किसान की परेशानी पर शिवराज मौन : कांग्रेस
 गाँव कनेक्शन |  Nov 13, 2016, 10:30 IST
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    भोपाल, 12 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने 500-1000 के नोट बंद किए जाने से उत्पन्न आर्थिक आपातकाल से किसानों की बढ़ी समस्याओं पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुप्पी पर सवाल उठाया है। यादव ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा, "500-1,000 के नोट बंद किए जाने से आम जनता के साथ किसानों भी हलाकान है, मगर किसान-पुत्र होने का दंभ भरने वाले शिवराज सिंह चौहान मौन हैं।"   
   
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे के दौरान वहां उनके द्वारा 500-1,000 के नोटों को गंगा में बहाए जाने की कही गई बात को भी विदेशी धरती पर राष्ट्रीय मुद्रा का घोर अपमान बताया, क्योंकि पुराने नोट बदलने का 30 समय दिसंबर तक है, यानी ये नोट वैध हैमानी जाने वाली है।
   
यादव ने आगे कहा, "बिना किसी स्पष्ट नीति घोषित किए केंद्र के इस तुगलकी फरमान के कारण पूरा देश, आमजन के साथ विशेषकर प्रदेश का किसान हलकान हो रहा है। धान और सोयाबीन की फसलों से उसे नकदी की आवश्यकता है, ताकि वह गेहूं और चने की फसल बुबाई के लिए उस रकम से खाद-बीज खरीद सके, मगर प्रदेश की समस्त मंडियां बंद होने से उसे अपनी फसल का भुगतान नहीं मिल पर रहा है, जिस वजह से किसान बेहद परेशान है, उसे अपने भविष्य की चिंता सता रही है।"
   
यादव ने इस गंभीर विषम स्थिति पर मुख्यमंत्री चौहान की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा , "आखिरकार क्या कारण है कि किसानों को लेकर कथित तौर पर उनके द्वारा बार-बार जताई जाने वाली हमदर्दी आज क्यों खामोश है?"
   
 
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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे के दौरान वहां उनके द्वारा 500-1,000 के नोटों को गंगा में बहाए जाने की कही गई बात को भी विदेशी धरती पर राष्ट्रीय मुद्रा का घोर अपमान बताया, क्योंकि पुराने नोट बदलने का 30 समय दिसंबर तक है, यानी ये नोट वैध हैमानी जाने वाली है।
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यादव ने आगे कहा, "बिना किसी स्पष्ट नीति घोषित किए केंद्र के इस तुगलकी फरमान के कारण पूरा देश, आमजन के साथ विशेषकर प्रदेश का किसान हलकान हो रहा है। धान और सोयाबीन की फसलों से उसे नकदी की आवश्यकता है, ताकि वह गेहूं और चने की फसल बुबाई के लिए उस रकम से खाद-बीज खरीद सके, मगर प्रदेश की समस्त मंडियां बंद होने से उसे अपनी फसल का भुगतान नहीं मिल पर रहा है, जिस वजह से किसान बेहद परेशान है, उसे अपने भविष्य की चिंता सता रही है।"
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यादव ने इस गंभीर विषम स्थिति पर मुख्यमंत्री चौहान की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा , "आखिरकार क्या कारण है कि किसानों को लेकर कथित तौर पर उनके द्वारा बार-बार जताई जाने वाली हमदर्दी आज क्यों खामोश है?"