भारतीय मूल का लड़का बना सबसे कम उम्र का अकाउंटेंट
 गाँव कनेक्शन |  Apr 24, 2019, 11:44 IST
भारतीय मूल का लड़का बना सबसे कम उम्र का अकाउंटेंट
Highlight of the story:
    लखनऊ। भारतीय मूल का एक 15 साल का लड़का सबसे कम उम्र में अकाउंटेंट बना है। दक्षिण लंदन में रहने वाला रनवीर सिंह संधु 12 साल की उम्र में ही अपनी पहली कंपनी शुरू कर चुका है।
   
दक्षिणी लंदन के क्रोयडन शहर में रहने वाला रणवीर अपनी सर्विसेज़ के लिए 12 से 15 यूरो प्रतिघंटे लेता है। पिछले तीन सालों में रणवीर ने तीन हज़ार यूरो जमा किए हैं और वो उन्हें कहीं छुट्टियों पर जाकर खर्च करना चाहता है।
   
जीसीएसई (General Certificate of Secondary Education) में दसवें साल का ये विद्यार्थी कहता है, "मुझे हमेशा से पता था कि मुझे क्या करना है। जब मैं 12 साल का था तब ही सोच लिया था कि मुझे अकाउंटेंट बनना है।"
   
"स्कूल और अपने व्यापार को संभलना मेरे लिए बहुत मुश्किल नहीं रहा। मैंने उतना तनाव कभी नहीं लिया। मेरे क्लाइंट्स को जब मेरी उम्र पता चलती है तो उन्हें थोड़ा सा झटका लगता है पर मेरे दोस्तों को मुझसे प्रेरणा मिलती है। सब मेरे काम को प्यार करते हैं और मेरे व्यापार का समर्थन भी करते हैं। मैंने जो कुछ अभी तक किया उसे देख मेरे माता-पिता को अच्छा लगता है," - रणवीर।
   
रणवीर ने अकाउंटिंग में एक ऑनलाइन कोर्स किया है। महज 12 साल की उम्र में सीपीडी (Continuing Professional Development) का बेसिक अकाउंटिंग लेवल 3 रणवीर पास कर चुका है। जिसके बाद जून 2016 में उसने डिजिटल अकाउंट्स नाम से एक व्यापार शुरू किया। साल 2018 में रणवीर ने खुद की कंपनी Ranveer Singh Sandhu शुरू कर दी।
   
रणवीर के पिता अमन सिंह संधु एक बिल्डर हैं और मां दलविंदर कौर संधु इस्टेट एजेंट हैं। रणवीर यूनिवर्सिटी नहीं जाना चाहता। वो कहता है, "मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया है।"
   
रणवीर साल 2017 में अल्ट्रा एज्यूकेशन किड्स बिज़नेस अवॉर्ड्स में टेक बिज़नेस ऑफ ईयर जीत चुका है।
   
 
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 मिरर वेबसाइट के मुताबिक, रणवीर ने अपने लिए 25 साल की उम्र तक करोड़पति बनने का लक्ष्य तय किया है। उसने स्कूल में रहने के दौरान ही अपनी अकाउंटेंसी कंपनी स्थापित की और फिलहाल उसके दस क्लाइंट्स हैं।   Ad 4
दक्षिणी लंदन के क्रोयडन शहर में रहने वाला रणवीर अपनी सर्विसेज़ के लिए 12 से 15 यूरो प्रतिघंटे लेता है। पिछले तीन सालों में रणवीर ने तीन हज़ार यूरो जमा किए हैं और वो उन्हें कहीं छुट्टियों पर जाकर खर्च करना चाहता है।
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जीसीएसई (General Certificate of Secondary Education) में दसवें साल का ये विद्यार्थी कहता है, "मुझे हमेशा से पता था कि मुझे क्या करना है। जब मैं 12 साल का था तब ही सोच लिया था कि मुझे अकाउंटेंट बनना है।"
"स्कूल और अपने व्यापार को संभलना मेरे लिए बहुत मुश्किल नहीं रहा। मैंने उतना तनाव कभी नहीं लिया। मेरे क्लाइंट्स को जब मेरी उम्र पता चलती है तो उन्हें थोड़ा सा झटका लगता है पर मेरे दोस्तों को मुझसे प्रेरणा मिलती है। सब मेरे काम को प्यार करते हैं और मेरे व्यापार का समर्थन भी करते हैं। मैंने जो कुछ अभी तक किया उसे देख मेरे माता-पिता को अच्छा लगता है," - रणवीर।
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रणवीर ने अकाउंटिंग में एक ऑनलाइन कोर्स किया है। महज 12 साल की उम्र में सीपीडी (Continuing Professional Development) का बेसिक अकाउंटिंग लेवल 3 रणवीर पास कर चुका है। जिसके बाद जून 2016 में उसने डिजिटल अकाउंट्स नाम से एक व्यापार शुरू किया। साल 2018 में रणवीर ने खुद की कंपनी Ranveer Singh Sandhu शुरू कर दी।
रणवीर के पिता अमन सिंह संधु एक बिल्डर हैं और मां दलविंदर कौर संधु इस्टेट एजेंट हैं। रणवीर यूनिवर्सिटी नहीं जाना चाहता। वो कहता है, "मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया है।"
रणवीर साल 2017 में अल्ट्रा एज्यूकेशन किड्स बिज़नेस अवॉर्ड्स में टेक बिज़नेस ऑफ ईयर जीत चुका है।