पासपोर्ट आखिर नए रंग में क्यों ला रही है सरकार
 Mohit Asthana |  Jan 19, 2018, 16:10 IST | 
 पासपोर्ट आखिर नए रंग में क्यों ला रही है सरकार
    भारत के पासपोर्ट के बारे में सुनते ही हमारे दिमाग में नीले रंग का जैकेट आ जाता है।। लेकिन बहुत जल्द ही भारत सरकार नारंगी रंग का पासपोर्ट लाने जा रही है। बताते हैं आपको क्यों सरकार नारंगी रंग का पासपोर्ट लाना चाहती है।   
   
सरकार ने फैसला लिया है कि अब पासपोर्ट का आखिरी पन्ना प्रिंट नहीं किया जाएगा। इसी पन्ने पर पासपोर्ट धारक के पिता का नाम, पता और इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड की जानकारी होती है। चूंकि पासपोर्ट में आखिरी पन्ना नहीं होगा इसलिये जो इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड (ECR) के दायरे में आएगा उसे ही नारंगी रंग का पासपोर्ट दिया जाएगा और जो इमिग्रेशन क्लियरेंस नॉट रिक्वायर्ड के दायरे में आएंगे उन्हें नीले रंग का ही पासपोर्ट दिया जाएगा।
   
      इमिग्रेशन एक्ट 1983 के कई लोगों को दूसरे देश में जाने के लिए इमिग्रेशन क्लीयरेंस लेनी पड़ती है। इसका मतलब यह है अभी दो तरह के पासपोर्ट जारी किए जाते हैं - ईसीआर यानि जिस पासपोर्ट में इमिग्रेशन चेक की ज़रूरत होती है और ईसीएनआर यानि कि वो पासपोर्ट जिसमें इमिग्रेशन चेक की ज़रूरत नहीं होती है।   
   
कानून के हिसाब से इमिग्रेशन का मतलब होता है कि आप भारत छोड़कर किसी एक चुनिंदा देश में रोज़गार के मकसद से जा रहे हैं। इन देशों में अफ़ग़ानिस्तान, बहरीन, ब्रुनई, कुवैत, इंडोनेशिया, जॉर्डन, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, क़तर, सूडान, सऊदी अरब, सीरिया, थाईलैंड और संयुक्त अरब अमीरात आते हैं।
   
   
   
          
   
      देश में 14 कैटेगरी के सिटीजन ऐसे होते हैं जो ऑटोमैटेकली इमिग्रेशन क्लियरेंस नॉट रिक्वायर्ड के लिये क्वालीफाई होते हैं। इसमें सभी करदाता, 18 से कम उम्र या 50 से ज्यादा उम्र का शख्स और 10वीं पास व्यक्ति शामिल होता है।   
   
      वहीं 10वीं से कम और अप्रशिक्षित लोगों को सरकार इमिग्रेशन क्लीयरेंस रिक्वायर्ड के दायरे में रखती है। इसका मतलब ये होता है कि विदेश में इनकी सुरक्षा के प्रति सरकार ज्यादा सतर्क रहती है।   
   
नारंगी रंग का पासपोर्ट आने से अब ये एड्रेस प्रूफ नहीं रहेगा। गौरतलब कि पासपोर्ट बनवाते वक्त उसका पुलिस वेरीफिकेशन होता है। इसलिये इसे मजबूत ऐड्रेसप्रूफ के रूप में माना जाता था। लेकिन अब आखिरी पन्ना हटने के कारण इसपे ऐड्रेस नहीं होगा और इसे ऐड्रेस का दस्तावेज नहीं माना जाएगा।
   
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सरकार ने फैसला लिया है कि अब पासपोर्ट का आखिरी पन्ना प्रिंट नहीं किया जाएगा। इसी पन्ने पर पासपोर्ट धारक के पिता का नाम, पता और इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड की जानकारी होती है। चूंकि पासपोर्ट में आखिरी पन्ना नहीं होगा इसलिये जो इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड (ECR) के दायरे में आएगा उसे ही नारंगी रंग का पासपोर्ट दिया जाएगा और जो इमिग्रेशन क्लियरेंस नॉट रिक्वायर्ड के दायरे में आएंगे उन्हें नीले रंग का ही पासपोर्ट दिया जाएगा।
क्या है ईसीआर
कानून के हिसाब से इमिग्रेशन का मतलब होता है कि आप भारत छोड़कर किसी एक चुनिंदा देश में रोज़गार के मकसद से जा रहे हैं। इन देशों में अफ़ग़ानिस्तान, बहरीन, ब्रुनई, कुवैत, इंडोनेशिया, जॉर्डन, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, ओमान, क़तर, सूडान, सऊदी अरब, सीरिया, थाईलैंड और संयुक्त अरब अमीरात आते हैं।
फिलहाल सरकार देती है दो तरह के पासपोर्ट
- सरकार फिलहाल दो प्रकार के पासपोर्ट जारी करती है। एक पासपोर्ट होता है रेग्युलर पासपोर्ट। ये नीले रंग का होता है। इसे बिजनेस ट्रिप या छुट्टियों के लिये दिया जाता है। भारत का कोई भी नागरिक इसे लेकर साधारण यात्रा कर सकता है।
- दूसरा पासपोर्ट डिप्लोमैटिक पासपोर्ट कहलाता है। ये पासपोर्ट भारत सरकार विदेशों में काम करने वाले अपने डिप्लोमैट्स को देती है। ये पासपोर्ट हल्के मैरून रंग का होता है।
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ये लोग शामिल होते हैं इमिग्रेशन क्लियरेंस नॉट रिक्वायर्ड के दायरे में
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ये होते हैं इमिग्रेशन क्लीयरेंस रिक्वायर्ड के दायरे में
नारंगी रंग का पासपोर्ट आने से अब ये एड्रेस प्रूफ नहीं रहेगा। गौरतलब कि पासपोर्ट बनवाते वक्त उसका पुलिस वेरीफिकेशन होता है। इसलिये इसे मजबूत ऐड्रेसप्रूफ के रूप में माना जाता था। लेकिन अब आखिरी पन्ना हटने के कारण इसपे ऐड्रेस नहीं होगा और इसे ऐड्रेस का दस्तावेज नहीं माना जाएगा।
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