तेलंगाना बजट: करीब 1.50 लाख करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान, बजट में कोई नया कर नहीं
 Sanjay Srivastava |  Mar 14, 2017, 17:15 IST | 
 तेलंगाना बजट: करीब 1.50 लाख करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान
    हैदराबाद (भाषा)। तेलंगाना सरकार की ओर से राज्य विधानसभा में पेश किए गए तेलंगाना बजट 2017-18 में करीब 1.50 लाख करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है। बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है। बजट में कल्याणकारी योजनाओं, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार तथा पिछड़े वर्गों के परंपरागत पेशों के पुनरोद्धार पर विशेष ध्यान दिया गया है। 
   
राज्य के वित्त मंत्री ई राजेंद्र ने अपने बजट भाषण में कहा कि बजट में 1,49,646 करोड़ रुपए के व्यय का प्रस्ताव है। इसमें अनुमानित 61,607.20 करोड़ रुपए प्रतिबद्धताओं पर खर्च किया जाएगा तथा ‘88,038.80 करोड़ रुपए योजनाओं के तहत व्यय' किए जाने का प्रस्ताव है। यह वर्गीकरण योजनागत और गैर योजनागत का वर्गीकरण खत्म करने के केंद्र के निर्णय के अनुरुप है।
   
   राज्य में एक करोड़ एकड़ क्षेत्र को सिंचित बनाने के तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के संकल्प की दिशा में किए जा रहे उपायों के तहत 2017-18 में सिंचाई के लिए बजट में अनुमानित 25,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है। सभी घरों को पेयजल उपलब्ध कराने की टीआरएस की प्रमुख योजना ‘मिशन भगीरथ' के लिए बजट में 3000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इस मिशन के लिए बजट से इतर संसाधन जुटाने का प्रस्ताव भी है।   
   
   बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा पिछड़े वर्गों के परंपरागत वर्गों के पेशों के पुनरोद्धार पर जोर दिया गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए धोबियों और नाई ब्राहमण समुदायों के कल्याण के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।   
   
बुनकरों की मदद के लिए सरकार 1,200 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
   
पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए बजट में कुल मिला कर 5,070.36 करोड़ रुपए तथा महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं पर 1,731.50 खर्च करने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के लोगांे के कल्याण के लिए अगले साल क्रमश: 14,375.12 करोड़ रुपए और 8,165.88 खर्च करने की योजना है।
   
   सरकार ‘आसरा' सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना पर 5,330 करोड़ रुपए खर्च करेगी। छात्रों की ट्यूशन फीस को वापस करने की योजना के लिए 1,939.93 करोड़ रुपए दिए गए हैं।   
   
   
   
 
राज्य के वित्त मंत्री ई राजेंद्र ने अपने बजट भाषण में कहा कि बजट में 1,49,646 करोड़ रुपए के व्यय का प्रस्ताव है। इसमें अनुमानित 61,607.20 करोड़ रुपए प्रतिबद्धताओं पर खर्च किया जाएगा तथा ‘88,038.80 करोड़ रुपए योजनाओं के तहत व्यय' किए जाने का प्रस्ताव है। यह वर्गीकरण योजनागत और गैर योजनागत का वर्गीकरण खत्म करने के केंद्र के निर्णय के अनुरुप है।
सिंचाई के लिए बजट में अनुमानित 25,000 करोड़ रुपए का प्रावधान
परम्परागत पेशों के कल्याण के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट
बुनकरों की मदद के लिए सरकार 1,200 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए बजट में कुल मिला कर 5,070.36 करोड़ रुपए तथा महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं पर 1,731.50 खर्च करने का प्रस्ताव है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के लोगांे के कल्याण के लिए अगले साल क्रमश: 14,375.12 करोड़ रुपए और 8,165.88 खर्च करने की योजना है।