चुनाव सुधार से जुड़ा बिल हुआ लोकसभा में पास
गाँव कनेक्शन | Dec 20, 2021, 13:56 IST |
चुनाव सुधार से जुड़ा बिल हुआ लोकसभा में पास
चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021 सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बिल को लोकसभा में पेश किया।
चुनाव सुधार से जुड़ा बिल लोकसभा से पास हो गया है, इसमें वोटर कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की बात है। बिल में वोटर लिस्ट में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर ID और लिस्ट को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रावधान है।
चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021 सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी।
कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बिल को लोकसभा में पेश किया। बिल को पेश करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिया, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है। यह बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से ही है।
विधेयक को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम, आरएसपी और बसपा समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सदन में जमकर हंगामा भी किया। लोकसभा में बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आधार एक 12 अंकीय विशिष्ट पहचान संख्या हैं, जिसमें नागरिकों की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी शामिल है। आधार केवल निवास का प्रमाण होना चाहिए, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर आप वोटर्स से आधार मांग रहे हैं तो आपको केवल एक दस्तावेज मिलेगा, जो नागरिकता नहीं बल्कि उसका निवास बताता है। ऐसा करके आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को भी मतदान का अधिकार दे रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी केनेता मनीष तिवारी ने कहा, "वोटर आईडी और आधार को जोड़ने से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में परिभाषित किया है।"
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र कानून लाकर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को कम कर रहा है।
इस विधेयक के द्वारा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने विरोध के पीछे जो तर्क दिया है वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को गलत तरह से पेश करने की कोशिश है और यह बिल अदालत के निर्णय के अनुरूप तैयार किया गया है।
चुनाव कानून संशोधन विधेयक, 2021 सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी थी।
कानून मंत्री किरण रिजिजू ने बिल को लोकसभा में पेश किया। बिल को पेश करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिया, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है। यह बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से ही है।
विधेयक को लेकर कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम, आरएसपी और बसपा समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सदन में जमकर हंगामा भी किया। लोकसभा में बिल पर बहस के दौरान कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आधार एक 12 अंकीय विशिष्ट पहचान संख्या हैं, जिसमें नागरिकों की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय जानकारी शामिल है। आधार केवल निवास का प्रमाण होना चाहिए, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर आप वोटर्स से आधार मांग रहे हैं तो आपको केवल एक दस्तावेज मिलेगा, जो नागरिकता नहीं बल्कि उसका निवास बताता है। ऐसा करके आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को भी मतदान का अधिकार दे रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी केनेता मनीष तिवारी ने कहा, "वोटर आईडी और आधार को जोड़ने से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होता है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में परिभाषित किया है।"
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र कानून लाकर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को कम कर रहा है।
इस विधेयक के द्वारा जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने विरोध के पीछे जो तर्क दिया है वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को गलत तरह से पेश करने की कोशिश है और यह बिल अदालत के निर्णय के अनुरूप तैयार किया गया है।