ये तस्वीर देखिए: केंद्रीय सचिव परमेश्वरन अय्यर ने पेश की मिसाल, तेलंगाना के एक गांव में साफ किए शौचालय के गड्ढे
 गाँव कनेक्शन |  Feb 19, 2017, 01:19 IST
ये तस्वीर देखिए:  केंद्रीय सचिव परमेश्वरन अय्यर ने पेश की मिसाल
Highlight of the story:
    गांव कनेक्शन नेटवर्क   
   
हैदराबाद (तेलंगाना)। दक्षिण भारत के नए राज्य तेलंगाना के वारंगल के एक गाँव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत अनोखी पहल की गई। यहां केन्द्रीय सचिव समेत कुल 23 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने दो गड्ढों से बनने वाले शौचालय (टि्वन पिट ट्वायलेट) की सफाई करके यह दिखाया कि यह नई तकनीक के शौचालय कितने सुविधाजनक हैं, और इन्हें साफ करने को लेकर जो संकोच लोगों में रहता है, वह भी दूर हो सकता है।
   
तेलंगाना के गंगादेवीपल्ली गाँव में वरिष्ठ आईएएस और केंद्रीय सचिव स्वच्छता मिशन परमेश्वरन अय्यर ने खुद शौचालय के गड्ढों को साफ कर इस मिशन की शुरुआत की। गंगादेवीपल्ली गाँव में केंद्रीय सचिव परमेश्वरन अय्यर ने एक घर के शौचालय के गड्ढों (पिट) की सफाई की। इसका मकसद लोगों में शौचालय के गड्ढों की सफाई को लेकर भ्रांतियों को दूर करना और उन्हें इनके दोबारा इस्तेमाल के लिए जागरुक करना था कि गाँवों में बनाए जाने वाले शौचालयों के भर जाने पर अपशिष्ट को निकालकर दोबारा उसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
   
   
   
तेलंगाना में शौचालय के गड्ढे की सफाई करते केंद्रीय सचिव पमेश्वरन अय्यर। समारोह के बाद अय्यर ने ट्वीट किया कि शौचालय के गड्ढों की सफाई पूरी तरह सुरक्षित है। इस दौरान ग्रामीणों और मिशन से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को बताया गया कि लोगों को इस बारे में जागरुक करने की आवश्यकता है कि शौचालय के गड्ढों की सफाई कर उन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जाए। शौचालय में दो गड्ढों की तकनीकि का मकसद ही है कि जब एक पिट भर जाए तो दूसरे का इस्तेमाल करें और पहले वाले को साफ कर पुन: इस्तेमाल लायक बनाएं।
   
इस्तेमाल न होने पर लगभग छह महीने में प्रयोग में नहीं लाए जा रहे गड्ढे का अपशिष्ट खाद में तब्दील हो जाता है, जिसका इस्तेमाल खाद के रूप में खेतों में किया जा सकता है। इसी तरह बारी-बारी से दोनों गड्ढों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ये चक्र लगातार चलता रहना चाहिए, इससे एक ही शौचालय और वो दोनों गड्ढे कई वर्षों तक इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
   
   
   
 
हैदराबाद (तेलंगाना)। दक्षिण भारत के नए राज्य तेलंगाना के वारंगल के एक गाँव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत अनोखी पहल की गई। यहां केन्द्रीय सचिव समेत कुल 23 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने दो गड्ढों से बनने वाले शौचालय (टि्वन पिट ट्वायलेट) की सफाई करके यह दिखाया कि यह नई तकनीक के शौचालय कितने सुविधाजनक हैं, और इन्हें साफ करने को लेकर जो संकोच लोगों में रहता है, वह भी दूर हो सकता है।
Ad 1
Ad 2
तेलंगाना के गंगादेवीपल्ली गाँव में वरिष्ठ आईएएस और केंद्रीय सचिव स्वच्छता मिशन परमेश्वरन अय्यर ने खुद शौचालय के गड्ढों को साफ कर इस मिशन की शुरुआत की। गंगादेवीपल्ली गाँव में केंद्रीय सचिव परमेश्वरन अय्यर ने एक घर के शौचालय के गड्ढों (पिट) की सफाई की। इसका मकसद लोगों में शौचालय के गड्ढों की सफाई को लेकर भ्रांतियों को दूर करना और उन्हें इनके दोबारा इस्तेमाल के लिए जागरुक करना था कि गाँवों में बनाए जाने वाले शौचालयों के भर जाने पर अपशिष्ट को निकालकर दोबारा उसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
Ad 3
Ad 4
तेलंगाना में शौचालय के गड्ढे की सफाई करते केंद्रीय सचिव पमेश्वरन अय्यर। समारोह के बाद अय्यर ने ट्वीट किया कि शौचालय के गड्ढों की सफाई पूरी तरह सुरक्षित है। इस दौरान ग्रामीणों और मिशन से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को बताया गया कि लोगों को इस बारे में जागरुक करने की आवश्यकता है कि शौचालय के गड्ढों की सफाई कर उन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जाए। शौचालय में दो गड्ढों की तकनीकि का मकसद ही है कि जब एक पिट भर जाए तो दूसरे का इस्तेमाल करें और पहले वाले को साफ कर पुन: इस्तेमाल लायक बनाएं।
इस्तेमाल न होने पर लगभग छह महीने में प्रयोग में नहीं लाए जा रहे गड्ढे का अपशिष्ट खाद में तब्दील हो जाता है, जिसका इस्तेमाल खाद के रूप में खेतों में किया जा सकता है। इसी तरह बारी-बारी से दोनों गड्ढों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ये चक्र लगातार चलता रहना चाहिए, इससे एक ही शौचालय और वो दोनों गड्ढे कई वर्षों तक इस्तेमाल किए जा सकेंगे।