कश्मीरी मुस्लिम परिवार के बनाए दीयों से रौशन होंगे घर
कश्मीरी मुस्लिम परिवार के बनाए दीयों से रौशन होंगे घर

By Mehroob Mushtaq

श्रीनगर में एक कुम्हार परिवार कई दिन पहले दिवाली की तैयारी शुरू कर देता है, ये मिट्टी के सुंदर दीए बनाते हैं; इनके बनाए 'दीये' की बहुत माँग है और ये घाटी में हिंदू-मुस्लिम सद्भाव का एक बेहतरीन उदाहरण है।

गाँव की एक युवती और उसका टीन का डिब्बा कैसे तोड़ रहा हैं मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाएं
गाँव की एक युवती और उसका टीन का डिब्बा कैसे तोड़ रहा हैं मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाएं

By Aishwarya Tripathi

कल्पना, उत्तर प्रदेश के मिर्तला गाँव में एक 'सैनिटरी पैड डिपो' चलाती हैं। अपने इस काम से वे वहाँ की युवा लड़कियों की विश्वासपात्र बन गई हैं, जो अब बिना किसी झिझक के उनके साथ मासिक धर्म और व्यक्तिगत स्वच्छता के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करती हैं। पिछले तीन साल से कल्पना गांव की महिलाओं को सस्ते दामों पर सैनिटरी पैड बेच रही हैं।

चुकंदर, पालक और गेंदे के फूलों से बने प्राकृतिक गुलाल के साथ खेलिए होली
चुकंदर, पालक और गेंदे के फूलों से बने प्राकृतिक गुलाल के साथ खेलिए होली

By Sumit Yadav

उन्नाव, उत्तर प्रदेश में महिलाओं का स्वयं सहायता समूह, होली के लिए फलों, सब्जियों और फूलों से निकाले गए रंगों से गुलाल तैयार कर रहा है।

कभी लोग ‘कचरा बीनने वाली’ कहकर मजाक उड़ाते थे, आज 40 महिलाओं को दे रहीं है रोजगार
कभी लोग ‘कचरा बीनने वाली’ कहकर मजाक उड़ाते थे, आज 40 महिलाओं को दे रहीं है रोजगार

By Ashis Senapati

कमला मोहराना ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के एक छोटे से गाँव में उस महिला स्वयं सहायता समूह का हिस्सा हैं, जो दूध के पाउच, सिगरेट के पैकेट, गुटखा के रैपर को बड़ी कुशलता के साथ सुंदर शिल्प में बदलने का काम कर रहा है। इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि उनके गाँव और आसपास के इलाके में साफ-सफाई भी हो रही है।

मध्य प्रदेश: अब महिला किसान खेती में करती हैं वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल, रसायनिक उर्वरकों पर कम हुई निर्भरता
मध्य प्रदेश: अब महिला किसान खेती में करती हैं वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल, रसायनिक उर्वरकों पर कम हुई निर्भरता

By गाँव कनेक्शन

एक गैर-सरकारी संगठन और राज्य सरकार द्वारा संचालित एक संयुक्त आजीविका प्रोत्साहन कार्यक्रम के जरिए मध्य प्रदेश के धार जिले के आठ गाँव वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं। इसने न केवल जैविक खेती में योगदान दिया है बल्कि महंगे उर्वरकों पर निर्भरता भी कम हुई है।

खेती और पशुपालन में प्रशिक्षण पाकर सशक्त बन रहीं हैं झारखंड की बिरहोर आदिवासी महिलाएं
खेती और पशुपालन में प्रशिक्षण पाकर सशक्त बन रहीं हैं झारखंड की बिरहोर आदिवासी महिलाएं

By Manoj Choudhary

बिरहोर जनजाति झारखंड के आठ विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) में से एक है जो गरीबी और अभाव में फंसा हुआ है। जेहेन गुटवा गाँव की बिरहोर महिलाओं को सब्जी की खेती और पशुपालन में प्रशिक्षित करने की एक पहल ने पलायन को रोका है और समुदाय के पोषण स्तर में सुधार किया है।

बहुत खास हैं बकरियों के ये घर, बाढ़ और बारिश में सुरक्षित रहेंगी बकरियां; सालों साल तक नहीं होंगे खराब
बहुत खास हैं बकरियों के ये घर, बाढ़ और बारिश में सुरक्षित रहेंगी बकरियां; सालों साल तक नहीं होंगे खराब

By Divendra Singh

देश के कुछ राज्यों में बाढ़ का समय बकरियों के लिए घातक साबित होता है, क्योंकि उनके घरों में पानी भर जाता है। लेकिन इस एक पहल से बकरियां बाढ़ और बारिश में भी सुरक्षित रहेंगी, इस पहल की शुरूआत बिहार में की गई है।

राजस्थान: बारिश के पानी को सहेजने के लिए बनाए गए तालाबों की मदद से गेहूं की भी खेती करने लगे हैं किसान
राजस्थान: बारिश के पानी को सहेजने के लिए बनाए गए तालाबों की मदद से गेहूं की भी खेती करने लगे हैं किसान

By Manoj Choudhary

राजस्थान में वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की एक योजना काफी फायदेमेंद साबित हो रही, पानी की कमी वाले गिरोनिया गाँव के किसान रबी के मौसम में गेहूं की खेती कर रहे हैं, और उनके सरसों के उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है।

मध्य प्रदेश: बड़वानी में बच्चों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं ग्रामीण शिक्षा केंद्र
मध्य प्रदेश: बड़वानी में बच्चों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं ग्रामीण शिक्षा केंद्र

By Ashish Anand

बड़वानी जिले में बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए, हर बच्चा स्कूल जा रहा है कि सुनिश्चित करने के लिए लोगों द्वारा चलाए जा रहे 'लर्निंग सेंटर' काफी मददगार साबित हुए हैं।

75 साल की लालती देवी भी अब अंगूठा नहीं लगाती, बल्कि अपना नाम लिखती हैं; दादी-नानी और अम्मा का अनोखा स्कूल
75 साल की लालती देवी भी अब अंगूठा नहीं लगाती, बल्कि अपना नाम लिखती हैं; दादी-नानी और अम्मा का अनोखा स्कूल

By Ankit Rathore

बुजुर्ग महिलाओं को पढ़ना-लिखना सिखाना बीना सिंह का मिशन है। 2019 से, अपने एनजीओ, आइडियल वुमन वेलफेयर सोसाइटी के जरिए बीना देवी दादियों और नानियों को मुफ्त में पढ़ा रही हैं। इस पहल ने बुजुर्ग महिलाओं को सशक्त और स्वतंत्र महसूस करने में मदद की है।

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