न हो किसी की एक्सीडेंट में मौत, इसलिए साइकिल पर हेलमेट लगाकर करते हैं जागरूक

Ishtyak Khan | Jan 19, 2018, 19:06 IST |
न हो किसी की एक्सीडेंट में मौत
औरैया। लोग बाइक चलाते समय हेलमेट पहनने से गुरेज करते हैं, लेकिन पीडब्लूडी विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात रमेश कुमार प्रजापति साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनते हैं। एक्सीडेंट में हेलमेट न पहनने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करते हैं। साइकिल पर हेलमेट पहन के चलने पर कुछ लोग देखकर तारीफ करते हैं तो कुछ पागल भी कहते हैं।



जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर शहर के दिबियापुर बाईपास नहर किनारे रहने वाले रमेश कुमार प्रजापति (49 वर्ष) पीडब्लूडी विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात है। आज के 12 साल पहले एक्सीडेंट हो जाने से सिर में अधिक चोट आ गई थी। तभी से रमेश ने संकल्प लिया कि खुद हेलमेट पहनेंगे और लोगों को भी जागरूक करेंगे।



हेलमेट पहनने और घर के लोगों के विरोध करने पर रमेश बताते हैं, ”12 साल पहले एक्सीडेंट हो गया था मेरा इसलिए हमने हेलमेट पहनकर साइकिल चलाने का संकल्प लिया और लोगों को हेलमेट पहनन कर बाइक चलाने के लिए जागरूक किया। मेरे अंदर अब एक जुनून है लोगों को जागरूक करने के लिए। एक्सीडेंट में अक्सर बिना हेलमेट वालों की मौत हो जाती है इसलिए हम लोगों को प्रेरणा देते है कि हेलमेट पहन कर बाइक चलाये। मैंने अपनी साइकिल को बाइक जैसा बना रखा है लोग हमारे साथ सेल्फी लेते है, पागल कहते हैं कभी कुत्ता दौड़ा देता है हम बहुत प्रसन्न होते है हम दुखी नहीं होते है। घर वालों ने साइकिल सजाने और हेलमेट पहन के बाइक चलाने का विरोध किया लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी।”

"मैं चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी हूं 26 हजार रूपये सैलरी मिलती है पत्नी पूरी सैलरी मांगती है लेकिन में फिर भी साइकिल के लिए बचा लेता हूं। मुझे कोई सरकारी मदद नहीं मिलती है जागरूक करने के लिए। फिर भी किसी चीज का गुरेज नहीं करता मैं।” रमेश ने आगे बताया। रमेश अपने आप में एक मिसाल है साइकिल पर हेलमेट लगाकर चलना और लोगों को जागरूक करना। जहां जाते है वहा देखने वालों की भीड़ उमड़ती है।



डीएम और एसपी ने की सराहना

बिना किसी सरकारी मदद से यातायात के लिए जागरूक करने के संबंध में पूछने पर रमेश बताते हैं, "मेरी साईकिल और हेलमेट देख डीएम, एसपी ने सराहना की और सम्मानित करने के लिए कहा लेकिन सम्मान नहीं मिला। हम किसी के सहारे नहीं रहते अपनी तनख्वाह से ही पैसे खर्च करते हैं। साईकिल मेंटेन करने में हर माह चार से पांच सौ रूपये खर्च हो जाते हैं।”



पत्नी एक बार बैठी साइकिल पर

रमेश कुमार प्रजापति बताते हैं, ”मेरी पत्नी प्रेमा देवी एक बार मेरी साईकिल पर बैठी तब से लेकर आज तक नहीं बैठी। लोगों ने कहा क्या बेच रहे तब से आज का दिन मेरे साथ नहीं गई कही। हम लोग एक साथ कहीं नहीं जाते हैं हम साईकिल पर हेलमेट पहनकर चलते है जब कि पत्नी वाहन से जाती है।”



ससुराल और रिश्तेदारी जाते हैं इसी साईकिल से

साईकिल को बाइक जैसा बनाना और उसमें पीछे नेम प्लेट अंकित होना एक शानदार गाड़ी दिखाना रमेश का एक सपना जैसा है। पूछने पर बताया, ”मैं अपनी ससुराल साईकिल से हेलमेट लगाकर जाता हूं इसके अलावा रिश्तेदारी में भी इसी तरह जाता हूं। मैं अपनी जिदंगी में कभी वाहन से कहीं नहीं गया। साईकिल में नेम प्लेट साईकिल के चेचिस का नंबर अंकित है।”



Tags:
  • Accident
  • बदलता इंडिया
  • औरैया जिला
  • No helmet
  • एस.पी.औरैया
  • wear helmets
  • औरैया समाचार
  • bicycles

Previous Story
पैसे दीजिए प्रेम पत्र लिखवाइए : बेंगलुरु के इंजीनियर ने ‘प्यार भरा’ खत लिखने को बनाया व्यवसाय

Contact
Recent Post/ Events