ओडिशा: तुम्बा शिल्प की सुंदरता आदिवासी परिवारों की आजीविका का साधन
ओडिशा: तुम्बा शिल्प की सुंदरता आदिवासी परिवारों की आजीविका का साधन

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

भारतीय रसोई में इसकी उपलब्‍धता खूब होती है, लेकिन विनम्र दिखने वाली लौकी को शायद ही कभी गंभीरता से लिया जाता है। हालांकि अपने स्वाद के लिए जानी जाने वाली ये सब्‍जी ओडिशा के आदिवासी तुम्बा कलाकारों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। वे इन सब्जियों को सुखाकर, तराशकर और रंगों से सजाकर उत्पाद बनाते हैं।

ओडिशा के क्योंझर जिले में रद्दी कागज की लुग्दी से कई तरह के उत्पाद बनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं महिलाएं
ओडिशा के क्योंझर जिले में रद्दी कागज की लुग्दी से कई तरह के उत्पाद बनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं हैं महिलाएं

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

ओडिशा के क्योंझर जिले में लगभग 70 महिलाएं रद्दी कागज की लुग्दी से कई तरह के उत्पाद बना रहीं हैं। इन सामूहिक प्रयासों का परिणाम यह भी हुआ है कि इन महिलाओं की बेहतर कमाई हो रही है, क्योंकि उनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद की अच्छी खासी बिक्री हो जाती है।

कभी लोग ‘कचरा बीनने वाली’ कहकर मजाक उड़ाते थे, आज 40 महिलाओं को दे रहीं है रोजगार
कभी लोग ‘कचरा बीनने वाली’ कहकर मजाक उड़ाते थे, आज 40 महिलाओं को दे रहीं है रोजगार

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

कमला मोहराना ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के एक छोटे से गाँव में उस महिला स्वयं सहायता समूह का हिस्सा हैं, जो दूध के पाउच, सिगरेट के पैकेट, गुटखा के रैपर को बड़ी कुशलता के साथ सुंदर शिल्प में बदलने का काम कर रहा है। इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि उनके गाँव और आसपास के इलाके में साफ-सफाई भी हो रही है।

ग्रामीण ओडिशा में अनाज भंडारण करने का देसी तरीका 'गोला', लेकिन अब लुप्त होने का डर
ग्रामीण ओडिशा में अनाज भंडारण करने का देसी तरीका 'गोला', लेकिन अब लुप्त होने का डर

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

गोला एक पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल भंडारण सुविधा है जो कभी ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत आम है। इसे बांस से बनाया जाता है। फिर इसे मिट्टी और गाय के गोबर से लेप किया जाता है और इसके ऊपर फूस की छत होती है। इनमें धान और दूसरे अनाज कटाई के तुरंत बाद रखे जा सकते हैं। लेकिन, ये साइलो धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।

कार्तिक पूर्णिमा और केंद्रपाड़ा, ओडिशा की पारंपरिक नाव कलाकारी
कार्तिक पूर्णिमा और केंद्रपाड़ा, ओडिशा की पारंपरिक नाव कलाकारी

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

केंद्रपाड़ा जिले के पोसी का गाँव वैसे तो शांत-शांत सा रहता है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा से पहले यहां काफी हलचल होने लगती है। कारीगर परिवार समुद्री उत्सव को मनाने के लिए पानी में चलने वाली छोटी नौका बनाने में व्यस्त हो जाते हैं

दुर्गा पूजा के लिए पंडाल को चांदी की कारीगरी 'चांदी मेढा' से सजाते हैं ये कलाकार
दुर्गा पूजा के लिए पंडाल को चांदी की कारीगरी 'चांदी मेढा' से सजाते हैं ये कलाकार

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

चांदी मेढा दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों के लिए चांदी की पारंपरिक सजावट है। ओडिशा के कटक में ये कारीगर सजावटी सामान बनाने पूरी तरह से व्यस्त हैं, जो 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले दुर्गा पूजा पंडालों को सजाएंगे।

एक बार फिर ओडिशा की जौकंधेई लाख गुड़िया बनाने वाले पारंपरिक कलाकारों को दिख रही उम्मीद की किरण
एक बार फिर ओडिशा की जौकंधेई लाख गुड़िया बनाने वाले पारंपरिक कलाकारों को दिख रही उम्मीद की किरण

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

जौकंधेई ओडिशा की एक पारंपरिक लोक कला है जो राज्य की संस्कृति, साहित्य, कला, धर्म और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करती है। जौकंधेई गुड़िया आमतौर पर एक पुरुष और एक महिला के साथ जोड़े में होती हैं, इन्हें शुभ प्रतीक माना जाता है।

