देसी गायों की डेयरी शुरू करने वालों को मिलेगी 31 लाख तक की सब्सिडी, यहाँ मिलेगी योजना की पूरी जानकारी

Gaon Connection | Sep 14, 2023, 09:40 IST |
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देसी गायों की डेयरी शुरू करने वालों को मिलेगी 31 लाख तक की सब्सिडी
अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं और गोपालन से जुड़ा कोई व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपके लिए प्रदेश सरकार ने नई योजना शुरू की है।
यूपी सरकार ने प्रदेश में गौवंशीय पशुओं की नस्ल सुधार और दूध उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए नन्द बाबा मिशन के तहत नंदिनी कृषक समृद्धि योजना की शुरूआत की है। इस योजना से किसान साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातीरी प्रजाति की गायों का पालन कर सकते हैं।

इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को 25 दुधारू गायों की 35 यूनिट स्थापित करने के लिए गायों की खरीद से लेकर उनके संरक्षण और भरण पोषण के लिए सब्सिडी दी जाएगी। लाभार्थी किसानों को यह सब्सिडी तीन चरणों में दी जाएगी।

शुरुआती चरण में यह योजना प्रदेश के दस मंडल मुख्यालयों के शहरों- अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, झांसी, मेरठ, आगरा और बरेली में शुरू की जाएगी।

इस योजना के तहत किसान साहीवाल, गिर, थारपारकर और गंगातीरी जैसी प्रजाति की गायों का पालन कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने योजना के तहत 25 दुधारू गायों की एक यूनिट स्थापित करने में 62, 50,000 रुपये के खर्च का आकलन किया है। ऐसे में, योगी सरकार लाभार्थी को कुल खर्च पर 50 प्रतिशत अनुदान यानी अधिकतम 31,25,000 रुपये देगी।

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तीन चरण में इस योजना का लाभ दिया जाएगा। पहले चरण में यूनिट बनाने की लागत का 25 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में 25 दुधारू गायों की खरीद, उनके 3 वर्ष के बीमा और किसी दूसरी जगह से लाने का खर्च का 12.5 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। जबकि तीसरे चरण में परियोजना लागत की शेष 12.5 प्रतिशत राशि का अनुदान दिया जाएगा।


इसके लिए कम से कम तीन साल का गोपालन का अनुभव होना चाहिए। गौवंशों की ईयर टैंगिंग होना अनिवार्य है। इसके साथ ही यूनिट की स्थापना के लिए 0.5 एकड़ ज़मीन होना ज़रूरी है। साथ ही, लाभार्थी के पास हरा चारा उगाने के लिए लगभग 1.5 एकड़ ज़मीन होनी चाहिए। यह ज़मीन उसकी खुद की हो सकती है या फिर उसने उसे सात वर्षों के लिए लीज पर लिया हो।

साथ ही जिन किसानों ने पहले कामधेनु, मिनी कामधेनु या माइक्रो कामधेनु योजना का लाभ लिया है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

लाभार्थी का चयन ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन के जरिये किया जाएगा। वहीं, आवेदन की संख्या अधिक होने पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लॉटरी के जरिये चयन किया जाएगा।

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