यूपी विधानसभा चुनाव से पहले माकपा और कांग्रेस की राहें हुई अलग
गाँव कनेक्शन | Oct 29, 2016, 11:54 IST
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कोलकाता (भाषा)। पश्चिम बंगाल में इस साल हुये विधानसभा चुनाव में गठबंधन सहयोगी रहे माकपा और कांग्रेस की राहें जुदा हो गयी हैं और दोनों ने आगामी उपचुनाव में अपने-अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। राज्य में लोकसभा की दो और एक विधानसभा सीट पर 19 नवंबर को उपचुनाव होना है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-माकपा गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहने के बाद माकपा अपने केंद्रीय नेतृत्व और वाम मोर्चा सहयोगियों के निशाने पर रही। माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य और वाम मोर्चे के अध्यक्ष विमान बोस ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुये कहा कि उन्होंने कांग्रेस के साथ कोई चर्चा नहीं की है और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह खुद ही चुनाव लड़ेंगे।
राज्य में गठबंधन जारी रखने के इच्छुक राज्य कांग्रेस नेतृत्व ने मार्क्सवादी पार्टी को मुनासिब जवाब देने का फैसला करते हुए और उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। माकपा के राज्य नेतृत्व ने राज्य में गठबंधन जारी रखने में अपनी बेबसी का हवाला दिया क्योंकि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इसके खिलाफ है।
बंगाल से माकपा केंद्रीय समिति के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘हम यह गठबंधन जारी रखना चाहते थे, लेकिन हमारा केंद्रीय नेतृत्व इसके खिलाफ था क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन और सीटों के बंटवारे को पार्टी सम्मेलन में अपनाए गए पार्टी के रुख के उल्लंघन के तौर पर देखा गया।''
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पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-माकपा गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहने के बाद माकपा अपने केंद्रीय नेतृत्व और वाम मोर्चा सहयोगियों के निशाने पर रही। माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य और वाम मोर्चे के अध्यक्ष विमान बोस ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुये कहा कि उन्होंने कांग्रेस के साथ कोई चर्चा नहीं की है और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह खुद ही चुनाव लड़ेंगे।
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राज्य में गठबंधन जारी रखने के इच्छुक राज्य कांग्रेस नेतृत्व ने मार्क्सवादी पार्टी को मुनासिब जवाब देने का फैसला करते हुए और उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। माकपा के राज्य नेतृत्व ने राज्य में गठबंधन जारी रखने में अपनी बेबसी का हवाला दिया क्योंकि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इसके खिलाफ है।
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बंगाल से माकपा केंद्रीय समिति के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘हम यह गठबंधन जारी रखना चाहते थे, लेकिन हमारा केंद्रीय नेतृत्व इसके खिलाफ था क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन और सीटों के बंटवारे को पार्टी सम्मेलन में अपनाए गए पार्टी के रुख के उल्लंघन के तौर पर देखा गया।''