पारंपरिक शॉल की बुनाई से अपनी आमदनी बढ़ाने वाली डोंगरिया कोंध आदिवासी महिलाएं
पारंपरिक शॉल की बुनाई से अपनी आमदनी बढ़ाने वाली डोंगरिया कोंध आदिवासी महिलाएं

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

ओड़िशा में डोंगरिया कोंध आदिवासी समुदाय में आदिवासी मोटिफ के साथ शॉल की बुनाई और कढ़ाई करना एक पुरानी प्रथा रही है। सालों पुरानी यही कला रायगडा जिले में 18,00 आदिवासी महिलाओं के लिए आय का एक अहम जरिया भी बन गई है। उनके पारंपरिक शॉल दूर-दूर तक बेचे और खरीदे जा रहे हैं। वे अब अपनी इस मेहनत के लिए जीआई टैग के इंतजार में हैं।

ओडिशा: एक हफ्ते से लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से 12 जिलों में ठहर गई है लाखों लोगों की ज़िंदगी
ओडिशा: एक हफ्ते से लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से 12 जिलों में ठहर गई है लाखों लोगों की ज़िंदगी

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

ओड़िशा में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ ने न केवल महानदी नदी बेसिन में परिवहन और कनेक्टिविटी को बाधित किया है, बल्कि किसानों को भी काफी नुकसान हो रहा है। साथ ही, प्रभावित आबादी के लिए राहत की उम्मीद बहुत कम है क्योंकि अभी यहां और बारिश होने की उम्मीद है।

ढोकरा शिल्प: ओडिशा के आदिवासी परिवारों की जिंदगी में खुशी ला रही यह शिल्प कला
ढोकरा शिल्प: ओडिशा के आदिवासी परिवारों की जिंदगी में खुशी ला रही यह शिल्प कला

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

पुराने ढोकरा शिल्प को अपनाने और उस पर काम करने की वजह से न सिर्फ ओडिशा के कई आदिवासी निवासियों को रोजी रोटी कमाने में मदद मिली है, बल्कि यह भी सुनिश्चित हुआ है कि वह अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उनके उत्पादों को ओडिशा ग्रामीण विकास और विपणन सोसायटी बाजार तक पहुंचाने में मदद भी कर रही है।

इमली केक बना ओडिशा की आदिवासी महिलाओं की कमाई का जरिया
इमली केक बना ओडिशा की आदिवासी महिलाओं की कमाई का जरिया

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

ओडिशा के रायगड़ा में आदिवासी समुदाय इमली से केक बनाकर बाजार में बेच रहा है, जिससे उन्हें बढ़िया मुनाफा भी हो रहा है। जोकि बिसामकटक और काशीपुर ब्लॉक के जंगलों में आसानी से मिल जाती हैं।

ओडिशा की रायगड़ा जिले की 6 पंचायतों में कालरा का प्रकोप, कई लोगों की मौत
ओडिशा की रायगड़ा जिले की 6 पंचायतों में कालरा का प्रकोप, कई लोगों की मौत

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

रायगड़ा के कालरा प्रभावित काशीपुर ब्लॉक के ग्रामीणों की शिकायत है कि उन्हें ट्यूबवेल, खुले कुओं और तालाबों का दूषित पानी पीने के लिए मजबूर किया गया है, जिससे घातक जीवाणु रोग फैल गया है। सरकार युद्धस्तर पर कार्रवाई करने का दावा कर रही है।

जगन्नाथ यात्रा: ओडिशा का आदिवासी समुदाय बनाता है दुनिया के सबसे बड़े रथ को खींचने वाली रस्सियां
जगन्नाथ यात्रा: ओडिशा का आदिवासी समुदाय बनाता है दुनिया के सबसे बड़े रथ को खींचने वाली रस्सियां

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

ओडिशा के केंदुझर जिले में जुलाई के पहले सप्ताह में होने वाली जगन्नाथ यात्रा के भव्य आयोजन की तैयारी चल रही है। प्रदेश आदिवासी समुदाय के लोग रथों को मंदिर तक ले जाने के लिए जरूरी रस्सियां बना रहे हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा: रथों को अंतिम रूप देने में लगे हैं बढ़ई, चित्रकार और कारीगर
जगन्नाथ रथ यात्रा: रथों को अंतिम रूप देने में लगे हैं बढ़ई, चित्रकार और कारीगर

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

कोरोना महामारी के 2 साल के बाद, ओडिशा के पुरी में 1 जुलाई से शुरू होने वाली रथ यात्रा में इस बार आम जनता भी शामिल हो सकेगी। इस बार कम से कम 15 लाख भक्तों के आने की उम्मीद है। बढ़ई और चित्रकार रात भर काम कर रहे हैं, ताकि रथों को बनाने का काम पूरा कर सकें।

