जड़ी बूटी या खुशबूदार फ‍़सलों की खेती करते हैं तो ये नया ऐप आपका मुनाफा बढ़ा सकता

Gaon Connection | Jan 29, 2024, 07:36 IST |
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जड़ी बूटी या खुशबूदार फ‍़सलों की खेती करते हैं तो ये नया ऐप आपका मुनाफा बढ़ा सकता
मेंथा, जिरेनियम, लेमनग्रास जैसी फ़सलों की खेती करने वाले किसानों के लिए काम की ख़बर है। अब किसानों को इस ख़ास ऐप के जरिए एक ही जगह पर सारी जानकारियाँ मिल जाएँगी।
औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती करने वाले किसानों को अब बुवाई की तकनीक, नए उन्नत बीज और मार्केटिंग के लिए इधर-उधर नहीं भटकना होगा।

सीएसआईआर-सीमैप किसानों के लिए 'अरोमा ऐप' लेकर आया है।

देश में औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अरोमा मिशन की शुरुआत की गई है। इस प्रोजेक्ट की अगुवाई सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध संस्थान कर रहा है। मिशन के तहत किसानों को सगंध और औषधीय गुण वाले पौधों की खेती के लिए बीज, तकनीकी और बाजार मुहैया कराया जा रहा है।

मेले में लॉन्च होगा ऐप

सीएसआईआर अरोमा ऐप को 31 जनवरी को सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध संस्थान, लखनऊ में आयोजित मेले में लॉन्च किया जाएगा। 30-31 जनवरी को लगने वाले इस मेले में 21 राज्यों के 5000 से अधिक किसान शामिल होंगे। इसके अलावा 500 महिला उद्यमी,सगंध कंपनियों के प्रतिनिधि और 15 अन्य शोध संस्थान, सरकारी और गैर सरकारी समितियों के सदस्य भी हिस्सा लेंगे।

इस ऐप को किसान गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।

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सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि अरोमा ऐप सीएसआईआर के ज़रिए अरोमा मिशन के अंतर्गत की गई सगंध फसलों के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी, जिसमें फसलों की खेती, कटाई, उपज गुणवत्ता, लोकप्रिय किस्में और आसवन प्रक्रिया शामिल हैं।"

साथ ही कीट और रोग संबंधी जानकारी के साथ-साथ उनके लक्षण और प्रबंधन की जानकारी भी दी जाएगी।

''इस समय सीमैप एरोमा मिशन के तहत करीब 24 राज्यों में किसानों के साथ काम कर रहा है और 3000 किसानों के क्लस्टर बने हुए हैं, इससे ये फायदा हुआ जो भी ऐरोमैटिक क्रॉप हैं उन पर बहुत अच्छा काम हुआ है।'' डॉक्टर प्रबोध कुमार ने बताया।

ऐप में क्या -क्या है ख़ास

अरोमा ऐप की मदद से किसान फ़सल से संबंधित कोई भी सलाह वैज्ञानिकों से ले सकते हैं। इस ऐप के माध्यम से किसान वैज्ञानिकों से सीधे बातचीत कर सकते हैं। फसलवार अरोमा क्लस्टर और डिस्टिलेशन यूनिट जानकारी भी इस ऐप पर उपलब्ध है, जो किसानों के लिए काफी उपयोगी होगी और आसपास की वन इकाइयों से बहुत मददगार होगी।

सीएसआईआर-सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार इस ऐप के बारे में गाँव कनेक्शन से कहते हैं, "इस ऐप पर किसान खरीददार से संपर्क कर सकते हैं; किसानों, वैज्ञानिकों के साथ ही इंडस्ट्री को भी इससे जोड़ा गया है।"

किसान मेले में हर साल की तरह वैज्ञानिक-उद्योग और किसान-संवाद होगा। उन्नत पौध किस्मों, तकनीकों और उत्पादों और तकनीक की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसके साथ ही संस्थान सीमैप की उन्नत प्रजातियों की पुस्तक और दो उत्पादों का विमोचन करेगा।

Also Read: कैसे किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा अरोमा मिशन; सगंध फसलों की खेती के साथ प्रोसेसिंग का भी दिया जा रहा प्रशिक्षण

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