पश्चिम बंगाल के बालागढ़ के नाविक और समय की बदलती चाल
पश्चिम बंगाल के बालागढ़ के नाविक और समय की बदलती चाल

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

पश्चिम बंगाल के बालागढ़ के पारंपरिक नाविकों का कहना है कि किसी भी पार्टी ने उनके लिए कुछ नहीं किया है। सही कमाई न होने की वजह से कई लोगों ने अपना पारंपरिक व्यवसाय छोड़ दिया और काम की तलाश में बाहर पलायन कर गये।

पश्चिम बंगाल: तंगहाली से जूझ रहे बुनकर, बुनाई की पारंपरिक कला खत्म होने का सता रहा है डर
पश्चिम बंगाल: तंगहाली से जूझ रहे बुनकर, बुनाई की पारंपरिक कला खत्म होने का सता रहा है डर

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

एक समय शांतिपुर में हथकरघे की आवाज सुनाई देती थी, जिस पर प्रसिद्ध तांत की साड़ियां बुनी जाती थीं, लेकिन एक के बाद एक ये हथकरघे बंद हो रहे हैं। वे बुनकर, जिन्होंने पश्चिम बंगाल चुनाव में वोट दिया था, उन्हें डर हैं कि शांतिपुर में बुनाई की कला उनके साथ ही खत्म हो जाएगी।

पश्चिम बंगाल चुनाव: असहाय गांव, खेतों में दरार और खारे पानी वाला सुंदरवन जहां जीवन किसी संघर्ष से कम नहीं है
पश्चिम बंगाल चुनाव: असहाय गांव, खेतों में दरार और खारे पानी वाला सुंदरवन जहां जीवन किसी संघर्ष से कम नहीं है

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

हर बार जब कोई चक्रवात सुंदरवन से टकराता है, तो वहां रहने वाले लोगों का जीवन तहस-नहस हो जाता है। तटबंध टूट जाते हैं और लोगों को बार-बार विस्थापित होना पड़ता है। यहां के लोगों के जेहन में मतदान के समय ये मुद्दे जरूर रहे होंगे।

ग्राउंड रिपोर्ट: "शरीर के अंग इधर-उधर बिखरे हुए थे, मरने वालों की संख्‍या कहीं ज्‍यादा है" हल्दिया रिफाइनरी ब्लास्ट के बचे लोगों ने बताया
ग्राउंड रिपोर्ट: "शरीर के अंग इधर-उधर बिखरे हुए थे, मरने वालों की संख्‍या कहीं ज्‍यादा है" हल्दिया रिफाइनरी ब्लास्ट के बचे लोगों ने बताया

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

पश्चिम बंगाल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की हल्दिया रिफाइनरी में हुए एक भीषण विस्फोट में कम से कम तीन श्रमिकों की मौत हो गई और 44 अन्य घायल हो गए, जिनमें से 16 की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मरने वालों की संख्या कहीं अधिक होने की आशंका है।

न पीने का पानी, न ही शौचालय की व्यवस्था- पश्चिम बंगाल के झारग्राम में स्कूलों में गंदगी का अंबार
न पीने का पानी, न ही शौचालय की व्यवस्था- पश्चिम बंगाल के झारग्राम में स्कूलों में गंदगी का अंबार

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

लगभग दो वर्षों तक बंद रहने के बाद झारग्राम जिले के प्राथमिक विद्यालय 16 फरवरी को फिर से खुल गए। हालांकि, बेलपहाड़ी सर्कल के 69 ग्रामीण स्कूलों की स्थिति दयनीय है क्योंकि कई में न तो पीने का पानी है और न ही ढ़ंग के शौचालय। मिड डे मील का भोजन पकाने के लिए बड़ी दूर से पानी लाना पड़ता है। शिक्षकों का कहना है कि इस बारे में काफी शिकायतें की गईं हैं लेकिन इन्हें सुनने वाला कोई नहीं है। एक ग्राउंड रिपोर्ट

