इनकी बदौलत आपकी दावत की खुशियां किसी के लिए सुकून भरी नींद बन जाती हैं

Mohit Asthana | Jun 08, 2018, 09:51 IST |
इनकी बदौलत आपकी दावत की खुशियां किसी के लिए सुकून भरी नींद बन जाती हैं
इनकी बदौलत आपकी दावत की खुशियां किसी के लिए सुकून भरी नींद बन जाती हैं
लोगों को हमारा कांसेप्ट अच्छा लगा और वो हमसे जुडने लगे। उन्होंने बताया वैसे तो हम शादी-पार्टी के अलावा होटलों से भी बचा हुआ खाना लेते हैं।
हमारे देश में हर रोज न जाने कितना खाना बर्बाद होता है। होटलों, रेस्टोरेंट, शादी-पार्टी यहां तक कि घरों में बचा हुआ खाना फेंक दिया जाता है। वहीं इसी देश का एक दूसरा चेहरा ये भी है कि न जाने कितने ऐसे लोग है जो हर रोज भूखे सोते है। अगर यही खाना बर्बाद न करके इन मजबूरों तक पहुंचा दिया जाए तो कम से कम इनकी भूख तो शांत हो जाएगी। दिल्ली में ऐसा ही एक एनजीओ है जिसका नाम है फीडिंग इंडिया। इस एनजीओ का काम है रोजाना भूखों का पेट भरना। आप सोच रहे होंगे ये एनजीओ आखिर कैसे भूखे लोगों का पेट भरता है। इसके लिए हमने बात की फीडिंग इंडिया की कॉ-फाउंडर सृष्टि जैन से।




RDESController-2433
RDESController-2433





2014 में हुई थी फीडिंग इंडिया की शुरूआत

सृष्टि जैन ने बताया फीडिंग इंडिया की शुरूआत आज से चार साल पहले 2014 में हुई थी। मैं और मेरे कलीग अंकित एक शादी समारोह में गुडगाँव गए थे। वहां हमने देखा कि बहुत सा खाना बर्बाद हो रहा था। उन दिनों हम लोग एक कंपनी में काम करते थे। इतना खाना बर्बाद होता हुआ देखकर सृष्टि और अंकित ने अलग-अलग एनजीओ से संपर्क किया कि जो खाना बर्बाद हो रहा है। उसे जरूरत मंदों तक पहुचाएं लेकिन सभी ने ये कहकर मना कर दिया कि ये हमारा काम नहीं है। उसके बाद हम लोगों ने अपनी कारपोरेट जॉब छोड दी और शुरूआत करी फीडिंग इंडिया की। शुरूआत में तो बहुत मुश्किल था फायनेंशियली दिक्कत सामने आ रही थी। सृष्टि बताती हैं कि शुरूआत में हम केवल दो लोग ही थे लेकिन आज हमारे साथ 65 शहरों में 8500 वॉलेंटियर हैं। लोगों को हमारा कांसेप्ट अच्छा लगा और वो हमसे जुडने लगे। उन्होंने बताया वैसे तो हम शादी-पार्टी के अलावा होटलों से भी बचा हुआ खाना लेते हैं। इसके अलावा हमारी हेल्प लाइन नं 9871178810 पर भी लोग फोन करते हैं तो हमारे वालेंटियर वहां से भी खाना पिकअप करते हैं।




RDESController-2434
RDESController-2434


हाल ही में लॉच किया ई-व्हीकल


खाना लाने और ले जाने में वालेंटियर की परेशानी को देखते हुए हाल ही में एक ई-व्हीकल की शुरूआत की गई। जो बड़े-बड़े होटलों और रेस्टोरेंट्स, अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स और मैरिज हॉल से बचा हुआ खाना लाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाती है। इसे विश्व भुखमरी दिवस पर लॉन्च किया गया था, जिसका नाम 'दिल्ली की जान' रखा गया है। इस वैन की खासियत है कि ये इलेक्ट्रिक वैन है इसमें 9,000 लीटर का फ्रिज वाला स्टोरेज बॉक्स लगा हुआ है। इस वजह से अब खाना लाने में काफी आसानी रहती है। ये वैन चौबिस घंटे सातों दिन काम करती है।




RDESController-2435
RDESController-2435


फीडिंग इंडिया के को- फाउंडर अंकित कावत्रा को उनके काम के लिए 2017 में यंग लीडर्स अवॉर्ड मिल चुका है। सृष्टि बताती हैं कि आने वाले समय में उनकी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके ताकि कोई भी भूखा न सोए। सृष्टि का कहना है कि दिल्ली सरकार अगर हमें कुछ व्हीकल दे और हमारे वाहनों को मुफ्त में चार्ज करने की परमीशन देदे और हमारे लिए पार्किंग अलॉट कर दे तो हमें अपना काम करने में और आसानी होगी।


Tags:
  • FEEDING INDIA
  • WORLD HUNGER DAY
  • DILLI KI JAAN

Previous Story
इस इंजीनियर से सीखें, कैसे गर्म प्रदेश में भी कर सकते हैं स्ट्रॉबेरी की खेती

Contact
Recent Post/ Events