Tue, 13 Aug 2024
By Madhav Sharma
डूंगरपुर नगर परिषद ने 2018 में पहली बार शहर के छह वॉर्डों में 10-10 सिलाई मशीनों से ये सेंटर खोले। 10 महिलाओं से शुरू हुए इन प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या अब चार हो चुकी है और इनमें 200 महिलाएं अलग-अलग काम की ट्रेनिंग ले रही हैं।
Tue, 13 Aug 2024
By Madhav Sharma
खानाबदोश सिकलीगर समुदाय, जो गुरु तेग बहादुर की सेना के लिए हथियार बनाने का दावा करता है, अब घोर गरीबी में जी रहा है और उनके बच्चे, 12 साल की उम्र में जयपुर की सड़कों पर घूमते हैं और घर चलाने के लिए चाकू की धार तेज करते हैं। लेकिन दिन ब दिन ग्राहकों की संख्या कम हो रही है, क्योंकि इन दिनों कोई भी चाकुओं में धार नहीं लगवाता है।
Tue, 13 Aug 2024
By Madhav Sharma
राजस्थान में जहां सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन प्रणाली को फिर से शुरू करने की तारीफ कर रहे हैं, वहीं राज्य में प्रमुख विपक्षी दल इसे न केवल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बल्कि 2024 लोकसभा चुनावों के लिए भी वोट बैंक की राजनीति करार दे रहे हैं।
Tue, 13 Aug 2024
By Madhav Sharma
न्यूट्री गार्डन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां विभिन्न फल, सब्जियों को पारिवारिक पोषण संबंधित आवश्यकताओं को परिपूर्ण करने के अलावा आय अर्जित करने के लिए उगाया जाता है। इसे आप घर के आगे या पीछे खाली पड़ी जगह पर आसानी से विकसित कर सकते हैं।
Tue, 13 Aug 2024
By Madhav Sharma
जनवरी 2019 में भारत से तीन बारातें पाकिस्तान के सिंध गई थीं। लेकिन पुलवामा हमले के बाद तीनों दूल्हे बिना दुल्हन ही अप्रैल में वापस आ गए थे। लंबी मशक्कत के बाद 2 दुल्हनें मार्च 2021 में भारत आ गईं थी, लेकिन विक्रम की दुल्हन का वीजा ब्लैक लिस्ट हो गया था। अब ढाई साल बाद विक्रम की लंबी जद्दोजहद के बाद उनकी दुल्हन को वीजा मिला है।
Tue, 13 Aug 2024
By Madhav Sharma
ईंट भट्टों पर काम करने वाले ज्यादातर मजदूर ठेकेदार के जरिए पहुंचते हैं, जिनसे पहले ही वो घर की जरुरतों, शादी और इलाज आदि के लिए कर्ज ले चुके होते हैं। जिसके बाद ये प्रवासी मजदूर एक तरह से ठेकेदार की शर्तों पर जीते हैं, उनके बताए भट्टे पर काम करते हैं, उनकी बताई दुकान से राशन तक खरीदते हैं। ग्राउंट रिपोर्ट- 2
Tue, 13 Aug 2024
By Madhav Sharma
देश में कई करोड़ बच्चे खेलने और स्कूल जाने की उम्र में दिहाड़ी मजदूर बन जाते हैं। ऐसे अघोषित बाल मजदूरों की संख्या ईंट-भट्टों में काफी है। 6-14 साल तक के बच्चे भी 10-12 घंटे मेहनत करते हैं। बाल श्रम, चाइल्ड राइट, मानवाधिकार के दावे यहां चिमनी के धुएं में उड़ते नजर आते हैं। ग्राउंट रिपोर्ट- पार्ट 1
By Gaon Connection
By Dr SK Singh
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