गांव कनेक्शन को सात लाडली मीडिया अवार्ड्स, जानिए किन खबरों के लिए मिले ये अवार्ड्स

Gaon Connection | Nov 20, 2020, 10:55 IST |
शुक्रवार शाम को आयोजित हुए एक वर्चुअल ऑनलाइन समारोह में लैंगिक समानता के लिए काम करने वाली संस्था 'पॉपुलेशन फर्स्ट' ने साल 2018-2019 के लिए लाडली मीडिया अवार्ड्स दिए, जिसमें गांव कनेक्शन के चार पत्रकारों ने कुल सात अवार्ड्स पर कब्जा जमाया।
लैंगिक समानता के क्षेत्र में काम करने वाली प्रतिष्ठित संस्था 'पॉपुलेशन फर्स्ट' द्वारा साल 2018- 2019 के लिए लाडली मीडिया अवार्ड्स का सम्मान समारोह वर्चुअल माध्यम से 20 नवंबर 2020 को किया गया। यह अवॉर्ड जेंडर सेंसिटिविटी के क्षेत्र में काम करने वाले मीडियाकर्मियों को हर वर्ष दिया जाता है।

पॉपुलेशन फर्स्ट संस्था की ओर से आयोजित दसवें लाडली मीडिया ऐंड ऐडवरटाइजिंग अवार्ड्स फॉर जेंडर सेंसिटिविटी (रीजनल) 2020 में इस बार गांव कनेक्शन के चार पत्रकारों ने कुल सात लाडली मीडिया अवार्ड जीते।

सबसे अधिक चार अवार्ड गांव कनेक्शन की सीनियर रिपोर्टर नीतू सिंह को प्राप्त हुए। उन्हें पहला अवार्ड सीरीज 'अनकही कहानियां' के लिए प्रिंट कैटेगरी में मिला है। इस सीरीज के अन्तर्गत नीतू सिंह ने झारखंड के दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं की बदलाव की उन कहानियों को लिखा था जो देश की लाखों महिलाओं के लिए उदाहरण थीं।

इसके अलावा उन्हें इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग के वेब हिंदी कैटेगरी में खबर का असर: गैंगरेप का आरोपी नईम गिरफ्तार, गाँव कनेक्शन ने उठाया था मामला के लिए अवार्ड मिला है। पिछले साल यूपी के हरदोई जिले में एक 15 साल की दलित बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ था, आरोपी दो महीने से गिरफ्तार नहीं हुआ था जब गाँव कनेक्शन ने इस मामले को प्रमुखता से उठा तो खबर लिखने के 24 घंटे के अन्दर मुख्य आरोपी नईम को गिरफ्तार कर लिया गया था।

इसके अलावा उन्हें लखनऊ में हुए बलात्कार की एक रिपोर्ट First Information Report does not mention rape: Lucknow Horror के लिए वेब अंग्रेजी कैटेगरी में इन्वेस्टिगेटिव स्टोरी का अवार्ड मिला। नीतू सिंह को चौथा अवार्ड उनकी चित्रकूट की एक स्टोरी आपने महिला डॉक्टर, इंजीनियर के बारे में सुना होगा, एक हैंडपंप मैकेनिक से भी मिलिए के लिए वेब हिंदी कैटेगरी का अवार्ड मिला है।

गांव कनेक्शन की डिप्टी मैनेजिंग एडिटर निधि जम्वाल को सुंदरबन की महिलाओं पर किए गए रिपोर्ट 'मेरे गांव को किसने उजाड़ा?' (Who moved my village?) के लिए अंग्रेजी फीचर कैटेगरी में अवार्ड मिला है। यह कहानी बताती है कि सुंदरबन में हुए क्लाइमेट चेंज से वहां की महिलाओं को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

गांव कनेक्शन के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट दया सागर को वेब मल्टीमीडिया कैटेगरी में ज्यूरी अप्रिशिएसन अवार्ड मिला। उन्हें अपनी मल्टीमीडिया स्टोरी 'इस महिला प्रधान ने अपने गांव को बनाया डिजिटल, वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरा और शिकायत के लिए व्हाट्सएप ग्रुप' के लिए यह अवार्ड मिला है, जिसमें एक महिला प्रधान द्वारा अपनी गांव की लड़कियों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए किए गए सकारात्मक प्रयास को प्रमुखता से दिखाया गया है।

गांव कनेक्शन की पूर्व सहयोगी दिति बाजपेई को हरियाणा के जींद जिले के तलौडा गांव की कहानी 'इस गांव में कोई नहीं दे सकता गाली, मिलती है कड़ी सजा' के लिए अंग्रेजी फीचर कैटेगरी में ज्यूरी अप्रिशएसन अवार्ड मिला है।

पॉपुलेशन फर्स्ट संस्था की ओर से आयोजित दसवें लाडली मीडिया ऐंड ऐडवरटाइजिंग अवार्ड्स फॉर जेंडर सेंसिटिविटी (रीजनल) वर्ष 2018-19 में देशभर से 93 मीडियाकर्मियों को 10 भारतीय भाषाओं में लैंगिक संवेदनशीलता पर कवरेज के लिए सम्मानित किया गया है। जिसमें 75 मीडियाकर्मियों को पुरस्कार और 18 को ज्यूरी प्रंशसा पत्र दिया गया है। इस वर्ष पूरे भारत से 10 भाषाओँ में 1100 से ज्यादा प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी जिसका मूल्यांकन 61 ज्यूरी सदस्यों द्वारा चार महीने में किया गया। इन विजेताओं की भाषाएं हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, उड़िया, असमिया, बंगाली, गुजराती और अंग्रेजी है। विजेताओं को चार क्षेत्रों उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण से चुना गया था। श्रेणियां समाचार, फीचर, खोजी कहानी, लेख, संपादकीय, ऑप-एड, कॉलम, पॉडकास्ट, इलेक्ट्रॉनिक, ब्लॉग और सोशल मीडिया अभियान थीं।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने कहा कि ये अवार्ड महिलाओं को प्रोत्साहित करेंगे। लड़की पराई है लड़का अपना है इस मानसिकता को बदलने में मीडिया मदद करने में सहयोग कर सकती है। महिलाओं की मदद के लिए बहुत कानून लागू हैं, कानूनों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मीडिया के मदद की जरूरत है। रिपोर्टिंग और अभियानों के माध्यम से मानसिकता बदलने में काफी हद तक मदद मिलेगी।

पॉपुलेशन फर्स्ट की निदेशक डॉ ए.एल.शारदा ने कहा, "लाडली मीडिया अवार्ड्स यह साबित करता है कि सबसे खराब परिस्थितियों और मुश्किल समय में भी एक आशा है। कई लोग हैं जो पत्रकारिता में अपने पेशे के प्रति सच्चे हैं, संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे हैं। लैंगिक असमानता, भेदभाव और हिंसा के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठा रहे हैं, हमारे राजनेताओं को और हम सभी को आईना दिखा रहे हैं। वे कई महत्वाकांक्षी पत्रकारों और मीडिया व्यक्तियों के लिए रोल मॉडल हैं। हम उन्हें गर्व के साथ सम्मानित करते हैं।"

आप इस अवार्ड समारोह को यहां देख सकते हैं-



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