सावधान! ख़तरनाक भी हो सकता है कोरोना का नया वेरिएंट
 गाँव कनेक्शन |  Dec 21, 2023, 11:35 IST | 
 सावधान! ख़तरनाक भी हो सकता है कोरोना का नया वेरिएंट
देश में कोविड-19 के नए वेरिएंट JN.1 के मामले देश में लगातार बढ़ने लगे हैं, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।
    कोरोना का नया वेरिएंट भले पिछले वायरस से कमज़ोर हो लेकिन इसे हल्के में लेने की भूल कतई न करें।   
   
डॉक्टरों का कहना कि पिछले कोरोना महामारी में जैसे सावधानी रखते थे,यानी मास्क पहनना,भीड़ में कम जाना और हाथों को साफ़ रखना ये अभी भी ज़रूरी है।
   
चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया पर क़हर बरसाया था, कुछ देश तो ऐसे भी हैं जो अभी तक इससे उबर नहीं पाए हैं।
   
लेकिन कोरोना वायरस अभी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ है और समय समय पर ये वायरस खुद को म्यूटेट या कहें कि खुद को बदल कर सामने आता रहता है।
   
इसी तरह कोरोना का एक और नया वेरिएंट जेएन.1 सामने आया है। इस वेरिएंट को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने वेरिएंट ऑफ़ इंट्रेस्ट कहा है, अब आप सोच रहे होंगे की ऐसा क्यों - दरअसल कोरोना का जो भी वेरिएंट बहुत तेज़ी से फैलने या सेहत पर घातक असर छोड़ने की क्षमता रखता है; उसे WHO वेरिएंट ऑफ़ इंटरस्ट की केटेगरी में रखता है।
   
पूरे विश्व में 30 अक्टूबर से लेकर 5 नवंबर तक जेएन.1 के कुल केसेस 3 पॉइंट 3 प्रतिशत थे जो 27 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच बढ़कर 27 पॉइंट 1 प्रतिशत हो गए थे। अभी तक भारत में इसके 21 केस मिल चुके हैं, जिसमें 19 अकेले गोवा से हैं बाकी एक केरला और एक महाराष्ट्र से हैं। अबतक 40 से ज़्यादा देशों में ये फैल चुका है।
   
   
हम कह सकते हैं जेएन.1 कोरोना वायरस पिरोला यानी बीए.2.86 वेरिएंट का अपडेटेड वर्जन है, इसकी बनावट ऐसी है कि ये बहुत तेज़ी से फैलने की क्षमता रखता है और इसमें मौजूद एडिशनल स्पाइक म्युटेशन आपके एंटीबॉडीज से बच के आपके शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता हैं।
   
   विश्व स्वस्थ्य संगठन ने ये जानकारी अभी तक के मिले सीमित आकड़ों के अनुसार दी है, तो ये कह पाना मुश्किल होगा की ये वायरस कितना ख़तरनाक हो सकता है, फ़िलहाल इंडियन काउंसलिंग ऑफ़ मेडिकल रिसर्च इस वेरिएंट की जीनोम सिक्वेंसिंग करने में लगी हुई है।   
   
लेकिन ये साफ़ है कि ये इन्फ्लूएंजा से ज़्यादा ख़तरनाक़ है और इसे लेकर बुजुर्गों और दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों को चिंता करनी चाहिए। अगर आपको सांस से जुड़े इन्फेक्शन जल्दी पकड़ लेते हैं तो आपको सावधान रहने की ज़रूरत है।
   
 
डॉक्टरों का कहना कि पिछले कोरोना महामारी में जैसे सावधानी रखते थे,यानी मास्क पहनना,भीड़ में कम जाना और हाथों को साफ़ रखना ये अभी भी ज़रूरी है।
चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया पर क़हर बरसाया था, कुछ देश तो ऐसे भी हैं जो अभी तक इससे उबर नहीं पाए हैं।
लेकिन कोरोना वायरस अभी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ है और समय समय पर ये वायरस खुद को म्यूटेट या कहें कि खुद को बदल कर सामने आता रहता है।
इसी तरह कोरोना का एक और नया वेरिएंट जेएन.1 सामने आया है। इस वेरिएंट को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने वेरिएंट ऑफ़ इंट्रेस्ट कहा है, अब आप सोच रहे होंगे की ऐसा क्यों - दरअसल कोरोना का जो भी वेरिएंट बहुत तेज़ी से फैलने या सेहत पर घातक असर छोड़ने की क्षमता रखता है; उसे WHO वेरिएंट ऑफ़ इंटरस्ट की केटेगरी में रखता है।
पूरे विश्व में 30 अक्टूबर से लेकर 5 नवंबर तक जेएन.1 के कुल केसेस 3 पॉइंट 3 प्रतिशत थे जो 27 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच बढ़कर 27 पॉइंट 1 प्रतिशत हो गए थे। अभी तक भारत में इसके 21 केस मिल चुके हैं, जिसमें 19 अकेले गोवा से हैं बाकी एक केरला और एक महाराष्ट्र से हैं। अबतक 40 से ज़्यादा देशों में ये फैल चुका है।
हम कह सकते हैं जेएन.1 कोरोना वायरस पिरोला यानी बीए.2.86 वेरिएंट का अपडेटेड वर्जन है, इसकी बनावट ऐसी है कि ये बहुत तेज़ी से फैलने की क्षमता रखता है और इसमें मौजूद एडिशनल स्पाइक म्युटेशन आपके एंटीबॉडीज से बच के आपके शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता हैं।
कितना संक्रामक है नया वेरिएंट
लेकिन ये साफ़ है कि ये इन्फ्लूएंजा से ज़्यादा ख़तरनाक़ है और इसे लेकर बुजुर्गों और दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों को चिंता करनी चाहिए। अगर आपको सांस से जुड़े इन्फेक्शन जल्दी पकड़ लेते हैं तो आपको सावधान रहने की ज़रूरत है।