आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा उपकरणों के लिए 10,000 रुपए की वित्तीय सहायता देगी ओडिशा सरकार
 Shivani Gupta |  Jun 16, 2021, 10:59 IST
आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा उपकरणों के लिए 10
Highlight of the story: ओडिशा सरकार ने राज्य भर के प्रत्येक आशा कार्यकर्ताओं को 10,000 रुपए की एकमुश्त वित्तीय सहायता राशि प्रदान की है। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे इस पैसे का इस्तेमाल मास्क, सैनिटाइज़र, साबुन और फेस शील्ड खरीदने में करेंगे।
    ओडिशा के आशा कार्यकर्ताओं (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) को अब कोविड-19 महामारी के दौरान मास्क और सैनिटाइज़र खरीदने के लिए अपनी जेब से खर्च नहीं करना पड़ेगा।   
   
   
राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को 10,000 रुपए का एकमुश्त भुगतान करने का निर्देश दिया है। रिपोर्टों के अनुसार सरकार के इस फैसले से फ्रंटलाइन पर काम करने वाले राज्य के 47,000 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को लाभ मिलेगा। सरकार के इस कदम से आशा कार्यकर्ता राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें महामारी की दूसरी लहर में बिना उचित सुरक्षा उपकरणों के बहुत कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ा था।
   
ओडिशा के मलकानगिरी जिले की एक आशा कार्यकर्ता अपर्णा सरकार ने गांव कनेक्शन को बताया, "हमें जो पैसे मिले हैं, उससे हमने अपने लिए मास्क, फेस-शील्ड, थर्मामीटर, दस्ताने और सैनिटाइज़र खरीदे हैं।" 42 वर्षीय अपर्णा खैरापाली गांव की निवासी हैं और दो बार कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं।
   
अपर्णा ने कहा, "मैं अब अपने पैसे से मास्क नहीं खरीदती। सरकार ने हमें इसके लिए 10,000 रुपये दिए हैं।"
   
   पिछले महीने 17 मई को ओडिशा सरकार ने राज्य भर के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि सभी आशा कार्यकर्ताओं को वित्तीय सहायता के रूप में 10,000 रुपए दिया जाए, ताकि बेहतर काम करने के लिए वे अपने लिए जरूरी वस्तुओं की खरीद कर सकें।   
   
    
इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। इस पत्र के मुताबिक, "मुख्यमंत्री, ओडिशा द्वारा 17 मई, 2021 को की गई घोषणा के अनुसार, स्वास्थ्य सहायता (राज्य बजट) के तहत प्रत्येक आशा कार्यकर्ताओं को 10,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि वे कोविड महामारी का प्रभावी प्रबंधन कर सकें और ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी मलिन बस्तियों दोनों में सामुदायिक स्तर पर लोगों को गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा मिल सके।"
   
   
आशा कार्यकर्ता इस सहायता राशि का उपयोग मास्क, सैनिटाइज़र, साबुन, दस्ताने, फेस-शील्ड, थर्मल स्कैनर, हेलमेट, साइकिल (यदि पहले नहीं खरीदा गया या क्षतिग्रस्त हो), छाता, टॉर्च, चप्पल, पानी की बोतल कैरी बैग, मिनी बैटरी चालित माइक और वाहन (साइकिल की मरम्मत) खरीदने के लिए कर सकते हैं।
   
   पिछले कुछ महीनों से गांव कनेक्शन ने लगातार अपनी रिपोर्ट में बताया कि कैसे ग्रामीण भारत में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान सबसे आगे आकर काम करने वाले एक लाख से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को आवश्यक सुरक्षा उपकरणों जैसे कि मास्क और सैनिटाइजर भी नहीं दिया गया है।   
   
   
सुरक्षा उपकरणों के अलावा, इस साल दूसरी लहर के बावजूद आशा कार्यकर्ताओं को 1,000 रुपये प्रति माह का कोविड-19 प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिला है। इसकी घोषणा पिछले साल केंद्र सरकार ने की थी।
   
