आप में भी ये लक्षण तो नहीं है पल्मोनरी हाइपरटेंशन में लापरवाही पड़ सकती है भारी
गाँव कनेक्शन | Sep 27, 2023, 12:21 IST |
आप में भी ये लक्षण तो नहीं है पल्मोनरी हाइपरटेंशन में लापरवाही पड़ सकती है भारी
पल्मोनरी हाइपरटेंशन की समस्या के कारण फेफड़े, धमनियाँ और हृदय का दाईं ओर का हिस्सा प्रभावित होता है। लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में पल्मोनरी मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर विभाग के अध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश पल्मोनरी हाइपरटेंशन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
हाइपरटेंशन एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से दूसरी कई बीमारियाँ भी हो सकती हैं। पल्मोनरी हाइपरटेंशन की समस्या आजकल तेजी से बढ़ती जा रही है, इससे फेफड़ों और हार्ट के दाहिने हिस्से की धमनियाँ प्रभावित होती हैं।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन को मेडिकल बोली में पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन कहा जाता है। पल्मोनरी हाइपरटेंशन होने पर लंग्स में छोटी धमनियाँ, जो कि खून की सप्लाई करती हैं, संकरी या ब्लॉक हो जाती हैं। ऐसे में ब्लड फ्लो कठिन हो जाता है और लंग्स में खून का दबाव बढ़ता है। तब हार्ट को उन धमनियों से ब्लड पंप करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। जिससे कुछ समय बाद हार्ट की मांसपेशी कमजोर हो जाती हैं और यह हार्ट फेल्योर का कारण बन सकता है।
वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़ों पर असर पड़ता है, अगर फेफड़ों की सेहत के साथ खिलवाड़ होगा तो कई तरह के दुष्प्रभाव देखने के मिलते हैं। इसमें एक परेशानी पल्मोनरी हाइपरटेंशन भी है। ये अब युवाओं में भी देखने को मिल रही है। खराब लाइफस्टाइल और खराब डाइट शेड्यूल से होता है। इसके लिए आपको लाइफस्टाइल बेहतर करना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है, क्योंकि कई मामलों में यह गंभीर रूप लेकर जानलेवा भी हो सकता है।
मोटापे की वजह से पल्मोनरी हाइपरटेंशन हो सकता है।
साँस फूलना और पैरों में सूजन इसका एक लक्षण है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन का एक सबसे बड़ा लक्षण यह है कि इससे आपके शरीर के कई हिस्सों पर नीले या भूरे धब्बे पड़ने लगते हैं।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन की स्थिति में सीने में दबाव या दर्द का महसूस होना भी एक आम समस्या है।
चक्कर आना, बेहोश होना या थकावट महसूस करना भी पल्मोनरी हाइपरटेंशन का एक संकेत हो सकता है।
इसके साथ ही पल्मोनरी हाइपरटेंशन में दिल की धड़कनों का अचानक बढ़ जाना या अचानक से कम हो जाना भी एक लक्षण हो सकता है।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन को मेडिकल बोली में पल्मोनरी आर्टेरियल हाइपरटेंशन कहा जाता है। पल्मोनरी हाइपरटेंशन होने पर लंग्स में छोटी धमनियाँ, जो कि खून की सप्लाई करती हैं, संकरी या ब्लॉक हो जाती हैं। ऐसे में ब्लड फ्लो कठिन हो जाता है और लंग्स में खून का दबाव बढ़ता है। तब हार्ट को उन धमनियों से ब्लड पंप करने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। जिससे कुछ समय बाद हार्ट की मांसपेशी कमजोर हो जाती हैं और यह हार्ट फेल्योर का कारण बन सकता है।
इस वजह से होता है पल्मोनरी हाइपरटेंशन
मोटापे की वजह से पल्मोनरी हाइपरटेंशन हो सकता है।
अगर ये लक्षण हैं तो समझिए आप भी हैं पल्मोनरी हाइपरटेंशन के शिकार
पल्मोनरी हाइपरटेंशन का एक सबसे बड़ा लक्षण यह है कि इससे आपके शरीर के कई हिस्सों पर नीले या भूरे धब्बे पड़ने लगते हैं।
पल्मोनरी हाइपरटेंशन की स्थिति में सीने में दबाव या दर्द का महसूस होना भी एक आम समस्या है।
चक्कर आना, बेहोश होना या थकावट महसूस करना भी पल्मोनरी हाइपरटेंशन का एक संकेत हो सकता है।
इसके साथ ही पल्मोनरी हाइपरटेंशन में दिल की धड़कनों का अचानक बढ़ जाना या अचानक से कम हो जाना भी एक लक्षण हो सकता है।
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