पेड़ काटने बंद नहीं किये तो सिर्फ प्रदर्शनी में ही दिखेंगे आम

गाँव कनेक्शन | Jul 02, 2019, 06:51 IST |
पेड़ काटने बंद नहीं किये तो सिर्फ प्रदर्शनी में ही दिखेंगे आम
पेड़ काटने बंद नहीं किये तो सिर्फ प्रदर्शनी में ही दिखेंगे आम
रिपोर्ट- नेहा श्रीवास्तव

लखनऊ। आम के बागान बहुत देखे होंगे असली आमों की प्रदर्शनी भी बहुत देखी होगी लेकिन अब हम आपको आम पर बने आर्ट प्रदर्शनी दिखाते हैं। लखनऊ में स्थित एक होटल में लगे इस 'मैंगो आर्ट प्रदर्शनी' का आयोजन किया गया है, जिसे सीनियर आईएएस नवनीत सहगल की पत्नी वंदना सहगल के द्वारा आयोजित किया। इस प्रदर्शनी को सजाने के लिए कई राज्यों से कलाकार भी आये थे।


वंदना सहगल ने इस प्रदर्शनी के बारे में गाँव कनेक्शन को बताया, "आप चाहे किसी भी फ़ील्ड में चले जाये लेकिन अगर कला आपके अंदर ज़िंदा रहती है तो वो किसी भी रूप में ज़रूर उभरती है। हबीबउल्लाह जी ने बताया कि वो आम को लेकर एक प्रदर्शनी रखना चाहते हैं तो मैंने सोचा आम पर कलाकृति बनाना थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन फिर मैंने पांच प्रसिद्ध कलाकारों को चुना, जिनमें से कुछ नेशनल लेवल के आर्टिस्ट भी हैं।

RDESController-2187
RDESController-2187





इस प्रदर्शनी का थीम 'आम के पेड़ को बचाना तथा लखनऊ के मशहूर लखनवी आम तथा चिकन वर्क के बारे में बताना है'। ये एक्सिबिशन 22 जून से लेकर 22 जुलाई तक रहेगी।
अनिल बोड़वाल जो नई दिल्ली से अपनी कला फाइबर कास्ट को लेकर आये थे, वहीँ मनीषा कुमारी जमशेदपुर से लेज़र कटिंग के ज़रिये अपने हुनर को दिखाया, भूपेंद्र कुमार अस्थाना (आजमगढ़) ने पेपर मेशी का आर्ट दिखाया जलज यादव (इलाहाबाद) ने फ़ोटोग्राफ़ी को प्रदर्शित किया, विनय पॉल (असम) ने वुड क्राफ़्ट के ज़रिये प्रदर्शनी को सजाया।

मैंगो आर्ट प्रदर्शनी में पांच अलग अलग कलाकृतियों का उपयोग किया गया है, जिसमें फाइबर कास्ट, फाइबर बोर्ड (लेज़र कटिंग ), पेपर मेशी, चिकन वर्क, फ़ोटोग्राफ़ी, वुड क्राफ़्ट से मैंगो प्रदर्शनी को सजाया गया है ।

"इस गैलरी का जो कॉन्सेप्ट है वो यंग आर्टिस्ट को बढ़ावा देना है। इस प्रदर्शनी में देश के चार राज्यों से आर्टिस्ट आये थे। पहले की पेंटिंग्स बहुत जीवंत होती थी अब कलाकार का अपना भाव होता है। मैं जितने यंग आर्टिस्ट से मिलती हूँ मुझे एक खोखलेपन का अहसास होता है। मुझे लगता है हम अपने जीवन में इतना व्यस्त रहते हैं कि हम सोच ही नहीं पाते।" वंदना सहगल आगे बताती हैं।

इंस्टालेशन फोटोग्राफी माध्यम में पहली बार कला प्रदर्शनी लगाई गई है। दिल्ली से अनिल बोदवाल ने फाइवर ग्लास में 25 आम जिसमें तोतापरी, दशहरी, सुंदरी, केशर, सफेदा के नेचुरल खूबसूरती को दर्शाया है।

भूपेंद्र कुमार अस्थाना जो खुद एक कलाकार हैं बताते हैं, "अगर इसी तरह लगातार पेड़ का कटना बंद नहीं हुआ बागान उजड़ने बंद न हुए तो हम आम को या जितनी भी नेचुरल चीजें हैं उन्हें सिर्फ प्रदर्शनी में देख पाएंगे।"

फ़ोटोग्राफी आर्ट


इस आर्ट में फोटोग्राफी के ज़रिये एक थीम सेट करके उसके ऊपर फोटोग्राफी की जाती है और फ़ोटोग्राफ़ी करने के लिए कल्पना करना बहुत ज़रूरी होता है ।




RDESController-2188
RDESController-2188





वुड क्राफ़्ट आर्ट


इसमें लकड़ियों के प्रयोग से कलाकृतियां बनाई जातीं हैं।

RDESController-2189
RDESController-2189


पेपर मेशी


कागजों को गला कर इस आर्ट को बनाया जाता है। इस चित्रकारी को बनाने के लिए ट्रेम्परा रंग, रंग घोलने के लिए कटोरियां, हेयर ब्रश, स्टोव, सोने व चांदी के वर्क की आवश्यकता होती है। राजस्थानी पेपरमेशी खूब प्रचलित है।




RDESController-2190
RDESController-2190


































नए कलाकारों के लिए फ्री ऑफ़ कॉस्ट प्रदर्शनी एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। अपनी कलाओं को दिखाने का तथा ये प्रदर्शनी मौका देता है कि वो अपने कलाओं को यहाँ प्रदर्शित कर पाए इसके लिए उनसे किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जायेगा।विनय पॉल जो असम के कलाकार हैं नए कलाकारों के आर्थिक निराशा को लेकर बताते हैं, "नए कलाकारों के लिए स्ट्रगल है लेकिन अगर उनका आर्ट अच्छा है तो उसको ज़रूर तारीफ मिलेगी लेकिन उनको प्लेटफॉर्म के लिए काफ़ी मेहनत करना पड़ता है अगर हम प्लेटफार्म उपलब्ध करवाएं या सरकार भी इस पर ध्यान दें तो कलाकारों की दशा सुधर सकती है।"







Tags:
  • Uttar Pradesh
  • Summer Season
  • Exhibitions
  • Mangoes
  • Story
  • video

Previous Story
मिली कामयाबी : गुफा से बाहर आ गए कोच और सभी फुटबॉल खिलाड़ी

Contact
Recent Post/ Events