‘लापता’ चंद्रयान-1 चंद्रमा की परिक्रमा करता हुआ मिला, नासा ने रेडार तकनीक से इसका पता लगाया
Sanjay Srivastava | Mar 10, 2017, 18:17 IST |
‘लापता’ चंद्रयान-1 चंद्रमा की परिक्रमा करता हुआ मिला
वाशिंगटन (भाषा)। भारत के चंद्रमा मिशन पर भेजा गया अंतरिक्षयान ‘चंद्रयान-1' अब भी चंद्रमा की परिक्रमा करता हुआ पाया गया, जिसे लापता मान लिया गया था। नासा ने भूमि आधारित रेडार तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस अंतरिक्षयान का पता लगाया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-1 के साथ 29 अगस्त, 2009 को संपर्क खत्म हो गया था। इसे 22 अक्तूबर, 2008 को प्रक्षेपित किया गया था।
कैलीफोर्निया स्थित नासा के ‘जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी' (जेपीएल) के वैज्ञानिकों ने इस अंतरिक्ष यान का सफलतापूर्वक पता लगाया है, यह अंतरिक्षयान अब भी चंद्रमा की सतह से करीब 200 किलोमीटर उपर चक्कर लगा रहा है।
जेपीएल में रेडार वैज्ञानिक मरीना ब्रोजोविक ने कहा, ‘‘हम नासा के लूनर रिकोनाइसां ऑर्बिटर (एलआरओ) तथा इसरो के चंद्रयान-1 को चांद की कक्षा में पता लगाने में सफल रहे हैं।''
उन्होंने कहा, ‘‘एलआरओ का पता लगाना तुलनात्मक रूप से आसान था क्योंकि मिशन के नौवहकों और कक्षा के डाटा को लेकर काम कर रहे थे जहां यह स्थित था। भारत के चंद्रयान-1 का पता लगाने के लिए और अधिक काम करने की जरुरत है क्योंकि अंतरिक्षयान के साथ आखिरी संपर्क अगस्त, 2009 में हुआ था।''
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-1 के साथ 29 अगस्त, 2009 को संपर्क खत्म हो गया था। इसे 22 अक्तूबर, 2008 को प्रक्षेपित किया गया था।
कैलीफोर्निया स्थित नासा के ‘जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी' (जेपीएल) के वैज्ञानिकों ने इस अंतरिक्ष यान का सफलतापूर्वक पता लगाया है, यह अंतरिक्षयान अब भी चंद्रमा की सतह से करीब 200 किलोमीटर उपर चक्कर लगा रहा है।
जेपीएल में रेडार वैज्ञानिक मरीना ब्रोजोविक ने कहा, ‘‘हम नासा के लूनर रिकोनाइसां ऑर्बिटर (एलआरओ) तथा इसरो के चंद्रयान-1 को चांद की कक्षा में पता लगाने में सफल रहे हैं।''
उन्होंने कहा, ‘‘एलआरओ का पता लगाना तुलनात्मक रूप से आसान था क्योंकि मिशन के नौवहकों और कक्षा के डाटा को लेकर काम कर रहे थे जहां यह स्थित था। भारत के चंद्रयान-1 का पता लगाने के लिए और अधिक काम करने की जरुरत है क्योंकि अंतरिक्षयान के साथ आखिरी संपर्क अगस्त, 2009 में हुआ था।''