दुनिया के हर कोने में मौसम का बदलता मिज़ाज
दुनिया के हर कोने में मौसम का बदलता मिज़ाज

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

मई महीना आ गया, लेकिन अभी तक वसंत ऋतु दिखाई नहीं दी है। हिमालयी राज्यों में हाल ही में बर्फबारी हुई है, वहीं दूसरी ओर कई अन्य राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी जा चुकी है। मार्च की शुरुआत में ही गर्म हवाओं का दौर हम झेल चुके हैं। कैसे जलवायु परिवर्तन देश-दुनिया को प्रभावित कर रहा है, ये तो सिर्फ इसकी शुरुआत भर है।

आदिवासियों पर कोरोना का कहर: पहली लहर के मुकाबले कई गुना ज्यादा घातक है इस बार कोरोना की मार
आदिवासियों पर कोरोना का कहर: पहली लहर के मुकाबले कई गुना ज्यादा घातक है इस बार कोरोना की मार

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

पूर्वी महाराष्ट्र के आदिवासी जिले गढ़चिरौली में मार्च 2020 से मार्च 2021 तक कोरोना के लगभग 10,000 मामले आए और 100 मौतें हुईं, लेकिन दूसरी लहर में सिर्फ अप्रैल में ही लगभग इतने मामले आए और मौतें हुई हैं।

मई 2021 में कोविड संक्रमण और मौत का हर दूसरा मामला ग्रामीण भारत से था
मई 2021 में कोविड संक्रमण और मौत का हर दूसरा मामला ग्रामीण भारत से था

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

'स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2021' की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 53% नए मामले और कोरोना वायरस के कारण 52% मौतें भारत के ग्रामीण इलाकों में हुईं है। चिंता की बात यह है कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य कर्मियों की बेहद कमी है। सीएचसी स्तर पर 76.1 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है।

यह सिर्फ एक शब्दार्थ नहीं है, सच में यह जलवायु आपातकाल है
यह सिर्फ एक शब्दार्थ नहीं है, सच में यह जलवायु आपातकाल है

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

पाकिस्तान में इस साल जून से अब तक 3.3 करोड़ से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बांग्लादेश बाढ़ और सूखे दोनों से जूझ रहा है और भारत में, शुरुआती हीटवेव, उसके बाद शुरुआती बाढ़, और अब भारत-गंगा के मैदानों में सूखे जैसी स्थितियों ने हमारी मुख्य खाद्य फसलों - गेहूं और धान को प्रभावित किया है। इस बीच, ओरेगन (यूएसए) में जंगल की आग भड़क रही है और यूरोप 500 वर्षों में सबसे खराब सूखे से जूझ रहा है।

महामारी में ग्रामीणों की मदद करना चाहते हैं? कदम बढ़ाने के लिए रूरल रिस्पांस ट्रैकर है अच्छी पहल
महामारी में ग्रामीणों की मदद करना चाहते हैं? कदम बढ़ाने के लिए रूरल रिस्पांस ट्रैकर है अच्छी पहल

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

रूरल रिस्पॉन्स ट्रैकर एक सत्यापित डायरेक्टरी है, जिसमें चिकित्सा संबंधी मदद, भोजन, टीकाकरण, मानसिक स्वास्थ्य और अंतिम संस्कार जैसी सेवाओं के राज्य-वार और श्रेणी-वार विवरण को शामिल किया गया है।

खतरनाक साबित हो रही कोविड-19 की दूसरी लहर में ग्रामीण भारत का क्या है हाल?
खतरनाक साबित हो रही कोविड-19 की दूसरी लहर में ग्रामीण भारत का क्या है हाल?

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

गाँवों में अब लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी है। उन्हें बुखार और सर्दी-खांसी है, वहीं कई लोगों को सांस लेने में तकलीफ भी हो रही है। ये सभी कोविड-19 के लक्षण हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वहां कोविड परीक्षण और चिकित्सा सहायता की कोई नहीं व्यवस्था है। इसके साथ ही टीकाकरण भी नहीं हो रहा है।

पहाड़, पक्षी और जंगलों से गुज़रती पगडंडियाँ — प्राकृतिक खजाना है माथेरन
पहाड़, पक्षी और जंगलों से गुज़रती पगडंडियाँ — प्राकृतिक खजाना है माथेरन

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

महाराष्ट्र के इस हिल स्टेशन में कोई पक्की सड़क नहीं है और गाड़ियों का आने की सख्त मनाही है। केवल दिन के समय पक्षियों की आवाज होती है और रात में झींगुरों की। या, शायद खिड़की के शीशे पर और कॉटेज की लाल-टाइल वाली छतों पर बारिश की बूंदों की टिप टिप। माथेरान शहरों से ऊब चुके लोगों के लिए एक खूबसूरत पनाह है।

मानसून के तीन हफ्तों में बिहार में सामान्य से 171% अधिक बारिश; भारत में कुल 37% अधिक बारिश
मानसून के तीन हफ्तों में बिहार में सामान्य से 171% अधिक बारिश; भारत में कुल 37% अधिक बारिश

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से 21 जून के बीच की अवधि में देश में 37 फीसदी अधिक बारिश हुई है। इस दौरान, 100.5 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले 137.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस अवधि में बिहार में सामान्य से 171% अधिक बारिश हुई है, वहीं उत्तर प्रदेश में 158% बारिश हुई है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए ‘इकोसन’ टॉयलेट: एक इको कथा
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए ‘इकोसन’ टॉयलेट: एक इको कथा

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

क्या हो, अगर एक दिन आप उठे और ख़ुद को कमर तक पानी में पाएँ, आपका टॉयलेट गंदे बाढ़ के पानी में डूबा हुआ हो? और इसी तरह जीना है, एक या दो दिन नहीं, बल्कि कई हफ्तों तक..

नेपाल के जंगल आग की चपेट में, स्थानीय लोग कर रहे हैं मानसून का इंतजार
नेपाल के जंगल आग की चपेट में, स्थानीय लोग कर रहे हैं मानसून का इंतजार

Tue, 13 Aug 2024

By Nidhi Jamwal

कुछ दिनों पहले तक नेपाल के जंगलों का एक बड़ा हिस्सा आग की चपेट में था। देश के 77 में से लगभग 73 जिले जंगल की आग से प्रभावित थे। पिछले साल नवंबर के बाद से जंगलों में आग लगने की रिकॉर्ड 2700 घटनाएं हुई हैं। पिछले वर्षों की तुलना में यह बहुत ज्यादा है।

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