स्वास्थ्य आपातकाल की ओर बढ़ रहा गुजरात: हाई कोर्ट

गाँव कनेक्शन | Apr 12, 2021, 11:32 IST |
पिछले 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्डतोड़ मामले आए
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि राज्य में अभी भी कई तहसील हैं, जहां टेस्ट नहीं हो रहे हैं। टेस्ट जल्दी हो इसके लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि राज्य कोरोना संक्रमण को लेकर 'स्वास्थ्य आपातकाल' जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है। दरअसल, कोर्ट ने बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है।


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि राज्य में अभी भी कई तहसील हैं, जहां टेस्ट नहीं हो रहे हैं। टेस्ट जल्दी हो इसके लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार भले ही सब सही बता रही है, लेकिन स्थिति भयावह है।


गुजरात हाई कोर्ट में सोमवार को गुजरात में कोरोना संक्रमण को एक जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। गुजरात सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने अपनी बात रखी। यह सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस भार्गव कारिया की बेंच कर रही है। गुजरात राज्य के मुख्य सचिव अनिल मुकीम, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव जयंती रवि और स्वास्थ्य सचिव जयप्रकाश शिवहरे सुनवाई में ऑनलाइन हिस्सा लिया।

चीफ जस्टिस ने कहा कि ऑफिस में स्टाफ 50 फीसदी किया जाए। कर्फ्यू टाइम में छूट दी जा रही है। नाइट कर्फ्यू भी ठीक से अमल नहीं हो रहा है। हाई कोर्ट ने कहा है कि चुनाव के वक्त बूथ स्‍तर पर मैनेजमेंट किया जाता है, वैसे ही कोरोना की स्थिति में बूथ स्‍तर पर मैनेजमेंट नहीं किया जा सकता है क्‍या।

हाई कोर्ट ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि जो कोविड-19 एसओपी का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्हें कोविड सेंटर भेज दें। सरकार की नीतियों से नाराज हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि नीति में सुधार की जरूरत है।


कोर्ट में एडवोकेट जनरल त्रिवेदी ने कहा कि रेमेडिसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता सामान्य स्थिति में नहीं होती। कोर्ट के आगे एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने कहा कि भारत में प्रतिदिन 175,000 रेमेडिसिविर की आवश्यकता है। गुजरात सरकार को एक दिन में 30,000 डोज मिल रही है।


सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि टीवी चैनल्स लोगों की कठिनाइयों, दुखभरी कहानियां और बुनियादी सुविधाओं की कमी की तस्वीरें दिखा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि अस्पतालों में बिस्तरों की कमी है। रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं है। ऑक्सीजन जैसी सुविधा की कमी की खबरें लगातार देखी जा रही हैं।


गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। रविवार को गुजरात में 24 घंटों के अंदर 5,469 नए मरीज सामने आए हैं। इसके अलावा 54 लोगों की जान भी कोरोना संक्रमण की वजह से गई है।


Tags:
  • corona lockdown
  • story

Previous Story
पंचायत चुनाव 2021: लोगों की भीड़ क्या बढ़ा सकती है कोरोना का संक्रमण?

Contact
Recent Post/ Events