गोवा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को फटकारा
 Sanjay Srivastava |  Mar 14, 2017, 13:38 IST | 
 गोवा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को फटकारा
    नई दिल्ली। गोवा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से पूछा, राज्यपाल के सामने दावा क्यों नहीं किया। ये मामला राज्यपाल के विशेषाधिकार का मामला है। वहीं गोवा मुद्दे पर कांग्रेस ने लोकसभा से वाकआऊट कर दिया है।   
   
गोवा में राजनीतिक गहमागहमी का दौर जारी है। भारतीय जनता के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर आज शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
   
कांग्रेस ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल मृदुला सिन्हा के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। कांग्रेस इस मुद्दे पर मंगलवार सुबह राज्यपाल सिन्हा से भी मिलने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि वह राज्यपाल से मांग करेगी कि 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव में 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप उभरने के कारण उसे सरकार बनाने का मौका दिया जाए।
   
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला राज्यपाल के विशेषाधिकार का मामला है। आपको वहीं जाकर अपनी बात रखनी चाहिए थी।
   
कांग्रेस का आरोप है कि गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए था भाजपा को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।
   
गोवा में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 21 सीटों की जरूरत है। भाजपा को हालांकि 13 सीटें मिली हैं, लेकिन उसने अन्य विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, जबकि कांग्रेस यहां चूक गई।विधायक दल का नेता नहीं चुने जाने की वजह से वह सोमवार को सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाई।
   
   कांग्रेस ने खुद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद गोवा के राज्यपाल द्वारा राज्य में भाजपा नीत गठबंधन को सरकार बनाने के लिए पहले ही आमंत्रित करने का मुद्दा आज लोकसभा में उठाया। कांग्रेस ने गोवा, मणिपुर के घटनाक्रम को लोकतंत्र की हत्या बताया। स्पीकर द्वारा प्रश्नकाल में इस मुद्दे पर नहीं बोलने की अनुमति देने पर कांग्रेस, राकांपा, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।   
   
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया।
   
   
   
    मल्लिकार्जुन खडगे कांग्रेस नेता      
   
कांग्रेस सदस्यों के अपनी बात रखने का मौका दिए जाने के आग्रह के बाद जब अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी तो खडगे ने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं और सदन से वाकआउट करते हैं।इसके बाद कांग्रेस, राकांपा, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
   
उल्लेखनीय है कि गोवा में कांग्रेस के 17 विधायक हैं जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 13 है। गोवा फारवर्ड पार्टी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं, तीन विधायक निर्दलीय और राकांपा का एक विधायक है। पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर की नियुक्ति को चुनौती भी दी है।
   
मणिपुर में भी कांग्रेस 28 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, मणिपुर में भाजपा 21 सीट जीतकर दूसरे स्थान पर रही है, दोनों दलों ने मणिपुर में सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
   
   
   
 
गोवा में राजनीतिक गहमागहमी का दौर जारी है। भारतीय जनता के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर आज शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
कांग्रेस ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल मृदुला सिन्हा के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। कांग्रेस इस मुद्दे पर मंगलवार सुबह राज्यपाल सिन्हा से भी मिलने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि वह राज्यपाल से मांग करेगी कि 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव में 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप उभरने के कारण उसे सरकार बनाने का मौका दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला राज्यपाल के विशेषाधिकार का मामला है। आपको वहीं जाकर अपनी बात रखनी चाहिए थी।
कांग्रेस का आरोप है कि गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए था भाजपा को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।
गोवा में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 21 सीटों की जरूरत है। भाजपा को हालांकि 13 सीटें मिली हैं, लेकिन उसने अन्य विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया, जबकि कांग्रेस यहां चूक गई।विधायक दल का नेता नहीं चुने जाने की वजह से वह सोमवार को सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाई।
लोकसभा में गूंजा गोवा, मणिपुर का घटनाक्रम
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने इस मुद्दे को उठाने का प्रयास किया।
यह लोकतंत्र की हत्या है, भाजपा ऐसा कर रही है। हमें अपनी बात रखने दिया जाए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि अभी नहीं। जो कुछ भी कहना है, वे प्रश्नकाल के बाद कहें। अन्नद्रमुक सदस्यों को कुछ कहते देखा गया। हालांकि प्रश्नकाल के बाद मौका दिए जाने के स्पीकर के आश्वासन पर वे शांत हो गए।
कांग्रेस सदस्यों के अपनी बात रखने का मौका दिए जाने के आग्रह के बाद जब अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी तो खडगे ने कहा कि वे इसका विरोध करते हैं और सदन से वाकआउट करते हैं।इसके बाद कांग्रेस, राकांपा, राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
उल्लेखनीय है कि गोवा में कांग्रेस के 17 विधायक हैं जबकि भाजपा के विधायकों की संख्या 13 है। गोवा फारवर्ड पार्टी और एमजीपी के तीन-तीन विधायक हैं, तीन विधायक निर्दलीय और राकांपा का एक विधायक है। पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर पर्रिकर की नियुक्ति को चुनौती भी दी है।
मणिपुर में भी कांग्रेस 28 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, मणिपुर में भाजपा 21 सीट जीतकर दूसरे स्थान पर रही है, दोनों दलों ने मणिपुर में सरकार बनाने का दावा पेश किया है।