अब सात साल नहीं उम्र भर रहेगी आपके टीईटी योग्यता प्रमाण पत्र की मान्यता
 गाँव कनेक्शन |  Jun 03, 2021, 11:33 IST
अब सात साल नहीं उम्र भर रहेगी आपके टीईटी योग्यता प्रमाण पत्र की मान्यता
Highlight of the story: केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता यानी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) की वैधता आजीवन करने का फैसला लिया है, पहले इसकी वैधता 7 साल तक के लिए होती थी।
    सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना जरूरी होता है, पहले सात साल तक वैध रहने वाला टीईटी सर्टिफिकेट अब लाइफटाइम के लिए वैध रहे रहेगा।   
   
केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने टीईटी योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता को सात साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। यह आदेश 2011 से इस परीक्षा को पास कर चुके सभी उम्मीदवारों पर लागू होगी।
   
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने घोषणा की कि सरकार ने पूर्व प्रभाव से 2011 से शिक्षक पात्रता परीक्षा अर्हक प्रमाण पत्र की वैधता अवधि 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आगे कहा कि संबंधित राज्य सरकार/केंद्रशासित प्रदेश उन उम्मीदवारों को फिर से वैध/नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे, जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
   
पोखरियाल ने कहा कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा।
   
   
पहले टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट सर्टिफिकेट की वैधता सिर्फ 7 साल तक के लिए होती थी। अगर किसी उम्मीदवार ने वर्ष 2011 में टीईटी पास किया, तो उसका प्रमाण पत्र साल 2018 तक के लिए ही मान्य होता। उसी दौरान वह सरकारी शिक्षक की नौकरी के लिए अप्लाई कर सकता था। लेकिन अब यह बाध्यता खत्म कर दी गई है। आपका टीईटी प्रमाण पत्र अब उम्र भर मान्य रहेगा। लेकिन साल 2011 से पहले टीईटी पास करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा।
   
भारत सरकार का यह निर्णय सभी सीटीईटी (CTET), बिहार टीईटी (Bihar TET), यूपी टीईटी (UP TET), महाराष्ट्र टीईटी (Maharashtra TET), राजस्थान टीईटी (Rajasthan TET) समेत अन्य सभी राज्यों के शिक्षक पात्रता परीक्षाओं पर लागू होगा।
   
 
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केंद्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने टीईटी योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता को सात साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है। यह आदेश 2011 से इस परीक्षा को पास कर चुके सभी उम्मीदवारों पर लागू होगी।
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने घोषणा की कि सरकार ने पूर्व प्रभाव से 2011 से शिक्षक पात्रता परीक्षा अर्हक प्रमाण पत्र की वैधता अवधि 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने आगे कहा कि संबंधित राज्य सरकार/केंद्रशासित प्रदेश उन उम्मीदवारों को फिर से वैध/नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे, जिनकी 7 वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
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पोखरियाल ने कहा कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा।
पहले टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट सर्टिफिकेट की वैधता सिर्फ 7 साल तक के लिए होती थी। अगर किसी उम्मीदवार ने वर्ष 2011 में टीईटी पास किया, तो उसका प्रमाण पत्र साल 2018 तक के लिए ही मान्य होता। उसी दौरान वह सरकारी शिक्षक की नौकरी के लिए अप्लाई कर सकता था। लेकिन अब यह बाध्यता खत्म कर दी गई है। आपका टीईटी प्रमाण पत्र अब उम्र भर मान्य रहेगा। लेकिन साल 2011 से पहले टीईटी पास करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह नियम लागू नहीं होगा।
भारत सरकार का यह निर्णय सभी सीटीईटी (CTET), बिहार टीईटी (Bihar TET), यूपी टीईटी (UP TET), महाराष्ट्र टीईटी (Maharashtra TET), राजस्थान टीईटी (Rajasthan TET) समेत अन्य सभी राज्यों के शिक्षक पात्रता परीक्षाओं पर लागू होगा।