अपर्णा ने बताया कि ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में भी महामारी की दूसरी लहर के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को जरूरी सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए गए। दो हफ्ते पहले ही राज्य सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा उपकरण खरीदने के लिए 10,000 रुपए दिया है। अपर्णा ने बताया कि तीन दिन पहले उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पिछले साल भी वह संक्रमित हो गई थीं।
   
    
   
   
तीन दिन पहले, राज्य में खाद्य अधिकारों पर काम करने वाले संगठनों ने भोजन का अधिकार अभियान के तहत मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर आशा कार्यकर्ताओं की लंबित मजदूरी का भूगतान करने की मांग की थी।
   
अनुवाद- शुभम ठाकुर
   
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राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को 10,000 रुपए का एकमुश्त भुगतान करने का निर्देश दिया है। रिपोर्टों के अनुसार सरकार के इस फैसले से फ्रंटलाइन पर काम करने वाले राज्य के 47,000 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को लाभ मिलेगा। सरकार के इस कदम से आशा कार्यकर्ता राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें महामारी की दूसरी लहर में बिना उचित सुरक्षा उपकरणों के बहुत कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ा था।
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ओडिशा के मलकानगिरी जिले की एक आशा कार्यकर्ता अपर्णा सरकार ने गांव कनेक्शन को बताया, "हमें जो पैसे मिले हैं, उससे हमने अपने लिए मास्क, फेस-शील्ड, थर्मामीटर, दस्ताने और सैनिटाइज़र खरीदे हैं।" 42 वर्षीय अपर्णा खैरापाली गांव की निवासी हैं और दो बार कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं।
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अपर्णा ने कहा, "मैं अब अपने पैसे से मास्क नहीं खरीदती। सरकार ने हमें इसके लिए 10,000 रुपये दिए हैं।"
मिली एकमुश्त सहायता राशि
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इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। इस पत्र के मुताबिक, "मुख्यमंत्री, ओडिशा द्वारा 17 मई, 2021 को की गई घोषणा के अनुसार, स्वास्थ्य सहायता (राज्य बजट) के तहत प्रत्येक आशा कार्यकर्ताओं को 10,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है ताकि वे कोविड महामारी का प्रभावी प्रबंधन कर सकें और ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी मलिन बस्तियों दोनों में सामुदायिक स्तर पर लोगों को गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा मिल सके।"
आशा कार्यकर्ता इस सहायता राशि का उपयोग मास्क, सैनिटाइज़र, साबुन, दस्ताने, फेस-शील्ड, थर्मल स्कैनर, हेलमेट, साइकिल (यदि पहले नहीं खरीदा गया या क्षतिग्रस्त हो), छाता, टॉर्च, चप्पल, पानी की बोतल कैरी बैग, मिनी बैटरी चालित माइक और वाहन (साइकिल की मरम्मत) खरीदने के लिए कर सकते हैं।
सुरक्षा उपकरणों के बिना काम कर रही हैं आशा
सुरक्षा उपकरणों के अलावा, इस साल दूसरी लहर के बावजूद आशा कार्यकर्ताओं को 1,000 रुपये प्रति माह का कोविड-19 प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिला है। इसकी घोषणा पिछले साल केंद्र सरकार ने की थी।
अपर्णा ने बताया कि ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में भी महामारी की दूसरी लहर के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को जरूरी सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए गए। दो हफ्ते पहले ही राज्य सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा उपकरण खरीदने के लिए 10,000 रुपए दिया है। अपर्णा ने बताया कि तीन दिन पहले उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पिछले साल भी वह संक्रमित हो गई थीं।
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तीन दिन पहले, राज्य में खाद्य अधिकारों पर काम करने वाले संगठनों ने भोजन का अधिकार अभियान के तहत मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर आशा कार्यकर्ताओं की लंबित मजदूरी का भूगतान करने की मांग की थी।
अनुवाद- शुभम ठाकुर
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