ऐसे करें टमाटर के पौधे से मोजैक वायरस का बचाव
 Mohit Asthana |  Jan 16, 2018, 15:41 IST
ऐसे करें टमाटर के पौधे से मोजैक वायरस का बचाव
Highlight of the story:
    लखनऊ। किसानों के सामने टमाटर की फसल में अक्सर मोजैक वायरस की समस्या आ जाती है, जिसकी वजह से टमाटर की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है और 
   
   ये वायरस सफेद मक्खी के द्वारा फैलता है। जिन पौधों में पहले से ही 
   
      कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर दया श्रीवास्तव ने बताया जिन पौधों में मोजैक वायरस लग जाता है उन पौधों की पत्तियां सिकुड़ने लगती है। इसके साथ ही पौधों का विकास रूक जाता है। पौधा मुर्झाने लगता है।   
   
         
   
         
   
 
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किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है।आज हम आपको बताते हैं कि ये वायरस टमाटर की फसल में आता कैसे है और इसका बचाव कैसे किया जा सकता है।   ऐसे आते हैं वायरस
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मोजैक वायरस होता है उस पौधे का रस अगर सफेद मक्खी चूसकर उसका रस अन्य पौधों पर छोड़ती है तो उन पौधों में भी वायरस आ जाता है। ये प्रक्रिया ठीक वैसे ही होती है जैसे कि इंसानों में मलेरिया फैलने को लेकर होती है। इस तरह से ये वायरस पौधों पर फैलता रहता है। लेकिन शुरूआत में ही किसी पौधे में ये वायरस दिखे उसे उखाड़कर जला देना चाहिए।   Ad 1
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ऐसे करें पहचान
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बचाव के तरीके
- अगर शुरूआत में ही पौधे में इस वायरस का पता चल जाए तो उसको जला देना चाहिए या फिर उसे खेत से बाहर कहीं गड्ढे में गाड़ देना चाहिये।
- वायरस फैलाने वाले कीट खेत में न आने पाएं इसके लिये रोपाई से एक महीना पहले खेत के चारों ओर चार घनी लाइन में ज्वार, बाजरा या मक्का के पौधे लगा दें ताकि जिस समय तक टमाटर की खेती शुरू करेंगे उस वक्त तक ये पौधे बड़े हो जाएंगे। पेड़ों के घने होने के कारण कीट खेत के अंदर नहीं आ पाएंगे।
- खेतों में जैसे ही पौधा छोटा रहे आप उसमें नीम का तेल दो मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर 10 से 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करते रहें।
- पीली पन्नी (यलो स्टिकी ट्रैप) में ग्रीस, मोबिल ऑयल या जला हुआ डीजल लगा कर एक एकड़ में 30 से 40 ट्रैप को डण्डों के टांग कर पूरे खेत में लगा देना चाहिए। अगर कीट अंदर आ भी गए तो वो पौधे पर न बैठ कर उस पन्नी पर बैठ जाएंगे और चिपक जाएंगे क्यों कि कीट पीले रंग की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं।
- इसके अलावा पौधों के बचाव के लिये सुबह-शाम कंडे की राख का समय-समय पर छिड़काव करते रहा करें, जिससे पाले के साथ-साथ वो कीट पतंगों से भी बचाएगी।