एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को अमृत योजना का मिलेगा लाभ
 Ishtyak Khan |  Mar 30, 2018, 12:59 IST
एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को अमृत योजना का मिलेगा लाभ
Highlight of the story:
 यूपी के जिन शहरों की आबादी एक लाख से अधिक है उन कस्बों और शहरों में अमृत योजना के तहत पेयजल से जूझ रहे लोगों को निजात मिलेगी। कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ सहित प्रदेश के सभी मंडलों के जिलों से उन नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों का चयन किया गया है जहां की आबादी एक लाख से अधिक की है। 
   
   
   
           
   
   
   
   
   
   
             जालौन जिले में एक लाख की आबादी वाला शहर सिर्फ उरई है जिसका योजना के तहत चयन किया गया है। उरई के मोहल्ला इंद्रा नगर निवासी लक्ष्मणदास (35वर्ष) बताते हैं, “पानी की सप्लाई सही से नहीं थी आबादी ढाई हजार के करीब है हैंडपंप काम नहीं कर रहे है। योजना के तहत पाइप लाईन बिछाई जा रही है इससे लोगों को पेयजल से नहीं जूझना पडे़गा।”   
   
   
   
   
   
   
संजय कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद औरैया।
   
   कस्बों का कायाकल्प करने वाली इस परियोजना का हर क्षेत्र में नियमित रूप से आडिट होगा।   
   
बिजली, पानी का बिल, हाउस टैक्स सुविधाऐं ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुनिश्चित की जायेंगी।
   
जो राज्य बेहतर ढंग से इस परियोजना को आगे बढायेंगे उनके लिए बजट में 10 प्रतिशत तक का आवंटन किया जायेगा।
   
योजना एक लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले कस्बों तथा उन छोटे शहरों में जहां से छोटी-छोटी नदियां गुजरती हो।
   
उन पहाडी इलाको व दीपो पर लागू होगी जहां पर्यटन का स्कोप ज्यादा है।
   
जिन राज्यों की सरकारें इसे अच्छे ढंग से आगे बढायेगी उनके लिए बजट का आवंटन बढा दिया जायेगा।
   
अमृत के अंर्तगत वो परियोजनाऐं भी आयेंगी जो जेएनएनयूआरएम के अंर्तगत अधूरी रह गई।
   
   
   
                                                         
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   औरैया जिले से एकल नगर पालिका का चयन हुआ है तो जालौन से उरई नगर पालिका का चयन हुआ है। दोनों जगह एएफएसी इंडिया ने पाईप लाईन बिछाने का काम भी शुरू कर दिया है। लाईन बिछने के बाद सर्वे कर प्रत्येक घर को निशुल्क में पानी का कनेक्शन दिया जायेगा।   
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केंद्र की एक अच्छी योजना
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नहीं जूझना पड़ेगा पेयजल से
एएफसी इंडिया करेगी जिले में काम
संजय कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद औरैया।
योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
बिजली, पानी का बिल, हाउस टैक्स सुविधाऐं ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुनिश्चित की जायेंगी।
जो राज्य बेहतर ढंग से इस परियोजना को आगे बढायेंगे उनके लिए बजट में 10 प्रतिशत तक का आवंटन किया जायेगा।
योजना एक लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले कस्बों तथा उन छोटे शहरों में जहां से छोटी-छोटी नदियां गुजरती हो।
उन पहाडी इलाको व दीपो पर लागू होगी जहां पर्यटन का स्कोप ज्यादा है।
जिन राज्यों की सरकारें इसे अच्छे ढंग से आगे बढायेगी उनके लिए बजट का आवंटन बढा दिया जायेगा।
अमृत के अंर्तगत वो परियोजनाऐं भी आयेंगी जो जेएनएनयूआरएम के अंर्तगत अधूरी रह गई।