जानिए ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी से कैसे बचें?

गाँव कनेक्शन | May 05, 2023, 12:28 IST |
Online Banking
जानिए ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी से कैसे बचें?
देश में डिजिटल पेमेंट का चलन जिस तेजी से बढ़ा है, बैंक फ्रॉड की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। बात पते की के इस भाग में आपको ऐसी जानकारी दी जा रही है।
बैंकिंग फ्रॉड आसान बात नहीं है। क्योंकि हमारे बैंकिंग सिस्टम की सिक्योरिटी इतनी हाई टेक और मज़बूत होती है कि कोई हैकर आसानी से आपके अकाउंट की जानकारी हासिल नहीं कर सकता है। लेकिन कभी-कभी खुद के सजग न होने से अनजाने में हम बैंक में जमा अपनी पूँजी गवाँ देते हैं।

हाल ही में फ्रॉड का एक मामला सामने आया, जिसमें एक महिला के अकाउंट से एक करोड़ रूपये निकल गए। बड़ी बात ये है कि अकाउंट हैक करने वाले ने चालाकी से ओटीपी दूसरे फोन के जरिए हासिल कर लिया था, और चार पॉँच बार में ये रकम निकाला। मतलब साफ़ है फोन पर उसने झूठ बोलकर वो ज़रूरी जानकारी ले लिया था जिससे अकाउंट से पैसा आसानी से निकला जा सकता है।

आज हम आपको बताएंगे कि मोबाइल बैकिंग में घोखाधड़ी कैसे होती है और इससे कैसे बचा जाए।

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किन-किन तरीकों से हो सकता है आपके साथ फ्रॉड?

आपके अकाउंट से पैसा साफ़ करना किसी जालसाज के लिए तब ज़्यादा आसान हो जाता है जब बिना सोचे समझे हम ई मेल या एसएमएस का जवाब दे देते हैं या ओटीपी शेयर करते हैं। फ्रॉड करने वाला आपके अकाउंट से पैसे निकालने के लिए जो तरीके चुनता है उनमें फ़ोन कॉल, ईमेल या एसएमएस प्रमुख है। इसके जरिए वो आपसे नेट बैंकिंग पासवर्ड, डेबिट कार्ड सीरियल नंबर, पिन और ओटीपी हासिल करता है।

अगर वो इस साज़िश में क़ामयाब हो जाता है तो आसानी से बैंक में जमा आपकी गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ़ कर देता है।

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फ़ोन कॉल करके बैंक खातों की जांच के नाम पर, या कैशबैक के नाम पर यूपीआई पेमेंट रिक्वेस्ट भेजकर फर्जी तरीके से पैसे निकाल लेना अब आम होता जा रहा है।

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें जालसाज खुद को बैंक का स्टाफ बताकर कॉल करता है, और हमारे अकाउंट से संबंधित कोई समस्या बताकर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का सीरियल नंबर, पिन और नेट बैंकिंग पासवर्ड पूछ लेता है। फिर वो कहता है आपके अकाउंट से जुड़ी समस्या को जल्द ठीक कर दिया जायेगा। ऐसे में अगर अकाउंट होल्डर अपने बैंक खाते की सारी जानकारी दे देता है तो जालसाज अपने मकसद में कामयाब हो जाता है। यही नहीं आपके एटीएम कार्ड की सभी जानकारी चुराकर कार्ड क्लोनिंग यानी हूबहू कार्ड तक बना लेता है। कुछ फ्रॉड वीडियो कॉल के ज़रिए, लॉटरी के नाम पर, जॉब या रिवॉर्ड पॉइंट के नाम पर भी होते हैं।

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जालसाज़ फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी खूब करते हैं। आपके ही किसी जानकार व्यक्ति के नाम पर एक फ़र्जी प्रोफाइल बनाकर आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और फिर कोई बड़ी परेशानी बताकर आपसे कुछ पैसे की मांग करते हैं।

फ्रॉड से बचने के आसान तरीके :

कोई फ़ोन कॉल करके अपने को कस्टमर केयर एजेंट, बैंक स्टाफ बताकर या ईमेल, सोशल मीडिया के माध्यम से डेबिट कार्ड सीरियल नंबर ,पिन या ओटीपी की मांग करे तो उसे कभी भी शेयर ना करें, क्योंकि किसी बैंक की तरफ से ऐसी कॉल नहीं की जाती है।

1. मोबाइल फोन पर आने वाले किसी भी ई-मेल, पॉप-अप या एसएमएस को अच्छे से पढ़ें। यूँ ही किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें।

2. अपना डेबिट कार्ड किसी दूसरे व्यक्ति को इस्तेमाल के लिए कभी भी ना दें।

3. अपने फोन में हमेशा एक मजबूत पासवर्ड रखें। इसके लिए फिंगरप्रिंट का भी इस्तेमाल करें। नेट बैंकिंग में भी पासवर्ड आसान नहीं होना चाहिए।

4. ऑनलाइन कुछ खरीदना चाहते हैं तो ठीक से चेक करें, क्या आपने उसकी सही वेबसाइट खोली है ? तभी अपनी बैंकिंग जानकारी भरें या पेमेंट करें।

5. किसी भी ऐप को इजाज़त ज़रुरत के अनुसार ही दें। हो सके तो वन टाइम का ऑप्शन चुने।

6. मोबाइल में ब्लूटूथ को ज़रूरत के समय ही ऑन करें। हैकर्स इसका इस्तेमाल आपके मोबाइल को हैक करने के लिए कर सकते हैं।

7. अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर ना करें।

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धोखाधड़ी होने पर क्या करें?

1. अकाउंट से किसी ने पैसा निकाल लिया है, तो सबसे पहले बैंक और यूपीआई को कॉल करें, जिससे पेमेंट रोका जा सके।

2. अगर ऑनलाइन खरीददारी में गड़बड़ी हुई है तो संबंधित वेबसाइट को कॉल कर रेफरेंस आईडी के साथ जानकारी दें।

3. साइबर एक्सपर्ट की मदद लें और तुरंत एफआईआर दर्ज करवाएं।

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