अगले महीने तक भारत में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर: रिपोर्ट
 गाँव कनेक्शन |  Jul 05, 2021, 12:48 IST
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Highlight of the story: एसबीआई द्वारा जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में अगले महीने तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
    देश अभी कोविड-19 की दूसरी लहर से पूरी तरह से नहीं उबर पाया है, ऐसे में एक रिपोर्ट के अनुसार अगले महीने यानी जुलाई में कोरोना की तीसरी भारत में आ जाएगी।   
   
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगले महीने आ सकती है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर महीने तक यह लहर अपने पीक पर पहुंच सकती है।
   
SBI की रिसर्च रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि 7 मई को भारत में कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक पर पहुंच गई थी। "मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, भारत जुलाई के दूसरे सप्ताह के आसपास लगभग 10,000 मामलों तक पहुंच सकता है। हालांकि, अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह तक कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हो सकते हैं।"
   
रिपार्ट में बताया है कि यह दूसरी लहर की तरह की खतरनाक हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के आंकड़ों से पता चलता है कि तीसरी लहर की पीक के दौरान दूसरी लहर की तुलना में अधिक लोग संक्रमित होंगे। इस लहर का असर करीब 98 दिनों तक रह सकता है।
   
   
लेकिन सरकार की ओर से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान का भी फायदा लोगों को मिलेगा। इस लहर में मृतकों की संख्या दूसरी लहर की तुलना में कम हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों में दूसरी लहर की अवधि 108 और तीसरी की 98 दिन थी। अगर इस बार बेहतर तैयारी की जाती है तो मौतें कम की जा सकती हैं।
   
             
   
   
 
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगले महीने आ सकती है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर महीने तक यह लहर अपने पीक पर पहुंच सकती है।
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SBI की रिसर्च रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि 7 मई को भारत में कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक पर पहुंच गई थी। "मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, भारत जुलाई के दूसरे सप्ताह के आसपास लगभग 10,000 मामलों तक पहुंच सकता है। हालांकि, अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह तक कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हो सकते हैं।"
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रिपार्ट में बताया है कि यह दूसरी लहर की तरह की खतरनाक हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के आंकड़ों से पता चलता है कि तीसरी लहर की पीक के दौरान दूसरी लहर की तुलना में अधिक लोग संक्रमित होंगे। इस लहर का असर करीब 98 दिनों तक रह सकता है।
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लेकिन सरकार की ओर से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान का भी फायदा लोगों को मिलेगा। इस लहर में मृतकों की संख्या दूसरी लहर की तुलना में कम हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों में दूसरी लहर की अवधि 108 और तीसरी की 98 दिन थी। अगर इस बार बेहतर तैयारी की जाती है तो मौतें कम की जा सकती हैं।