इस होली अपने आसपास के जानवरों का भी रखें ख्याल
 गाँव कनेक्शन |  Mar 20, 2024, 11:19 IST | 
 इस होली अपने आसपास के जानवरों का भी रखें ख्याल
रंगों के त्योहार होली का हम हर साल इंतज़ार करते हैं, गाँव और शहर में हुड़दंग मचा रहता है; लेकिन इस दौरान लोग जानवरों पर भी रंग डाल देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए।
    जब हम होली के दौरान मौज-मस्ती करें, उस समय अपने पशु मित्रों के प्रति भी दयालु होना न भूलें। जिम्मेदारी से खेले जाने पर होली हर किसी के लिए खुशियों का पल होता है। काफी लोग अपने आवासीय सोसाइटियों में या बाहर होली समारोहों को इस तरह से आयोजित करते हैं, जिससे आसपास रहने वाले किसी भी जानवर को नुकसान न पहुँचे।   
   
ये इस बात के बेहतरीन उदाहरण हैं जिससे यह यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी जानवर पर मौज-मस्ती के लिए रंग और गुलाल न डाला जाए, और त्यौहार उन क्षेत्रों में मनाया जाए जहाँ पर जानवर न हों।
   
यह हर किसी की ज़िम्मेदारी होनी चाहिये कि होली को ऐसे अनियंत्रित तरीके से खेलने को हतोत्साहित करें, जिससे जानवरों को नुकसान पहुँच सकता हो।
   
होली के दौरान, लोग अक्सर एक दूसरे पर गुलाल डालते हैं, लेकिन अगर जानवर इसे खा लें या यह उनकी आँखों या त्वचा पर चला जाए तो यह उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
   
    
   
     
         
          जानवरों को रंगीन पानी से भीगना या गुलाल डाला जाना पसंद नहीं होता है। होली खेलने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले रंग सिंथेटिक होते हैं जिनमें ऐसे तत्व होते हैं जो विषाक्त हो सकते हैं और इससे मनुष्यों और जानवरों में त्वचा की एलर्जी और अंधापन भी हो सकता है। गुलाल में सीसा मिला होता है जो शरीर में ज़हर के रूप में जमा हो सकता है। गुलाल नाक में जाने पर नाक में जलन हो सकती है, और यहाँ तक कि सांस संबंधित बीमारी भी हो सकती है। कुत्ते और अन्य जानवर खुद को साफ करने के लिए अपने शरीर को चाटते भी हैं, जिससे वे अनजाने में होली के रंगों को निगल जाते हैं और कई बार यह उनके लिए जहरीली साबित हो सकती है ।   
   
    बच्चे गुलाल और रंगों को देखकर रोमांचित हो जाते हैं। होली के दौरान बच्चों को जानवरों का ध्यान रखने की सलाह दें जिससे वे अपने होली के उत्साह में गलती से जानवरों को परेशान न करें। उन्हें जानवरों पर पानी के गुब्बारे फेंकने से रोकें और क्योंकि जानवर इनसे भयभीत हो जाते हैं। बच्चों को यह सीख दें कि वे अपनी मौज-मस्ती के दौरान जानवरों, खासकर गली के कुत्तों को परेशान न करें क्योंकि त्योहार के दौरान जहरीले रंगों के सबसे आम शिकार यहीं होते हैं ।   
   
   अगर आपका पालतू जानवर या आपके पड़ोस में कोई कुत्ता होली के रंगों में रंग जाता है, तो उसे धोने के लिए किसी सौम्य या पालतू जानवरों के लिए उपयोग किए जाने वाले शैम्पू का उपयोग करें। अपने कुत्ते के फर से रंग या सख्त पेंट हटाने के लिए मिट्टी के तेल या स्प्रिट का उपयोग न करें। अगर कुत्ते के चेहरे पर पानी के गुब्बारे से वार किया गया है या रंग और गुलाल उसकी आंखों, नाक या मुँह में चला गया है तो उसे साफ पानी से सावधानीपूर्वक धोएं और जाँच कराने के लिए पशु चिकित्सक के पास ले जाएँ।   
   
   अगर आपके जानवर को ज़्यादा लार आ रहा है या उल्टी, दस्त है या बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाएँ ।   
   
अपने सोसायटी के सचिव और बिल्डिंग मैनेजरों से अनुरोध करें कि वे सोसायटी या बिल्डिंग में ऐसी सलाह चिपकाएं जिसमें वहाँ रहने वाले लोगों को त्योहारों के दौरान पालतू जानवरों को घर के अंदर रखने और सड़क पर रहने वाले जानवरों पर पानी या रंग न फेंकने के लिए कहा जाए।
   
इस बात का ध्यान रखें कि मिठाईयाँ और चीनी को सेवन करने से कुत्तों और अन्य जानवरों में पाचन संबंधी गंभीर बीमारी हो सकती है, यहाँ तक कि कुछ मामलों में उन्हें बेहोशी के दौरे भी पड़ सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा अपने पालतू जानवरों पर नज़र रखें कि आपके मेहमान या बच्चे आपके पालतू जानवरों को मिठाईयाँ न दें। इसी तरह, तले हुए खाद्य पदार्थ भी जानवरों के पाचन तंत्र को बिगाड़ सकते हैं।
   
साभार: ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया
   
 
ये इस बात के बेहतरीन उदाहरण हैं जिससे यह यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी जानवर पर मौज-मस्ती के लिए रंग और गुलाल न डाला जाए, और त्यौहार उन क्षेत्रों में मनाया जाए जहाँ पर जानवर न हों।
यह हर किसी की ज़िम्मेदारी होनी चाहिये कि होली को ऐसे अनियंत्रित तरीके से खेलने को हतोत्साहित करें, जिससे जानवरों को नुकसान पहुँच सकता हो।
होली के दौरान, लोग अक्सर एक दूसरे पर गुलाल डालते हैं, लेकिन अगर जानवर इसे खा लें या यह उनकी आँखों या त्वचा पर चला जाए तो यह उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
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होली खेलते समय इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों को जिम्मेदारी से होली खेलना सिखाएँ
रंग हटाने के लिए केरोसिन स्प्रिट का उपयोग न करें
चेतावनी संकेतों पर ध्यान दें
अपने सोसायटी के सचिव और बिल्डिंग मैनेजरों से अनुरोध करें कि वे सोसायटी या बिल्डिंग में ऐसी सलाह चिपकाएं जिसमें वहाँ रहने वाले लोगों को त्योहारों के दौरान पालतू जानवरों को घर के अंदर रखने और सड़क पर रहने वाले जानवरों पर पानी या रंग न फेंकने के लिए कहा जाए।
इस बात का ध्यान रखें कि मिठाईयाँ और चीनी को सेवन करने से कुत्तों और अन्य जानवरों में पाचन संबंधी गंभीर बीमारी हो सकती है, यहाँ तक कि कुछ मामलों में उन्हें बेहोशी के दौरे भी पड़ सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा अपने पालतू जानवरों पर नज़र रखें कि आपके मेहमान या बच्चे आपके पालतू जानवरों को मिठाईयाँ न दें। इसी तरह, तले हुए खाद्य पदार्थ भी जानवरों के पाचन तंत्र को बिगाड़ सकते हैं।
साभार: ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया