लखीमपुर केस: गुरविंदर सिंह के चाचा ने कहा, "मेरे भतीजे को गोली लगी थी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसका जिक्र नहीं, दोबारा हो पीएम"

Arvind Shukla | Oct 05, 2021, 12:06 IST |
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लखीमपुर में विवाद में मारे गए किसान गुरविंदर सिंह (18वर्ष) के परिजनों ने मंगलवार की शाम तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया था। परिजनों का कहना है कि गुरविंदर की मौत गोली लगने से हुई है जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है।


गुरविंदर सिंह ढिल्लो के चाचा मस्कीन सिंह ने गांव कनेक्शन से फोन पर कहा, "हमने अभी तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है क्योंकि उसकी मौत गोली लगने से हुई थी जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पेट और दूसरी जगहों पर चोट के निशान बताए गए हैं।"

मस्कीन के मुताबिक उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है। जिसमें पेट और शरीर के दूसरे अंगों पर चोट के निशान हैं और यही मौत की वजह बता रही है।

उन्होंने गांव कनेक्शन से कहा, जब तक दोबारा पोस्टमार्टम नहीं होगा हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। अभी डीएम साहब आए हैं उनसे बात करेंगे।"

गुरविंदर सिंह ढिल्लो का गांव लखीमपुर में तिकुनिया (घटनास्थल) से करीब 100 किलोमीटर दूर है। तिकुनिया में जिन चार किसानों के शव रखकर किसान प्रदर्शन कर रहे थे उसमें से एक गुरविंदर का था। ताबूत में रखे 3 में से बीच वाला शव गुरविंदर का था। शव के बगल में ट्रैक्टर ट्राली के नीचे बैठे गुरविंदर सिंह के चाचा मस्कीन ने गांव कनेक्शन से आंदोलन की रात बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था," गुरविंदर बड़ा धार्मिक लड़का था। आंदोलन वाले दिन ही वो नानपारा से तिकुनिया आया था। मोनू (केंद्रीय मंत्री का बेटा) ने उसे गोलीमारी है क्योंकि उसने भागते वक्त उसे पकड़ लिया था।"

गुरविंदर और मस्कीन का परिवार पहले लखीमपुर जिले में ही रहते लेकिन कुछ साल पहले गुरविंदर के पिता ने वहां जमीन खरीद ली और बहराइच में ही रहने लगे थे।

सोमवार को किसान नेता, किसानों के परिजन और राज्य सरकार के बीच समझौता हो गया था जिसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। समझौते के मुताबिक मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा, पीड़ित परिवार से एक व्यक्ति को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी, हाईकोर्ट के पूर्व जज से मामले की जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल थी। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक पुलिस ने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री और उनके आरोपी बेटे समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जिसमें 302 और 120बी धारा भी शामिल है। मंत्री के बेटे पर 302 लगाया गया है।


लखीमपुर में 3 अक्टूबर को क्या हुआ था?

लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में 3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का कार्यक्रम था, जिसमें तिकुनिया इलाके में डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर उतरना था लेकिन केंद्रीयें मंत्री अजय मिश्रा के एक बयान से नाराज किसानों ने हेलीपैड पर कब्जा कर रखा था। जिसके बाद डिप्टी सीएम ने प्रोग्राम बदलकर सड़क माार्ग से जाने का फैसला किया। इसी दौरान आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी, फायरिंग की, जिसमें 4 किसानों की मौत हो गई। जिसके बाद की हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारी किसानों ने गाड़ियों से उतरने वाले तीन लोगों की लाठी डंडों से पिटाई कर दी। जिसमें बीजेपी के 2 कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत हो गई। इस संबंध में कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हैं। केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान में कहा कि घटना के वक्त उनका बेटा गाड़ियों में नहीं था और गाड़ियां डिप्टी सीएम की अगवानी के लिए जा रही थीं, इस दौरान प्रदर्शकारियों ने पत्थरबाजी की। जबकि स्थानीय किसानों का कहना था कि गाड़ियां जानबूझकर कर इधर लाई गईं और हमला किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक इस संबंध में केंद्रीय मंत्री टेनी और उनके आरोपी बेटे समेत 15 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई हैं। केंद्रीय मंत्री के बेेटे आशीष मिश्रा मोनू के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है।

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