टोटोपारा -अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहा भारत-भूटान सीमा के पास बसा टोटो जनजाति का आखिरी बचा गाँव
टोटोपारा -अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहा भारत-भूटान सीमा के पास बसा टोटो जनजाति का आखिरी बचा गाँव

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

उत्तरी बंगाल का टोटो समुदाय विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह से संबंधित है और भारत-भूटान सीमा पर एक छोटे से गाँव में रहता है। ऐसा माना जाता है कि दुनिया में केवल 1,763 टोटो सदस्य ही बचे हैं और उनमें से ज्यादातर अलीपुरद्वार जिले के टोटोपारा गाँव में रहते हैं। टोटो दावा करते हैं कि उनकी पहचान और उनकी आजीविका गंभीर खतरे में हैं।

टूटे तटबंध, रोका गया मरम्मत फंड - हावड़ा के गाँवों में इस बार नहीं मनाया जाएगा दुर्गा पूजा उत्सव
टूटे तटबंध, रोका गया मरम्मत फंड - हावड़ा के गाँवों में इस बार नहीं मनाया जाएगा दुर्गा पूजा उत्सव

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

बंगाल का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन दुर्गा पूजा बस कुछ ही दिन दूर है, लेकिन हावड़ा जिले के 17 गाँवों के को लोग शायद ही इस बार दुर्गा पूजा उत्सव मना सकेंगे, क्योंकि क्षतिग्रस्त नदी तटबंध मनरेगा फंड के रोके जाने जाने के कारण बिना मरम्मत के रह गए हैं। इसकी वजह से हमेशा उनके घरों पर खतरा बना रहता है। अभी पिछले महीने ही उनके घर बाढ़ के पानी में बह गए थे।

इस दुर्गा पूजा पर पश्चिम बंगाल के ज्यादातर मूर्तिकारों के चेहरे पर छायी है मायूसी
इस दुर्गा पूजा पर पश्चिम बंगाल के ज्यादातर मूर्तिकारों के चेहरे पर छायी है मायूसी

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए कारीगर पिछले दो-तीन महीने से रोजाना 17 से 18 घंटे मेहनत कर रहे हैं। उसके बावजूद उनकी कमाई काफी कम है। वो परेशान हैं क्योंकि कच्चे माल, जैसे कि मिट्टी और पुआल की लागत बढ़ गई है। 300 कारीगरों वाले हावड़ा के प्रसस्थ गाँव से एक ग्राउंड रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल में खुशी और दुःख के मौके बजायी जाने वाली राभा जनजाति की बांसुरी- खल, जिसे बजाने वाले लोग ही नहीं बचे
पश्चिम बंगाल में खुशी और दुःख के मौके बजायी जाने वाली राभा जनजाति की बांसुरी- खल, जिसे बजाने वाले लोग ही नहीं बचे

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

पारंपरिक खल, पश्चिम बंगाल की राभा जनजाति द्वारा बजाई जाने वाली बांस की बांसुरी, उत्सव और दर्द का प्रतीक होती है और पारंपरिक रूप से पश्चिम बंगाल में शादियों, उत्सवों और अंत्येष्टि का एक जरूरी हिस्सा रही है।

सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल कायम कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के पट्टचित्र कलाकार
सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल कायम कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के पट्टचित्र कलाकार

Tue, 13 Aug 2024

By Gurvinder Singh

कलाकार जाति, पंथ या रंग की बाधा नहीं पहचानते और पश्चिम बंगाल का नोया गाँव इसका प्रमाण है। मुस्लिम पट्टाचित्र कलाकारों के इस गाँव में लगभग 300 लोग ऐसे हैं जो कपड़ों पर स्क्रॉल पेंटिंग के माध्‍यम से हिंदू देवी-देवताओं की कहानियां सुनाते रहते हैं।

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