देश में सबसे ज़्यादा महिलाओं के पास है जनधन खाता, कुल खातों की संख्या 50 करोड़ के पार
गाँव कनेक्शन | Aug 29, 2023, 10:37 IST |
देश में सबसे ज़्यादा महिलाओं के पास है जनधन खाता
प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 50 करोड़ से भी अधिक लाभार्थियों को बैंकिंग सुविधा दी गई है, जबकि इस योजना के तहत खोले गए खातों में कुल जमा राशि 2,03,505 करोड़ रुपये है।
देश के सभी परिवारों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के लिए शुरू की गई 'जनधन योजना' के ज़रिए 50 करोड़ से भी अधिक लोग बैंकिंग सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के 9 साल पूरे हो चुके हैं, नए खातों में से लगभग 55.5 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं और 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।
इन खातों में कुल जमा राशि बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है। इसके अलावा, इन खातों के लिए लगभग 34 करोड़ ‘रुपे कार्ड’ बिना किसी शुल्क के जारी किए गए हैं, जिसके तहत 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान किया जाता है।
पहली बार इस योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर खाता खोला जाता है, जिसके तहत बीमा और सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।
पिछले 9 साल के दौरान प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 50.09 करोड़ अकाउंट खोला जा चुका है। 2015 तक इस योजना में 14.72 करोड़ अकाउंट खोला गया था।
वित्त मंत्रालय के अनुसार जनधन खातों में 2,03,505 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट की संख्या 9 साल के दौरान तेजी से घटी है। पहले जहाँ जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट की संख्या 58% थी, अब आठ प्रतिशत रह गई है।
मार्च 2014 से लेकर मार्च 2020 के बीच खोले गए दो खातों में से एक खाता दरअसल पीएमजेडीवाई खाता ही था। पूरे देश में लॉकडाउन लगाए जाने के 10 दिनों के भीतर लगभग 20 करोड़ से अधिक महिला पीएमजेडीवाई खातों में से प्रत्येक महिला पीएमजेडीवाई खाते में डीबीटी के माध्यम से तीन महीने तक प्रति माह 500 रुपये की वित्तीय सहायता जमा की गई।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत कुल खातों में से 56 फीसदी महिलाओं के खाते हैं। वहीं 67 फीसदी जनधन ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं। इनमें से 33.98 करोड़ जनधन खाता धारकों को रुपे कार्ड जारी किए गए हैं।
इस योजना के तहत खाता धारकों को दो लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है। इसके साथ ही 3 से 4 फीसदी का ब्याज़ दिया जाता है। किसी भी योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी इसकी अकाउंट में आती है। वहीं इस अकाउंट के खुलने से ग्राहक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना और माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट और रिफाइनेंस एजेंसी बैंक स्कीम के लिए योग्य माना जाता है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के 9 साल पूरे हो चुके हैं, नए खातों में से लगभग 55.5 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं और 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।
इन खातों में कुल जमा राशि बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है। इसके अलावा, इन खातों के लिए लगभग 34 करोड़ ‘रुपे कार्ड’ बिना किसी शुल्क के जारी किए गए हैं, जिसके तहत 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर भी प्रदान किया जाता है।
पहली बार इस योजना की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को की गई थी। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर खाता खोला जाता है, जिसके तहत बीमा और सब्सिडी का लाभ दिया जाता है।
पिछले 9 साल के दौरान प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत 50.09 करोड़ अकाउंट खोला जा चुका है। 2015 तक इस योजना में 14.72 करोड़ अकाउंट खोला गया था।
वित्त मंत्रालय के अनुसार जनधन खातों में 2,03,505 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं।
जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट की संख्या 9 साल के दौरान तेजी से घटी है। पहले जहाँ जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट की संख्या 58% थी, अब आठ प्रतिशत रह गई है।
मार्च 2014 से लेकर मार्च 2020 के बीच खोले गए दो खातों में से एक खाता दरअसल पीएमजेडीवाई खाता ही था। पूरे देश में लॉकडाउन लगाए जाने के 10 दिनों के भीतर लगभग 20 करोड़ से अधिक महिला पीएमजेडीवाई खातों में से प्रत्येक महिला पीएमजेडीवाई खाते में डीबीटी के माध्यम से तीन महीने तक प्रति माह 500 रुपये की वित्तीय सहायता जमा की गई।