एक प्रोफेसर ऐसा भी, गरीब बच्चों को पढ़ाने लिए ट्रेन में मांगता है पैसे, अब सलमान करेंगे मदद

Mohit Asthana | Jul 16, 2017, 15:53 IST |
एक प्रोफेसर ऐसा भी
लखनऊ। आपने गरीब बच्चों की शिक्षा के लिये बहुत सी एनजीओ या फिर शिक्षण संस्थानों के बारे में सुना होगा लेकिन महाराष्ट्र के एक प्रोफेसर हैं जो गरीब बच्चों की शिक्षा के लिये मुंबई की लोकल ट्रेन में यात्रियों से पैसे मांगते हैं।

प्रोफेसर संदीप देसाई को ट्रेन में पैसे मांगने के अपराध में एक बार जुर्माना भी भरना पड़ा है। बावजूद इसके उन्होंने पैसे मांगना बंद नहीं किया और इस बार इनको आरपीएफ ने पकड़ कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जहां पर अभी भी इनका केस चल रहा है। आपको बता दें, अभिनेता सलमान खान ने भी उनकी इस मुहिम में आर्थिक मदद का वादा किया है।

कौन हैं प्रोफेसर संदीप देसाई

मुंबई के रहने वाले संदीप देसाई पहले मरीन इंजीनियर थे। कुछ वक्त के बाद उन्होंने मैनेजमेंट कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया। गाँव कनेक्शन से फोन पर बातचीत में प्रोफेसर देसाई ने बताया कि वह एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च में प्रोफेसर थे।



प्रोफेसर संदीप देसाई

गरीब बच्चों को पढ़ाने का आया ख्याल

प्रोफेसर देसाई बताते हैं कि प्रोजेक्ट के सिलसिले में उन्हे अक्सर गाँव में जाना पड़ता था वहां पर उन्होंने देखा कि बहुत से ग्रामीण बच्चे थे जो शिक्षा से वंचित थे। यह देखकर उनका मन बहुत ही व्यथित हुआ। बस वहीं से साल 2001 में श्लोक पब्लिक फाउंडेशन नाम के ट्रस्ट का गठन कर बच्चों को तालीम देना शुरू कर दिया। उन्होंने मुंबई के कुछ स्लम एरिया में भी देखा कि वहां रहने वाले बच्चे शिक्षा से वंचित है ये देखकर प्रोफेसर ने ट्रस्ट के माध्यम और अपने दोस्तों की मदद से साल 2005 में एक स्कूल स्थापित किया जहां स्लम ऐरिया के बच्चे भी पढ़ने के लिये आने लगे।

धीरे- धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। गौरतलब है कि साल 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून आने के बाद संदीप को अपना ये स्कूल बंद करना पड़ा था। कारण था प्राइवेट स्कूलों को गरीब बच्चों के लिये 25 प्रतिशत सीट आरक्षित करने की व्यवस्था लागू करना। देसाई ने बताया कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दी जा रही व्यवस्थाओं के बारे में गरीब बच्चों के माता-पिता को जानकारी ही नहीं थी। यह देखकर महाराष्ट्र के यवतमाल में उन्होंने एक इंगलिश मीडियम स्कूल खोला। जिसमें वो बच्चों को यूनिफार्म, किताबें और पिछले साल से खाना देना भी शुरू कर दिया है।



स्कूल में भोजन करते बच्चे। शुरू में तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ लेकिन बाद में लोगों ने हेल्प करना शुरू किया और अब लोकल ट्रेन में सफर करने वाले ज्यादातर लोग मुझे जानने लगे है। एक अच्छी बात ये हुई कि अब लोग जो भी डोनेशन देना चाहते है वो सीधे हमारे बैंक ऑफ इंडिया के एकाउंट नं. 002210100040149 ifsc-bkid0000022 में ही डाल देते है। आगे की योजना को गाँव कनेक्शन से साझा करते हुए प्रोफेसर देसाई ने बताया कि हम जल्द ही यूपी में भी ऐसे स्कूल खोलने की तैयारी में है।



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