किसान भाई ध्यान दें ! दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में हो सकती हैं तेज़ बारिश, लुढ़केगा पारा

Gaon Connection | Dec 08, 2023, 07:19 IST
किसान भाई ध्यान दें ! दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में हो सकती हैं तेज़ बारिश

Highlight of the story: देश के मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक साइक्लोन मिचौंग का अब किसी राज्य में असर भले न हो, लेकिन अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत के कई इलाकों में बारिश हो सकती है; ऐसा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय होने से होगा।

जिन किसान भाइयों को पिछले सप्ताह हुई बारिश से मुश्किलों का सामना करना पड़ा है उन्हें कुछ और दिन सजग रहने की ज़रूरत है।

मौसम विभाग की मानें तो 11 दिसंबर को एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस हिमालय के ऊपरी इलाकों में सक्रिय हो जाएगा, जिसकी वज़ह से 13 दिसंबर के करीब उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश हो सकती है।
Ad 1


यही नहीं, वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस दौरान पारा लुढ़क भी सकता है, हालाँकि कोहरे से कुछ राहत मिल जाएगी। ऐसे में जो किसान भाई अपनी फसल या बीज सुरक्षित नहीं रख सके हैं वो तुरंत अंदर रख लें और पशुओं के लिए भी बारिश से बचाव का इंतज़ाम कर लें।
Ad 2


भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी का कहना है आज यानी 8 दिसंबर से मौसम में बदलाव दिखना शुरू होगा। सुबह कोहरा छाएगा जिससे विजिबिलिटी में कमी आएगी। 8 और 9 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में और 9 ,10 दिसंबर को असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहेगा।
Ad 3
Ad 4


मौसम में होने वाले इस बदलाव से पारा भी नीचे गिरेगा; ख़ासकर पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में 2 से 5 डिग्री तक पारा लुढ़क सकता है।

किसान भाइयों के लिए राहत की बात ये ज़रूर है कि इस बार ठंड हमेशा जैसी नहीं होगी। यानी कड़ाके की ठंड से उन्हें कुछ निजात मिल जाएगी। ऐसा अल-नीनो की वज़ह से अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने के कारण होगा।

ठंड में क्या करें किसान


रात में या तड़के सुबह पारा नीचे जाने से सब्जियों, फलदार बगीचों और फसलों में पाला पड़ने की संभावना रहती है। ऐसे में फसलों को इससे बचाने के लिए उसमें हल्की सिंचाई करें।

अगर सम्भव हो तो खेत के उत्तर पश्चिम किनारे पर रात में धुआ करें इससे काफी फायदा होगा।

किसान भाइयों के पास अगर दिन में सिंचाई की सुविधा है तो दिन में ही सिंचाई करें इससे फसलों में अच्छी वृद्धि होती है।

कृषि वैज्ञानिक की राय है कि ठंड में सांद्र गंधक का अम्ल 1 लीटर पानी में 1 मिलीलीटर या घुलनशील गंधक 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम प्रति लीटर पानी में ) या थायो यूरिया 500 पीपीएम यानी 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

अगर पाला पड़ना कम नहीं हो रहा है यानी लंबे दिनों तक चलता है तो इस छिड़काव को पंद्रह दिन पर दोहराते रहें।

ठंड के मौसम में गेहूँ की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद और ऊसर भूमि में बुवाई के 28-30 दिन बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए।

इस मौसम में सरसों की फसल की बुवाई के 15 से 20 दिन के अंदर निराई-गुड़ाई करें और पौधों के बीच की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर रखें करें। फसल में आरा मक्खी और बालदार सुंडी कीट का प्रकोप दिखे तो इसकी रोकथाम के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एसजी 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

ऐसे ही मटर की फसल को ध्यान देने की ज़रूरत है। इसकी निराई-गुड़ाई का काम बुवाई के 20 से 25 दिन बाद और पहली सिंचाई 35 से 40 दिन बाद करें। चने की फसल अगर 15 सेंटीमीटर तक की हो गई है तो खुटाई कर सकते हैं।

शीतलहर और पाले से अपनी फसलों को बचाने के लिए उत्तर पश्चिम से जो हवाएं आती हैं, उसे रोकने की कोशिश करें।

इसके लिए शहतूत, बबूल, मुनगा या जामुन का वृक्ष अगर खेतों पर लगाते हैं तो वो इन हवाओं को आने से रोकेंगे, जिससे फसल की सुरक्षा हमेशा और हर साल होती रहेगी।

Tags:
  • rain forecast
  • rabi crop