सीबीएसई करेगा स्कूलों की ऑनलाइन निगरानी
गाँव कनेक्शन | Feb 10, 2017, 11:36 IST |
सीबीएसई करेगा स्कूलों की ऑनलाइन निगरानी
गाँव कनेक्शन संवाददाता
मैनपुरी। दो-चार कमरों में विद्यालयों का संचालन करने वाले स्कूल संचालक अब झूठे प्रलोभन देकर अभिभावकों को गुमराह नहीं कर पाएंगे। बोर्ड ने स्कूलों में संचालन होने वाली सभी गतिविधियों को अब ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड करने के इंतजाम कराए हैं। स्कूल संचालकों को अपने यहां उपलब्ध सुविधाओं और उनके उपयोग से संबंधित प्रत्येक जानकारी को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
सीबीएसई ने अब विद्यालयों और अभिभावकों के बीच पूरी पारदर्शिता रखने की व्यवस्था कर दी है। बोर्ड से संबद्ध सभी विद्यालयों को अपने स्कूल भवन की वास्तविक तस्वीरों को जियोग्राफिक इंफारमेशन सिस्टम (जीआईएस) पर अपलोड करना होगा। सभी विद्यालयों को 24 घंटे बोर्ड से ऑनलाइन संपर्क में रहना पड़ेगा। बोर्ड जीआइएस सर्वे के द्वारा गूगल के माध्यम से विद्यालयों की उन तस्वीरों की जांच कराएगा, जो विद्यालय संचालकों द्वारा वेबसाइट पर अपलोड कराई गई हैं।जांच के दौरान भिन्नता मिलने पर भ्रमित करने वाले विद्यालयों की मान्यता खतरे में पड़ जाएगी।
डॉ. राममोहन, जिला को-आर्डीनेटर, सीबीएसई
बोर्ड विद्यालयों के प्रास्पेक्टस की भी मानीटरिंग कराएगा। बच्चों के एडमिशन के लिए अभिभावकों को दिए जाने वाले प्रास्पेक्टस में विद्यालय संचालकों को वसूली जाने वाली फीस का भी हिसाब बोर्ड को देना होगा। मसलन, किस बात के लिए कितनी फीस निर्धारित है, जिसका जिक्र प्रास्पेक्टस में किया गया है। क्या वे वास्तव में वहां मौजूद भी हैं या नहीं।
मैनपुरी। दो-चार कमरों में विद्यालयों का संचालन करने वाले स्कूल संचालक अब झूठे प्रलोभन देकर अभिभावकों को गुमराह नहीं कर पाएंगे। बोर्ड ने स्कूलों में संचालन होने वाली सभी गतिविधियों को अब ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड करने के इंतजाम कराए हैं। स्कूल संचालकों को अपने यहां उपलब्ध सुविधाओं और उनके उपयोग से संबंधित प्रत्येक जानकारी को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
सीबीएसई ने अब विद्यालयों और अभिभावकों के बीच पूरी पारदर्शिता रखने की व्यवस्था कर दी है। बोर्ड से संबद्ध सभी विद्यालयों को अपने स्कूल भवन की वास्तविक तस्वीरों को जियोग्राफिक इंफारमेशन सिस्टम (जीआईएस) पर अपलोड करना होगा। सभी विद्यालयों को 24 घंटे बोर्ड से ऑनलाइन संपर्क में रहना पड़ेगा। बोर्ड जीआइएस सर्वे के द्वारा गूगल के माध्यम से विद्यालयों की उन तस्वीरों की जांच कराएगा, जो विद्यालय संचालकों द्वारा वेबसाइट पर अपलोड कराई गई हैं।जांच के दौरान भिन्नता मिलने पर भ्रमित करने वाले विद्यालयों की मान्यता खतरे में पड़ जाएगी।
नए शिक्षा सत्र से बोर्ड व्यवस्था में कई बड़े बदलाव करने जा रहा है। अब दो-चार कमरों में विद्यालय संचालित कर अभिभावकों को गुमराह नहीं किया जा सकेगा। बेहतर सुविधाओं के दावों पर भी बोर्ड नजर रखेगा।
बोर्ड विद्यालयों के प्रास्पेक्टस की भी मानीटरिंग कराएगा। बच्चों के एडमिशन के लिए अभिभावकों को दिए जाने वाले प्रास्पेक्टस में विद्यालय संचालकों को वसूली जाने वाली फीस का भी हिसाब बोर्ड को देना होगा। मसलन, किस बात के लिए कितनी फीस निर्धारित है, जिसका जिक्र प्रास्पेक्टस में किया गया है। क्या वे वास्तव में वहां मौजूद भी हैं या नहीं।