँच रहे हैं। प्रशासन ने दिल्ली बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम किए हैं। कई जगहों पर कांटों की तार और बैरिकेट्स भी लगाये गए हैं। राजधानी दिल्ली सहित पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 लागू है।
By Dr. Amit Verma
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक समय में रेडियो एक संचार का बहुत ही बड़ा माध्यम था। इसके ज़रिए लोग अपनी बात को जन जन तक पहुँचा पाते थे और इस पर कई सारे मनोरंजन के कार्यक्रम भी होते थे; जिस वजह से लोग पहले के समय में रेडियो को सुनना पसंद करते थे। लेकिन बदलते दौर में लोगों की रेडियो में दिलचस्पी कम हो गई है और अब लोग अपना सभी प्रोग्राम टीवी और अपने स्मार्टफोन पर देख लेते हैं।
By गाँव कनेक्शन
असर की रिपोर्ट के अनुसार 90% बच्चों के पास या उनके घर पर स्मार्टफोन हैं, जबकि वही 43.7% लड़कों के पास उनका खुद का फ़ोन हैं; लेकिन इसमें दो-तिहाई बच्चे इसकी मदद से पढ़ाई करते हैं।
By गाँव कनेक्शन
आज अंतरिम बजट पेश कर दिया गया। ये साल 2024-2025 लोकसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया गया लेखानुदान है। जिसमें उम्मीद के मुताबिक किसान और महिलाओं के लिए किए जा रहे कामों का जिक्र भी था। प्रधानमंत्री ने इस बजट को मजबूत भविष्य की गारंटी बताया है।

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By Neha Thakare, Neha J T, Anuj test 1, Anuj Sharma M360, Shivansh Singh, Kapil Narang, Onesha
By Neha Thakare
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