आतंकी सैफुल्ला का शव लेने से पिता और भाई का इनकार कहा, जो देश का न हो सका वह हमारा क्या होगा
Sanjay Srivastava | Mar 08, 2017, 17:37 IST |
आतंकी सैफुल्ला का शव लेने से पिता और भाई का इनकार कहा
लखनऊ /कानपुर (भाषा)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हाजी कालोनी इलाके में मंगलवार देर रात चली मुठभेड़ में मारे गए इस्लामिक स्टेट (आईएस) के संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला के परिजनों ने बुधवार को उसका शव लेने से इनकार कर दिया। उसके पिता सरताज ने मीडियाकर्मियों से कहा, "जो देश का नहीं हो सका वह हमारा क्या होगा।" उन्हें लखनऊ ले जाने के लिए कानपुर पहुंची पुलिस टीम खाली हाथ वापस लौट गई।
आतंकी सैफुल्ला के पिता ने का कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने सैफुल्ला को मारा है तो कुछ सोच समझ कर ही मारा होगा, उसने कुछ गलत किया होगा।
कानपुर पुलिस के एसपी सिटी सोमेन वर्मा ने बताया कि लखनऊ में आज मारे गए आतंकी सैफुल्ला का परिवार कानपुर के जाजमउ के बंगालीघाट के पास रहता है। आज सुबह पुलिस ने परिवारवालों से शव लेने को कहा तो उसके पिता और भाई ने शव लेने से इंकार कर दिया।
सैफुल्ला के पिता सरताज ने आज दोपहर बाद मीडिया से बातचीत में कहा ‘‘सैफुल्ला ढाई माह पहले तक यहीं रहता था लेकिन कोई काम नही करता था इसलिए मैने उसको मारा था और कुछ काम करने को कहा था इस पर नाराज होकर वह घर छोड़कर चला गया। उसके बाद उसका कुछ पता नही चला।
सोमवार 6 मार्च को उसका फोन आया था कि अब्बा हमें सऊदी अरब का वीजा मिल गया है और मैं सऊदी अरब जा रहा हूं तो मैंने कहा जाओ, उसके बाद आज सुबह उसके मारे जाने की खबर मिली।”
सैफुल्ला के भाई खालिद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने कोई देशहित में काम तो नही किया था, अब हम उनका शव यहां लाकर भीड़ बढ़ाए और लोग हमें भला बुरा कहें, इसलिए हम उनका शव नही लेंगे। पुलिस अधिकारियों ने अगर कोई कार्रवाई उनके खिलाफ की है तो सोच समझ कर ही होगी, हम अब और अपनी परेशानियां बढ़ाना नही चाहते है।
आतंकी सैफुल्ला के पिता ने का कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने सैफुल्ला को मारा है तो कुछ सोच समझ कर ही मारा होगा, उसने कुछ गलत किया होगा।
कानपुर पुलिस के एसपी सिटी सोमेन वर्मा ने बताया कि लखनऊ में आज मारे गए आतंकी सैफुल्ला का परिवार कानपुर के जाजमउ के बंगालीघाट के पास रहता है। आज सुबह पुलिस ने परिवारवालों से शव लेने को कहा तो उसके पिता और भाई ने शव लेने से इंकार कर दिया।
सैफुल्ला के पिता सरताज ने आज दोपहर बाद मीडिया से बातचीत में कहा ‘‘सैफुल्ला ढाई माह पहले तक यहीं रहता था लेकिन कोई काम नही करता था इसलिए मैने उसको मारा था और कुछ काम करने को कहा था इस पर नाराज होकर वह घर छोड़कर चला गया। उसके बाद उसका कुछ पता नही चला।
सोमवार 6 मार्च को उसका फोन आया था कि अब्बा हमें सऊदी अरब का वीजा मिल गया है और मैं सऊदी अरब जा रहा हूं तो मैंने कहा जाओ, उसके बाद आज सुबह उसके मारे जाने की खबर मिली।”
सैफुल्ला के भाई खालिद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने कोई देशहित में काम तो नही किया था, अब हम उनका शव यहां लाकर भीड़ बढ़ाए और लोग हमें भला बुरा कहें, इसलिए हम उनका शव नही लेंगे। पुलिस अधिकारियों ने अगर कोई कार्रवाई उनके खिलाफ की है तो सोच समझ कर ही होगी, हम अब और अपनी परेशानियां बढ़ाना नही चाहते है।