सतलज-यमुना नदी के जल बंटवारा: पंजाब में कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा
गाँव कनेक्शन | Nov 11, 2016, 21:39 IST |
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चंडीगढ़ (आईएएनएस)| पंजाब में विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने शुक्रवार को सतलज-यमुना नदी के जल बंटवारे पर 2004 के एक कानून के संबंध में राष्ट्रपति के संदर्भ पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर अपना-अपना इस्तीफा सौंप दिया। कांग्रेस ने 13 नवम्बर को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में पंजाब का पक्ष मजबूती से प्रस्तुत नहीं किया। पार्टी का कहना है कि इसी वजह से सर्वोच्च न्यायालय ने सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर में हरियाणा को पानी देने से मना करने वाले पंजाब विधानसभा में पारित 2004 के एक कानून को असंवैधानिकघोषित कर दिया।
सत्ताधारी अकाली दल ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 16 नवम्बर को पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है। विपक्ष के नेता चरणजीत सिंह चन्नी समेत कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल की अनुपस्थिति में विधानसभा के सचिव शशि लखनपाल मिश्रा को अपने इस्तीफे सौंप दिए।
गुरुवार को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह, राज्यसभा की सदस्यता से त्याग पत्र देने वाले प्रताप सिंह बाजवा और अम्बिका सोनी पार्टी विधायकों के साथ थे। अमरिंदर सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पंजाब के लोगों के हितों की रक्षा करने में विफल हुए हैं। इस मुद्दे पर हम रविवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।" उन्होंने कहा, "मैं संसद में नहीं हूं और हमारे विधायक विधानसभा में नहीं हैं। हम लोगों के पास जाएंगे।"
उधर, मुख्यमंत्री बादल ने कहा, "राज्य के बाहर कोई जल प्रवाह नहीं होने देने का हमारा निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन नहीं है। पंजाब के लिए उसकी नदियों के जल को बचाना सबसे महत्वपूर्ण बात है। हम भागने की जगह राज्य के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।"
कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में पंजाब का पक्ष मजबूती से प्रस्तुत नहीं किया। पार्टी का कहना है कि इसी वजह से सर्वोच्च न्यायालय ने सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर में हरियाणा को पानी देने से मना करने वाले पंजाब विधानसभा में पारित 2004 के एक कानून को असंवैधानिकघोषित कर दिया।
सत्ताधारी अकाली दल ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 16 नवम्बर को पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है। विपक्ष के नेता चरणजीत सिंह चन्नी समेत कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल की अनुपस्थिति में विधानसभा के सचिव शशि लखनपाल मिश्रा को अपने इस्तीफे सौंप दिए।
रविवार को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन
उधर, मुख्यमंत्री बादल ने कहा, "राज्य के बाहर कोई जल प्रवाह नहीं होने देने का हमारा निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन नहीं है। पंजाब के लिए उसकी नदियों के जल को बचाना सबसे महत्वपूर्ण बात है। हम भागने की जगह राज्य के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।"