पूसा परिसर में बन रहा पौधा प्राधिकरण भवन, किसानों को होगा इससे फायदा
गाँव कनेक्शन | Jul 22, 2021, 13:16 IST
पूसा परिसर में बन रहा पौधा प्राधिकरण भवन
Highlight of the story: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पौधा प्राधिकरण भवन के बनने से प्राधिकरण के न्यायालयों की स्थापना के लिए एक मंजिल व अन्य समर्थन प्रणालियों के साथ रजिस्ट्री कार्य के लिए दो मंजिलों की व्यवस्था रहेगी, जिससे आने वाले किसानों व उपभोक्ताओं को आसानी होगी।
पौधा प्राधिकरण के माध्यम से किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज पूसा, नई दिल्ली में पौधा प्राधिकरण भवन का शिलान्यास किया।
कृषि मंत्री ने कहा कि पौधा प्राधिकरण के माध्यम से किसानों के अधिकारों का संरक्षण हो रहा है, जिसके लिए भारतीय संसद ने दुनिया के लिए यह एक अनूठा मॉडल दिया है। इससे किसान अपनी परंपरागत किस्मों के ऊपर और किसी अन्य किस्म के अपने ही पैदा किए हुए बीज के ऊपर अधिकार प्राप्त कर सकता है। साथ ही, यह भी सुविधा है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन से किसानों का शोषण न हो। किसान पहले की तरह स्वतंत्रता से खेती कर सकते हैं व पौधा प्रजनक भी अपने पूरे अधिकार का संरक्षण कर सकते है।
राष्ट्रीय आईपीआर नीति-2016, नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाओं व संशोधनों के जरिये लागू की गई है। जहां अन्य आईपीआर वाणिज्य मंत्रालय से सम्बद्ध है, जबकि पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से सम्बद्ध है और केवल इसी आईपीआर के लिए फसलों को उगाया जाता है और तुलना व विश्लेषण के बाद पूरी तरह से अनुसंधान द्वारा सृजित प्रायोगिक डाटा के बाद ब्रीडर द्वारा किए गए दावे को सत्यापित करने के बाद ही प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। नई आईपीआर नीति के तहत, आईपीआर प्राधिकरणों को सरकार द्वारा आवश्यक जनशक्ति व बुनियादी ढांचा प्रदान कर मजबूत किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भवन निर्माण के रूप में ये बड़ा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराकर पीपीवीएफआरए को भी सशक्त किया रहा है।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इस भवन के बनने से प्राधिकरण के न्यायालयों की स्थापना के लिए एक मंजिल व अन्य समर्थन प्रणालियों के साथ रजिस्ट्री कार्य के लिए दो मंजिलों की व्यवस्था रहेगी, जिससे आगंतुक किसानों व उपभोक्ताओं को आसानी होगी। आशा है कि नए कार्यालय भवन में अगले साल से काम होने लगेगा।
पौधा किस्मों, किस्मों व पौधों को विकसित करने वाले के अधिकारों की रक्षा और पौधों की नई किस्मों के विकास को प्रोत्साहित करने लिए क्या है पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना की गई है। दरअसल एक प्रभावी प्रणाली की स्थापना के लिए यह आवश्यक समझा गया कि किसानों के नई पौध किस्मों के उपलब्ध पादप संसाधनों के विकास, उन्हें सुरक्षित करने व उन्हें सुधारने की दिशा में उनके द्वारा किए गए किसी भी समय, किसी भी प्रयास को मान्यता प्रदान करने के लिए कृषकों के अधिकारों की रक्षा की जाए। इसके साथ ही कृषि विकास में तेजी लाने के लिए प्रजनकों को अधिकार प्रदान करना भी आवश्यक है, ताकि नई पौधा किस्मों के विकास के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके।
इस प्रकार की सुरक्षा से बीज उद्योग के विकास में सुविधा होगी जिससे किसानों को उच्च गुणवत्तापूर्ण बीज व रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। भारत ने बौध्दिक सम्पदा अधिकारों के संदर्भ में व्यापार से संबंधित पहलुओं पर हुए समझौते को समर्थन प्रदान किया है और इस समझौते को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक प्रावधान किए हैं। उपरोक्त उद्देश्यों को प्रभावी बनाने के लिए भारत में पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 लागू हुआ।
कृषि मंत्री ने किया राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के कार्यालय का उद्घाटन
इसके साथ ही आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर तोमर ने कहा कि राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति पीएम-किसान योजना, किसान मानधन योजना, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए परियोजना निगरानी इकाई के रूप में कार्य करेगी।
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कृषि मंत्री ने कहा कि पौधा प्राधिकरण के माध्यम से किसानों के अधिकारों का संरक्षण हो रहा है, जिसके लिए भारतीय संसद ने दुनिया के लिए यह एक अनूठा मॉडल दिया है। इससे किसान अपनी परंपरागत किस्मों के ऊपर और किसी अन्य किस्म के अपने ही पैदा किए हुए बीज के ऊपर अधिकार प्राप्त कर सकता है। साथ ही, यह भी सुविधा है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन से किसानों का शोषण न हो। किसान पहले की तरह स्वतंत्रता से खेती कर सकते हैं व पौधा प्रजनक भी अपने पूरे अधिकार का संरक्षण कर सकते है।
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राष्ट्रीय आईपीआर नीति-2016, नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाओं व संशोधनों के जरिये लागू की गई है। जहां अन्य आईपीआर वाणिज्य मंत्रालय से सम्बद्ध है, जबकि पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से सम्बद्ध है और केवल इसी आईपीआर के लिए फसलों को उगाया जाता है और तुलना व विश्लेषण के बाद पूरी तरह से अनुसंधान द्वारा सृजित प्रायोगिक डाटा के बाद ब्रीडर द्वारा किए गए दावे को सत्यापित करने के बाद ही प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। नई आईपीआर नीति के तहत, आईपीआर प्राधिकरणों को सरकार द्वारा आवश्यक जनशक्ति व बुनियादी ढांचा प्रदान कर मजबूत किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भवन निर्माण के रूप में ये बड़ा बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराकर पीपीवीएफआरए को भी सशक्त किया रहा है।
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केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इस भवन के बनने से प्राधिकरण के न्यायालयों की स्थापना के लिए एक मंजिल व अन्य समर्थन प्रणालियों के साथ रजिस्ट्री कार्य के लिए दो मंजिलों की व्यवस्था रहेगी, जिससे आगंतुक किसानों व उपभोक्ताओं को आसानी होगी। आशा है कि नए कार्यालय भवन में अगले साल से काम होने लगेगा।
क्या है पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण
इस प्रकार की सुरक्षा से बीज उद्योग के विकास में सुविधा होगी जिससे किसानों को उच्च गुणवत्तापूर्ण बीज व रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। भारत ने बौध्दिक सम्पदा अधिकारों के संदर्भ में व्यापार से संबंधित पहलुओं पर हुए समझौते को समर्थन प्रदान किया है और इस समझौते को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक प्रावधान किए हैं। उपरोक्त उद्देश्यों को प्रभावी बनाने के लिए भारत में पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 लागू हुआ।
कृषि मंत्री ने किया राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के कार्यालय का उद्घाटन
इसके साथ ही आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर तोमर ने कहा कि राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति पीएम-किसान योजना, किसान मानधन योजना, कृषि अवसंरचना कोष और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए परियोजना निगरानी इकाई के रूप में कार्य करेगी।