ओडिशा का अनोखा पर्व राजा परबा, जिसमें मासिक धर्म के दौरान की जाती है धरती माँ की पूजा
ओडिशा का अनोखा पर्व राजा परबा, जिसमें मासिक धर्म के दौरान की जाती है धरती माँ की पूजा

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

चार दिवसीय राजा परबा उत्सव के दौरान, यह माना जाता है कि भू-देवी (धरती माता) को मासिक धर्म आता है, और वह भविष्य की कृषि गतिविधियों के लिए खुद को तैयार करती हैं, जिसकी वजह से सभी कृषि गतिविधियां जैसे मिट्टी की खुदाई और खेत की जुताई बंद हो जाती हैं। इस पर्व में महिलाओं खास कर कुंवारी लड़कियों का अहम स्थान होता है।

ओडिशा: स्थानीय मछुआरे और ग्रामीण चिल्का झील में दुनिया की पहली फिशिंग कैट गणना में कर रहे मदद
ओडिशा: स्थानीय मछुआरे और ग्रामीण चिल्का झील में दुनिया की पहली फिशिंग कैट गणना में कर रहे मदद

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

चिल्का डेवलपमेंट अथॉरिटी चिल्का में मछली पकड़ने वाली बिल्लियों की हिफाजत के लिए पंचवर्षीय कार्य योजना पर काम कर रहा है। मछली पकड़ने वाली बिल्ली को आईयूसीएन रेड लिस्ट में लुप्तप्राय प्रजातियों के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जिसका मतलब है कि यह विलुप्त होने के एक बड़े खतरे का सामना कर रही है।

ओडिशा के सतकोसिया वन्यजीव अभयारण्य से घड़ियालों के संरक्षण की अच्छी खबर
ओडिशा के सतकोसिया वन्यजीव अभयारण्य से घड़ियालों के संरक्षण की अच्छी खबर

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

घड़ियाल महानदी और उसकी सहायक नदियों के साथ हिमालयन पोषित नदियों में पाया जाता है। यह इंसानों के लिए खतरा नहीं है। लेकिन खारे पानी के मगरमच्छ आदमखोर होते हैं और बहुत सारे लोग अनजाने में घड़ियाल को खारे पानी के मगरमच्छों से जोड़ देते हैं, जिसकी वजह से घड़ियालों की जान अब खतरे में है।

असानी चक्रवात का असर: लुप्तप्राय ओलिव रिडले के हजारों अंडे समुद्र की लहरों के साथ बह गए
असानी चक्रवात का असर: लुप्तप्राय ओलिव रिडले के हजारों अंडे समुद्र की लहरों के साथ बह गए

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

असानी चक्रवात के असर की वजह से रुशिकुल्या में समुद्री लहरों ने घोंसलों की जगह को डुबो दिया। जिसकी वजह से कछुओं के लगभग 25 प्रतिशत अंडे खराब हो गए। बरहामपुर वन मंडल के सहायक वन संरक्षक अशोक बेहरा ने गाँव कनेक्शन को बताया।

ओडिशा: अंडों से बाहर निकलकर लाखों की संख्या में लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुओं ने शुरू की अपनी समुद्री यात्रा
ओडिशा: अंडों से बाहर निकलकर लाखों की संख्या में लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुओं ने शुरू की अपनी समुद्री यात्रा

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

गहिरमाथा समुद्री पनाहगाह जज़ीरों में लुप्तप्राय ओलिव रिडले समुद्री कछुओं के रिकॉर्ड घोंसले के बाद सफल इनक्युबेशन से, लाखों बच्चे अंडों से बाहर आकर बंगाल की खाड़ी के पानी में छलांग लगा कर अपने समुद्री जीवन की शुरुआत कर रहे हैं। इन कछुओं के बारे में ज्यादा जानने के लिए इस रिपोर्ट को पढ़ें।

ओडिशा: सड़कों पर कलाबाजी दिखाने से लेकर चटाई बनाने का सफर, एक आदिवासी समुदाय की कहानी
ओडिशा: सड़कों पर कलाबाजी दिखाने से लेकर चटाई बनाने का सफर, एक आदिवासी समुदाय की कहानी

Tue, 13 Aug 2024

By Ashis Senapati

ओडिशा में मुंडापोटा केला जनजाति की युवा पीढ़ी अपने बड़ों को हमेशा रोजी रोटी के लिए अपनी सांस रोक कर अपने सर को मिट्टी में दबाते देखा है। लेकिन इस समुदाय के कई सदस्य अब खजूर के पत्तों से चटाई और झाड़ू बना रहे हैं ताकि रोजाना की मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जा सके। हालांकि, ये समुदाय अभी भी पीने के साफ पानी के लिए तरस रहा है।

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