मुलायम का जन्मदिन न मनाना बस दिखावा: मायावती
गाँव कनेक्शन | Nov 23, 2016, 18:02 IST |
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लखनऊ। प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा कानपुर रेल दुर्घटना के फलस्वरुप इस बार अपना 78वां जन्मदिन पूर्व की तरह ही सरकारी जश्न के साथ ’पूरी शान-शौकत से नहीं’ मनाया जाना मात्र एक दिखावटी कदम है। यह बात बसपा सुप्रीमा मायावती ने जारी किये बयान में कही।
मायावती ने कहा कि वास्तव में सपा व उसके प्रमुख का यह फैसला जनपीड़ा से प्रभावित कम और नोटबन्दी के प्रभाव से ज्यादा लगता है। उन्होंने कहा कि यदि सपा प्रमुख जनपीड़ा व जनहित के मामले में इतनी ही संवेदनशील होती तो फिर मुजफ्फरनगर के भीषण साम्प्रदायिक दंगे में बड़े पैमाने पर लोगों के हताहत होने व हज़ारों परिवारों के बेघर-बार हो जाने के बावजूद भी बड़े जश्न व राजशाही जैसी शान-शौकत के साथ सैफई महोत्सव व अपना जन्मदिन क्यों मनाते? उन्होंने कहा कि यह वह सवाल है जिसका जवाब उत्तर प्रदेश के सर्वसमाज के लोग और ख़ासकर मुस्लिम समाज के लोग अब प्रदेश में होने वाले विधानसभा आमचुनाव से पहले जानना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सपा के साथ-साथ भाजपा व कांग्रेस आदि वह पार्टियां हैं, जिनका चाल, चरित्र व चेहरा अन्दर कुछ और बाहर कुछ और होता है और इसी सिलसिले में सपा परिवार में आपसी वर्चस्व को लेकर जो कलह व घमासान है, वह लगातार जारी है। मीडिया के माध्यम से जो सपा में हालात सामान्य होने का प्रचारित किया जा रहा है, वह भी असलियत कम और दिखावटी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि इसका एक नजारा आज भी गाजीपुर की रैली में देखने को मिला, जब सपा के दोनों गुट आपस में ही भिड़ गये। आपस में ही कुर्सी चलने की यह घटना साबित करती है कि सपा में कुछ भी ठीक नहीं है, सब गड़बड़ है। इसलिये इस बारे में भी सर्वसमाज के लोगों को और ख़ासकर मुस्लिम समाज के लोगों को गुमराह होने से बचना चाहिये और यह समझना चाहिये कि नोटबन्दी के कारण व्यापक स्तर पर सर्वसमाज के साथ-साथ खासकर गरीबों, मजदूरों, व्यापारी वर्ग व आमजनता आदि को जो परेशानी हो रही हैं, उससे भाजपा की हालत उत्तर प्रदेश में काफी ज्यादा खस्ता है और ऐसे में मुस्लिम समाज को अपना वोट सपा को देकर वोट का बंटवारा करके भाजपा को मजबूत नहीं बनाना चाहिये।
मायावती ने कहा कि यह सही है कि लोग सपा के सम्बन्ध में उसकी खराब स्थिति को अच्छी तरह से समझते हैं और यही कारण है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की आज गाजीपुर में हुयी सपा की पहली रैली भी काफी फ्लाप ही साबित हुई है। हालांकि पूरे पूर्वांचल के साथ-साथ सपा के हर सीट पर दर्जनों संभावित टिकटार्थियों के माध्यम से भीड़ जुटाने के बावजूद भी सपा प्रमुख की आज हुयी पहली रैली लोगों की निगाह में फ्लाप ही साबित हुई है। इतना ही नहीं, बल्कि सपा के शासनकाल में ध्वस्त कानून व्यवस्था व हर तरफ अराजकता एवं जंगलराज से पीड़ित जनता इनके विकास के हवा-हवाई व खोखले दावों से काफी ऊब चुकी है।
उन्होंने नोटबन्दी से परेशान हाल गरीब व बेहाल आम जनता पर बैंकों से बाहर खड़े लोगों पर, की गई पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी निन्दा करते हुये कहा कि क्या प्रदेश की सपा सरकार भाजपा से अपनी अन्दरुनी मिलीभगत का एक और उदाहरण पेश करेगी, और नोटबन्दी के मामले में भाजपा का साथ देते हुये जनता पर जुल्म करेगी? उन्होंने कहा कि सपा सरकार को बैंकों के बाहर लम्बी कतारों में भूखे-प्यासे खड़े लोगों पर तरस खाकर उनसे हर प्रकार से सहानुभूति प्रकट करते हुये उनकी मदद करनी चाहिये, ना कि लाठी बरसाना चाहिये।
नोटबंदी के प्रभाव से ज्यादा लगता है यह फैसला
चाल, चरित्र व चेहरा अन्दर कुछ और बाहर कुछ और
सपा में कुछ भी ठीक नहीं है, सब गड़बड़ है
गाजीपुर में पहली रैली भी फ्लॉप
गाजीपुर में पुलिस लाठीचार्ज की निंदा की
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