By Mehroob Mushtaq
श्रीनगर में एक कुम्हार परिवार कई दिन पहले दिवाली की तैयारी शुरू कर देता है, ये मिट्टी के सुंदर दीए बनाते हैं; इनके बनाए 'दीये' की बहुत माँग है और ये घाटी में हिंदू-मुस्लिम सद्भाव का एक बेहतरीन उदाहरण है।
By Aishwarya Tripathi
कल्पना, उत्तर प्रदेश के मिर्तला गाँव में एक 'सैनिटरी पैड डिपो' चलाती हैं। अपने इस काम से वे वहाँ की युवा लड़कियों की विश्वासपात्र बन गई हैं, जो अब बिना किसी झिझक के उनके साथ मासिक धर्म और व्यक्तिगत स्वच्छता के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करती हैं। पिछले तीन साल से कल्पना गांव की महिलाओं को सस्ते दामों पर सैनिटरी पैड बेच रही हैं।
By Sumit Yadav
उन्नाव, उत्तर प्रदेश में महिलाओं का स्वयं सहायता समूह, होली के लिए फलों, सब्जियों और फूलों से निकाले गए रंगों से गुलाल तैयार कर रहा है।
By Ashis Senapati
कमला मोहराना ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के एक छोटे से गाँव में उस महिला स्वयं सहायता समूह का हिस्सा हैं, जो दूध के पाउच, सिगरेट के पैकेट, गुटखा के रैपर को बड़ी कुशलता के साथ सुंदर शिल्प में बदलने का काम कर रहा है। इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि उनके गाँव और आसपास के इलाके में साफ-सफाई भी हो रही है।
By गाँव कनेक्शन
एक गैर-सरकारी संगठन और राज्य सरकार द्वारा संचालित एक संयुक्त आजीविका प्रोत्साहन कार्यक्रम के जरिए मध्य प्रदेश के धार जिले के आठ गाँव वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं। इसने न केवल जैविक खेती में योगदान दिया है बल्कि महंगे उर्वरकों पर निर्भरता भी कम हुई है।
By Manoj Choudhary
बिरहोर जनजाति झारखंड के आठ विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) में से एक है जो गरीबी और अभाव में फंसा हुआ है। जेहेन गुटवा गाँव की बिरहोर महिलाओं को सब्जी की खेती और पशुपालन में प्रशिक्षित करने की एक पहल ने पलायन को रोका है और समुदाय के पोषण स्तर में सुधार किया है।
By Divendra Singh
देश के कुछ राज्यों में बाढ़ का समय बकरियों के लिए घातक साबित होता है, क्योंकि उनके घरों में पानी भर जाता है। लेकिन इस एक पहल से बकरियां बाढ़ और बारिश में भी सुरक्षित रहेंगी, इस पहल की शुरूआत बिहार में की गई है।
By Manoj Choudhary
राजस्थान में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की एक योजना काफी फायदेमेंद साबित हो रही, पानी की कमी वाले गिरोनिया गाँव के किसान रबी के मौसम में गेहूं की खेती कर रहे हैं, और उनके सरसों के उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है।
By Ashish Anand
बड़वानी जिले में बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए, हर बच्चा स्कूल जा रहा है कि सुनिश्चित करने के लिए लोगों द्वारा चलाए जा रहे 'लर्निंग सेंटर' काफी मददगार साबित हुए हैं।
By Ankit Rathore
बुजुर्ग महिलाओं को पढ़ना-लिखना सिखाना बीना सिंह का मिशन है। 2019 से, अपने एनजीओ, आइडियल वुमन वेलफेयर सोसाइटी के जरिए बीना देवी दादियों और नानियों को मुफ्त में पढ़ा रही हैं। इस पहल ने बुजुर्ग महिलाओं को सशक्त और स्वतंत्र महसूस करने में मदद की है।

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By Neha Thakare, Neha J T, Anuj test 1, Anuj Sharma M360, Shivansh Singh, Kapil Narang, Onesha
By Neha Thakare
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