सरकार को क्यों कहना पड़ा आधार नहीं होने पर भी काम देने से नहीं किया जा सकता है इनकार

गाँव कनेक्शन | Aug 30, 2023, 12:05 IST
सरकार को क्यों कहना पड़ा आधार नहीं होने पर भी काम देने से नहीं किया जा सकता है इनकार

Highlight of the story:

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को साफ़ कर दिया है कि काम के लिए आने वाले लाभार्थी से आधार नंबर देने का अनुरोध किया जाना चाहिए, लेकिन सिर्फ इसलिए उन्हें काम देने से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आधार नहीं है ।
Ad 2


सरकार को ऐसा इसलिए कहना पड़ा है क्योंकि कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनमें लाभार्थी द्वारा बैंक खाता संख्या में बार-बार बदलाव करने और समय पर लाभार्थी द्वारा नए खाते की जानकारी नहीं देने के कारण संबंधित कार्यक्रम अधिकारी द्वारा नया खाता संख्या अपडेट नहीं हो सका। जिससे सम्बंधित बैंक शाखा द्वारा मजदूरी भुगतान के कई लेनदेन (पुराने खाता संख्या के कारण) अस्वीकार कर दिए जा रहे हैं।
Ad 1
Ad 4


मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि जो भी लाभार्थी काम के लिए आएगा, उससे आधार नंबर देने का अनुरोध तो किया जाना चाहिए, लेकिन इस आधार पर उसे काम देने से मना नहीं किया जाएगा। अगर कोई लाभार्थी काम की मांग नहीं करता है, तो ऐसी स्थिति में आधार भुगतान ब्रिज सिस्टम ( एपीबीएस) के लिए पात्रता को लेकर उसकी स्थिति काम की मांग को प्रभावित नहीं करती है। जॉब कार्ड को इस आधार पर नहीं हटाया जा सकता कि श्रमिक एपीबीएस के लिए पात्र नहीं है।
Ad 3


महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत, एपीबीएस 2017 से इस्तेमाल में है। हर वयस्क आबादी के लिए आधार संख्या की उपलब्धता के बाद अब केंद्र सरकार ने योजना के तहत लाभार्थियों के लिए एपीबीएस का विस्तार करने का फैसला किया है। भुगतान एपीबीएस के माध्यम से केवल एपीबीएस से जुड़े खाते में पहुंचेगा, यानी जोखिम की आशंका नहीं है।

Also Read: आपका फोन नंबर, आधार, पैन, एड्रेस या लोकेशन सुरक्षित रखेगा ये नया कानून

कुल 14.33 करोड़ सक्रिय लाभार्थियों में से 13.97 करोड़ लाभार्थियों को आधार से जोड़ा जा चुका है जिनमें से कुल 13.34 करोड़ आधार प्रमाणित किए जा चुके हैं और 81.89 प्रतिशत सक्रिय कर्मचारी अब एपीबीएस के लिए पात्र हैं। जुलाई 2023 में लगभग 88.51 प्रतिशत वेतन भुगतान एपीबीएस के माध्यम से किया गया है।

एक बार योजना डेटाबेस में आधार अपडेट हो जाने के बाद लाभार्थी को जगह बदलने या बैंक खाता संख्या में बदलाव के कारण खाता संख्या अपडेट करने की आवश्यकता नहीं होगी। पैसा उसी खाता संख्या पर जाएगा जो आधार नंबर से जुड़ा होगा। लाभार्थी के पास एक से अधिक खाते होने की स्थिति में, लाभार्थी के पास खाता चुनने का विकल्प होता है।

Also Read: कहीं आपका भी तो नहीं चुराया जा रहा है पैन कार्ड का नम्बर? हो सकते हैं धोखाधड़ी के शिकार

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि जहाँ आधार को डीबीटी के लिए जोड़ा गया है, वहाँ सफलता का प्रतिशत 99.55 प्रतिशत या उससे अधिक है। खाता आधारित भुगतान के मामले में ऐसी सफलता लगभग 98 प्रतिशत है।

सरकार का दावा है कि "एपीबीएस वास्तविक लाभार्थियों को उनका उचित भुगतान पाने में मदद कर रहा है और फर्जी लाभार्थियों को बाहर कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सहायक है। महात्मा गांधी नरेगा ने आधार-सक्षम भुगतान को नहीं अपनाया है। इस योजना ने आधार आधारित भुगतान ब्रिज प्रणाली का विकल्प चुना है। आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) की प्रगति की समीक्षा की गई है और वेतन भुगतान के मिश्रित मार्ग (एनएसीएच और एबीपीएस मार्ग) को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है।"

सरकार का कहना है कि महात्मा गांधी नरेगा एक माँग आधारित योजना है और यह विभिन्न आर्थिक कारकों से प्रभावित है। एपीबीएस के लिए उचित इकोसिस्टम मौजूद है। लाभार्थियों के लिए एपीबीएस के लाभों को ध्यान में रखते हुए भुगतान के लिए यह बेहतर प्रणाली है।

Also Read: क्या आपका आधार दस साल पहले बना था और अब तक अपडेट नहीं किया है? यहाँ बता रहे हैं कैसे कर सकते हैं इसे अपडेट

Tags:
  • Aadhar Card
  • aadhar link