मधुमक्खी पालन करने वालों के लिए मधुक्रांति पोर्टल लांच, जानें इसकी खास बातें

गाँव कनेक्शन | Apr 10, 2021, 07:21 IST |
honey farmers
मधुमक्खी पालन करने वालों के लिए मधुक्रांति पोर्टल लांच
कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) में छोटे मधुमक्खी पालकों को शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही उन्हें ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी बनाया जाएंगे।
मधुमक्खी पालकों को शहद का सही दाम दिलाने और मधुमक्खी पालन से ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए 'मधु क्रांति पोर्टल' की शुरूआत की गई है। इसमें रजिस्ट्रेशन कर के कई सारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

'मधु क्रांति पोर्टल' पर सबसे पहले मधुमक्खी पालकों और इस काम से जुड़े लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। शहद की खरीद-बिक्री का भी यहां पर डेटा रहेगा। सरकार इसके अध्ययन के अनुसार योजनाएं शुरू करेगी और मधुमक्खी पालकों और इसके व्यापार से जुड़े लोगों के लिए राहत देने का काम करेगी।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को इस पोर्टल का शुभारंभ किया। कृषि मंत्री ने शुभारंभ करते हुए कहा, "शहद (मीठी) क्रांति देशभर में तेजी से अग्रसर होगी। शहद का उत्पादन बढ़ाकर निर्यात में वृद्धि की जा सकती है, रोजगार बढ़ाए जा सकते हैं। वहीं गरीबी उन्मूलन की दिशा में भी बेहतर काम किया जा सकता हैं। मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन व पशुपालन के माध्यम से हम भूमिहीन किसानों को गांवों में ही अच्छा जीवन जीने का साधन दे सकते हैं।

कृषि मंत्री ने "मधु क्रांति पोर्टल" के साथ ही "हनी कॉर्नर" की भी शुरुआत की। कृषि मंत्री ने आगे कहा, "देश में उत्पादन क्षमता से अधिक संभव है, पर क्वालिटी पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। मधुमक्खी पालन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए सरकार की विभिन्न योजनाएं मधुमक्खी पालन का कायाकल्प करने में मदद कर रही हैं, जिससे हर साल लगभग 1.20 लाख टन शहद का उत्पादन देश के ग्रामीण इलाकों में किया जा रहा है। इसका लगभग 50 प्रतिशत निर्यात किया जाता है। शहद व संबंधित उत्पादों का निर्यात बढ़कर करीब दोगुना हो चुका है।"

कृषि मंत्री के अनुसार 'मधुक्रांति पोर्टल' के माध्यम से पारदर्शिता आएगी। मंत्रालय ने पिछले कुछ समय में मापदंड बनाए हैं, जिससे स्थिति में काफी सुधार आया है। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) में छोटे मधुमक्खी पालकों को शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, साथ ही उन्हें ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी बनाया जाएं।"

352415-madhu-kranti-portal-gaon-connection-2-scaled

एफपीओ को बाजार उपलब्ध कराने के लिए नाफेड ने दिल्ली में करीब 15 हनी कॉर्नर विकसित किए हैं, जो आश्रम, नया मोती बाग व ईस्ट आफ कैलाश आदि जगह है। वहीं पंचकूला और मसूरी में भी नाफेड बाजार है। शहद व अन्य मधुमक्खी उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए आगामी प्रमुख 200 नाफेड स्टोर में से अधिकांश में हनी कॉर्नर विकसित किए जाएंगे।

"मधुक्रांति पोर्टल" राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन के तहत राष्ट्रीय बी बोर्ड, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक पहल है। यह पोर्टल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शहद व अन्‍य मधुमक्खी उत्पादों के ट्रेसेब्लिटी स्रोत को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के लिए विकसित किया गया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास के लिए तकनीकी और बैंकिंग सहयोग इंडियन बैंक है। इस परियोजना के लिए एनबीबी व इंडियन बैंक के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

सालाना 1.20 लाख टन शहद का होता है उत्पादन


कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश में सालाना 1.20 लाख टन शहद का उत्पादन होता है और इसे अगले पांच साल में दोगुना करने की योजना है। इस समय लगभग 10 हजार रजिस्टर्ड किसान 15 लाख मधुमक्खियों की कॉलोनी बनाकर शहद उत्पादन कर रहे हैं। दुनिया भर में शहद बनाने वालों में भारत टॉप फाइव में हैं। इसे तेजी से बढ़ाने की दिशा में किसान और केंद्र सरकार तेज गति से काम कर रहे हैं।

कैलाश चौधरी के अनुसार, "30 लाख किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया है, जो भी अपना काम बड़ा करना चाहता है उसे हम हर संभव मदद के लिए तैयार है। हनी मिशन को कोआपरेटिव या सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से भी किया जा सकता है। इससे बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होने की क्षमता है।"

500 करोड़ रुपये का पैकेज किया गया है आवंटित


मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और "मीठी क्रांति" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। एनबीएचएम में वर्ष 2019-20 व 2020-21 के लिए 86 करोड़ रुपए की 45 परियोजनाएं मंजूर की गई है। इनमें से अनेक परियोजनाएं एस्पिरेशनल जिलों और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मंजूर की गई है।

Tags:
  • honey farmers
  • Beekeeping
  • story

Previous Story
आम की लाल किस्मों के बारे में जानते हैं?

Contact
Recent Post/ Events