एन-95 मास्क का बेहतर विकल्प है हाइब्रिड मल्टीप्लाई फेस मास्क
गाँव कनेक्शन | Jun 11, 2021, 06:39 IST |
एन-95 मास्क का बेहतर विकल्प है हाइब्रिड मल्टीप्लाई फेस मास्क
इस नए मास्क को एसएचजी-95 (बिलियन सोशल मास्क) कहते हैं। ये 'मेड इन इंडिया' मास्क प्रदूषित कणों को लगभग 90 प्रतिशत और बैक्टीरिया को लगभग 99 प्रतिशत तक रोकने में सक्षम हैं।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क, सैनिटाइजर जैसे सभी के लिए जरूरी हो गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क को बेहद कारगर माना है। ऐसे में एन-95 फेस मास्क विशेष प्रभावी माना गया है, लेकिन अब वैज्ञानिक इसका भी विकल्प लेकर आए हैं।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मास्क लगाने से कोरोना संक्रमण का फैलाव सीमित हो जाता है। इस दिशा में एन-95 फेस मास्क को विशेष प्रभावी माना गया है। माना जाता है कि यह मास्क पीड़ित व्यक्ति से स्वस्थ लोगों तक वायरस संक्रमण पहुँचने की प्रक्रिया को प्रभावकारी तरीके से कम कर देता है। लेकिन, बाजार में उपलब्ध ज्यादातर एन-95 फेस मास्क कई बार असुविधाजनक होते हैं। ऐसे मास्क प्रायः धोकर दोबारा प्रयोग में नहीं लाए जा सकते हैं।
हाल ही में, भारतीय वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड मल्टीप्लाई फेसमास्क विकसित किए हैं। इन्हें एसएचजी-95 (बिलियन सोशल मास्क) भी कहते हैं। ये 'मेड इन इंडिया' मास्क प्रदूषित कणों को लगभग 90 प्रतिशत और बैक्टीरिया को लगभग 99 प्रतिशत तक रोकने में सक्षम हैं। इस मास्क का निर्माण इस तरह किया गया है कि इससे साँस लेने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। मास्क को कानों पर बाँधने के लिए आरामदेह लूप लगाया गया है। ये मास्क हाथों से बुने हुए सूती कपड़े से बनाए गए हैं। इन मास्क में फिल्टर के लिए अलग परत लगायी गई है, जिससे मास्क का फायदा बढ़ जाता है। इसके साथ ही, नये मास्क को हाथ से धोकर दोबारा प्रयोग में भी लाया जा सकता है।
हाइब्रिड मल्टीप्लाई फेसमास्क को हैदराबाद स्थित परिशोधन टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड ने जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाइरैक) और आईकेपी नॉलेज पार्क की सहायता से विकसित किया है। इसकी कीमत 50 से 75 रुपये प्रति मास्क रखी गई है, जिससे आम लोगों तक इसकी पहुँच संभव हो सके।
कोरोना संक्रमण के कारण मास्क की माँग को ध्यान में रखते हुए इन मास्क का निर्माण किया जा रहा है, और अब तक 1.45 लाख मास्क बिक चुके हैं। वहीं, इस पहल को कनाडा के ग्रैंड चैलेंजेस से भी सहायता मिल रही है।
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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मास्क लगाने से कोरोना संक्रमण का फैलाव सीमित हो जाता है। इस दिशा में एन-95 फेस मास्क को विशेष प्रभावी माना गया है। माना जाता है कि यह मास्क पीड़ित व्यक्ति से स्वस्थ लोगों तक वायरस संक्रमण पहुँचने की प्रक्रिया को प्रभावकारी तरीके से कम कर देता है। लेकिन, बाजार में उपलब्ध ज्यादातर एन-95 फेस मास्क कई बार असुविधाजनक होते हैं। ऐसे मास्क प्रायः धोकर दोबारा प्रयोग में नहीं लाए जा सकते हैं।
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हाल ही में, भारतीय वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड मल्टीप्लाई फेसमास्क विकसित किए हैं। इन्हें एसएचजी-95 (बिलियन सोशल मास्क) भी कहते हैं। ये 'मेड इन इंडिया' मास्क प्रदूषित कणों को लगभग 90 प्रतिशत और बैक्टीरिया को लगभग 99 प्रतिशत तक रोकने में सक्षम हैं। इस मास्क का निर्माण इस तरह किया गया है कि इससे साँस लेने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। मास्क को कानों पर बाँधने के लिए आरामदेह लूप लगाया गया है। ये मास्क हाथों से बुने हुए सूती कपड़े से बनाए गए हैं। इन मास्क में फिल्टर के लिए अलग परत लगायी गई है, जिससे मास्क का फायदा बढ़ जाता है। इसके साथ ही, नये मास्क को हाथ से धोकर दोबारा प्रयोग में भी लाया जा सकता है।
📢Hybrid Multiply Face Masks: An Alternative to N95 Respirator
➡️Provide high particulate (>90%) & bacterial filtration efficiency (>99%)
➡️Supported by @BIRAC_2012 under Fast Track #COVID19 Fund
➡️145000+ units sold
📄https://t.co/e62yxDZBgp@drharshvardhan @RenuSwarup pic.twitter.com/kAFTteg9SW
— BiotechIndia (@DBTIndia) June 10, 2021
कोरोना संक्रमण के कारण मास्क की माँग को ध्यान में रखते हुए इन मास्क का निर्माण किया जा रहा है, और अब तक 1.45 लाख मास्क बिक चुके हैं। वहीं, इस पहल को कनाडा के ग्रैंड चैलेंजेस से भी सहायता मिल रही है।
#SHG-95 masks provided to some of the @cyberabadpolice @hydcitypolice @GHMCOnline teams. Made with pure cotton and a special filter, these masks provide comfort and safety. #bollionsocialmasks @SEWAFed @TataPower @RuralSankalpa @gchallenges @BIRAC_2012 @IKP_SciencePark @teamTSIC pic.twitter.com/xzbjAdsiUJ
— Parisodhana Technologies (@parisodhana) May 25, 2021